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भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में सितंबर 2024 में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2024 में आईआईपी में -0.1 प्रतिशत की गिरावट के बाद सितंबर में यह उल्लेखनीय सुधार दर्शाता है। सितंबर 2023 में समग्र सूचकांक 142.3 था, जो अब बढ़कर 146.7 हो गया है। इस बढ़ोतरी के पीछे विनिर्माण क्षेत्र का विशेष योगदान रहा, जिससे कई प्रमुख उद्योगों में सुधार देखने को मिला।
प्रमुख क्षेत्रों में प्रदर्शन-
तीन मुख्य क्षेत्र - खनन, विनिर्माण और बिजली - ने इस अवधि में अलग-अलग प्रदर्शन किए। खनन क्षेत्र में 0.2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र ने 3.9 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की, जो औद्योगिक उत्पादन में सबसे प्रमुख योगदानकर्ता साबित हुआ। बिजली उत्पादन में भी संतोषजनक प्रदर्शन देखा गया, जिसने आईआईपी वृद्धि को मजबूती दी।
विनिर्माण क्षेत्र में उछाल-
विनिर्माण क्षेत्र में कुछ विशेष उत्पादों का योगदान काफी अहम रहा। "कोक और परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के विनिर्माण" में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो इस श्रेणी के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार है। इसके साथ ही "मूल धातुओं के विनिर्माण" में 2.5 प्रतिशत और "विद्युत उपकरणों के विनिर्माण" में प्रभावशाली 18.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि समग्र औद्योगिक उत्पादन में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी का संकेत है।
विभिन्न वस्तुओं की श्रेणियों में वृद्धि-
आईआईपी रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर 2024 में प्राथमिक वस्तुओं की वृद्धि दर 1.8 प्रतिशत रही, जबकि पूंजीगत वस्तुओं में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। मध्यवर्ती वस्तुओं में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे समग्र आईआईपी में बड़ा योगदान मिला। बुनियादी ढांचे और निर्माण वस्तुओं में भी 3.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो सभी श्रेणियों में सबसे अधिक है और उपभोक्ता मांग में सुधार का संकेत देती है।
गैर-टिकाऊ वस्तुओं में वृद्धि-
उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं में भी 2.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो विभिन्न उपभोक्ता और औद्योगिक क्षेत्रों में मजबूत मांग को दर्शाता है। इनमें से इंटरमीडिएट गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और प्राइमरी गुड्स ने सितंबर के आईआईपी में शीर्ष योगदानकर्ता के रूप में उभरकर समग्र औद्योगिक विकास को दिशा दी है।
क्या है विशेषज्ञों का मानना?
आईआईपी में दर्ज हुई यह बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्र के स्थिर सुधार का संकेत देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि से रोजगार सृजन में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 12 November, 2024, 7:55 pm
Author Info : Baten UP Ki