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वैश्विक मंच पर भारत ने दिखाई आर्थिक ताकत, बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में हासिल किया ये मुकाम

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भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक ताकत का एक नया उदाहरण पेश किया है। उच्च प्रदर्शन करने वाली कंपनियों की संख्या में भारत ने दुनिया में दूसरा स्थान हासिल किया है, जिसमें केवल अमेरिका आगे है। डीएसपी म्यूचुअल फंड्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियां पिछले एक दशक से लगातार इक्विटी पर 20% से अधिक रिटर्न देने में सक्षम रही हैं। यह न केवल देश के व्यापारिक तंत्र की स्थिरता और प्रबंधन कुशलता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय शेयर बाजार की मजबूती और उसके मजबूत बुनियादी ढांचे की कहानी भी बयां करता है।

भारतीय शेयर बाजार की सफलता का आधार-

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के शेयर बाजार का आरओई (रिटर्न ऑन इक्विटी) दुनिया में सबसे मजबूत है। यह भारतीय कंपनियों की वित्तीय स्थिरता और उनके प्रबंधन की कुशलता को दर्शाता है। एक स्थिर और उच्च आरओई न केवल निवेशकों को आकर्षित करता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है।

वैश्विक संकट में भी दिखाया दमखम-

भारत की 39 कंपनियों ने पिछले 20 वर्षों में अपनी बुक वैल्यू में लगातार सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। इनमें से सात कंपनियों ने असाधारण प्रदर्शन किया है। खास बात यह है कि 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड-19 महामारी जैसी बड़ी चुनौतियों के बावजूद इन कंपनियों का प्रदर्शन प्रभावित नहीं हुआ।

कंपनियों की सफलता के प्रमुख कारण

1. बुक वैल्यू में निरंतर वृद्धि

किसी कंपनी की बुक वैल्यू में लगातार वृद्धि इस बात का संकेत है कि वह अपने निवेशकों को लंबे समय तक उच्च रिटर्न देने में सक्षम है। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन-चौथाई से अधिक भारतीय कंपनियों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपनी बुक वैल्यू को बढ़ाया है।

2. कुशल वित्तीय प्रबंधन

भारतीय कंपनियां दक्ष प्रबंधन प्रथाओं का पालन करती हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बनी रहती है। यह निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने में मदद करता है।

3. दीर्घकालिक दृष्टिकोण

भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र ने लंबे समय के विकास को प्राथमिकता दी है। यह दृष्टिकोण उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखता है।

भारत की स्थिति: वैश्विक मंच पर मजबूत खिलाड़ी-

भारतीय अर्थव्यवस्था ने साबित किया है कि वह वैश्विक संकटों का सामना करने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के पास तेज आर्थिक विकास के लिए ठोस आधार है। भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र की ताकत ने घरेलू शेयर बाजार को एक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिलाई है।

अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भारत का योगदान-

  • शेयर बाजार में भरोसा: भारतीय कंपनियों की स्थिरता और प्रदर्शन ने विदेशी निवेशकों का ध्यान खींचा है।
  • विकास के नए अवसर: भारत का मजबूत आरओई और वित्तीय सेहत विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए आदर्श माहौल प्रदान करता है।
  • लंबी अवधि में प्रभाव: भारत की कंपनियां वैश्विक अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभर रही हैं।

विकास के नए मील पत्थर-

भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और कंपनियों की स्थिर वित्तीय स्थिति यह साबित करती है कि देश वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। उच्च प्रदर्शन वाली कंपनियों की संख्या में दूसरे स्थान पर आना भारतीय व्यवसायों की क्षमता और उनकी प्रबंधन कुशलता का प्रमाण है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देती है, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की मजबूत स्थिति को भी रेखांकित करती है।

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