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सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर नियंत्रण लगाने की तैयारी कर रही है। खबर है कि जल्द ही वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए बिल लाया जा सकता है। अब कहा जा रहा है कि इसमें बदलाव के तहत महिलाओं को भी हर इकाई का सदस्य बनाना शामिल किया जा सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते दिनों कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में 40 संशोधनों पर मुहर लगाई है। वक्फ बोर्ड होता क्या है और इसमें काम क्या होता है आइए विस्तार से जानते हैं-
क्या होता है वक्फ बोर्ड?
वक्फ एक अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु इसके दायरे में चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां आती हैं। कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पैसा, जमीन, मकान या कोई और कीमती चीज वक्फ को दान कर सकता है। इन संपत्तियों के रख-रखाव और उसे मैनेज करने के लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ बॉडीज होती हैं।
इस्लाम के जानकारों के मुताबिक वक्फ बोर्ड को जो संपत्ति दान में मिलती है, उसका मकसद गरीब और जरूरतमंदों की मदद, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था, मस्जिदों का निर्माण, मरम्मत या रख-रखाव और अन्य धार्मिक कार्यों में मदद करना है।
वक्फ बोर्ड से जुड़े कामकाज?
वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं। इनमें से अधिकतर के मुख्यालय दिल्ली में है। केंद्र सरकार का सेट्रल वक्फ काउंसिल इन वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल कर काम करता है। बता दें कि साल 1954 में वक्फ एक्ट (Waqf Act 1954) पास किया गया, जिसका मकसद वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना और तमाम प्रावधान करना था। इस एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे से लेकर रख-रखाव तक को लेकर प्रावधान हैं। इस एक्ट में दिये गए प्रावधानों के मुताबिक साल 1964 में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Board) का गठन हुआ। यह वक्फ बोर्डों के कामकाज के मामलों में एक तरीके से केंद्र सरकार को सलाह देती है। साल 1995 में वक्फ एक्ट (Waqf Act) में बदलाव भी किया गया और हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई। पिछले साल अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं। बता दें कि यूपी में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है। यूपी में सुन्नी बोर्ड के पास कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं, जबकि शिया बोर्ड के पास 15 हजार 386 संपत्तियां हैं।
वक्फ बोर्ड को अधिकार
मौजूदा समय में सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है। वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा दिया गया है, जो किसी ट्रस्ट आदि से ऊपर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है। अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है। वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।
वक्फ बोर्ड से जुड़े मौजूदा कानून में बदलाव
अगर सरकार वक्फ बोर्ड से जुड़े मौजूदा कानून में बदलाव करती है तो इससे क्या होगा यह भी जान लेते हैं। दरअसल मौजूदा कानून के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों में दखल नहीं दे सकती हैं। संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर में रजिस्टर्ड करानी होगी, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन हो सके। राजस्व की जांच हो सकेगी। नए बिल में यह प्रावधान होगा कि सिर्फ मुस्लिम ही वक्फ संपत्ति बना सकते हैं। बोर्ड के स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाएगा और इसमें महिलाओं की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य शामिल होंगी। प्रत्येक राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी। अभी तक महिलाएं वक्फ बोर्ड और काउंसिल की सदस्य नहीं हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 August, 2024, 8:21 pm
Author Info : Baten UP Ki