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कभी कालीन और बर्तन... अब चिप और मीट! जानिए कैसे बदल रहा है यूपी का Export

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उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर साबित किया है कि वह अब केवल खेती-बाड़ी या पारंपरिक उद्योगों का प्रदेश नहीं रहा, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन का मजबूत हिस्सा बनता जा रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपी से कुल ₹46,131 करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक्स और ₹19,781 करोड़ के मीट प्रॉडक्ट्स का निर्यात हुआ — जो राज्य के निर्यात में टॉप दो सेक्टर बन गए हैं।

मीट सेक्टर में 1500 करोड़ की ग्रोथ

सिर्फ एक साल में मीट सेक्टर ने ₹1,500 करोड़ की ग्रोथ दर्ज की है। जहां 2023-24 में ये आंकड़ा ₹18,505 करोड़ था, वहीं 2024-25 में ये बढ़कर ₹19,781 करोड़ पहुंच गया। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ में बढ़ोतरी ने इस ग्रोथ को गंभीर चुनौती दे दी है। FIEO अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के अनुसार, “US मार्केट में हमारे 55% शिपमेंट्स सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। 50% टैरिफ लागू होने से लागत बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा में नुकसान होगा।”

टॉप-10 निर्यात उत्पादों में 9 सेक्टरों की सकारात्मक ग्रोथ

FIEO की रिपोर्ट बताती है कि यूपी के शीर्ष 10 निर्यात सेक्टरों में से 9 में ग्रोथ देखने को मिली है:

उत्पाद निर्यात (₹ हजार करोड़) 23-24 24-25
इलेक्ट्रॉनिक्स 38,756 46,131
मीट उत्पाद 18,505 19,781
टेक्सटाइल 14,054 15,551
मशीनरी 7,297 8,307
फुटवियर 7,141 7,252
कालीन उद्योग 5,516 6,267
धातु उत्पाद 5,668 6,073
वाहन कलपुर्जे 4,695 5,031
फर्नीचर व लाइटिंग 4,352 4,747
जेम्स व ज्वैलरी 6,727 4,519 ⬅️ (एकमात्र गिरावट)

यू.पी. से होने वाले निर्यात का 19% हिस्सा अमेरिका जाता है, इसके बाद यूके (7%), यूएई (6%) और जर्मनी (5%) जैसे देश हैं। 2024-25 में अमेरिका को होने वाला निर्यात ₹3,000 करोड़ बढ़कर ₹35,545 करोड़ तक पहुंच गया।

देश निर्यात (₹ करोड़) 23-24 24-25
अमेरिका 32,490 35,545
यूके 9,822 12,385
जर्मनी 8,646 9,763
नेपाल 8,661 9,433

इस ग्रोथ के पीछे “एक जिला एक उत्पाद”, फ्रेट कॉरिडोर, लॉजिस्टिक्स पार्क, और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब जैसी राज्य सरकार की पहलों का बड़ा हाथ है। UP अब केवल पारंपरिक उद्योगों जैसे कालीन, फुटवियर, और बर्तन शिल्प में ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, जेम्स-ज्वैलरी और फर्नीचर सेक्टर में भी मजबूत क़दम रख रहा है।

क्या अमेरिकी टैरिफ से टूटेगा मोमेंटम?

निर्यातकों की चिंता यह है कि उच्च टैरिफ के चलते अमेरिका में प्रतिस्पर्धा करना महंगा हो जाएगा, जिससे कई आर्डर पहले ही रद्द हो चुके हैं। सरकार को चाहिए कि वो FTA (Free Trade Agreements) और बिजनेस डिप्लोमैसी के ज़रिए इस संकट को टाले। यूपी का निर्यात भविष्य तेज़ी से ग्लोबल हो रहा है। अगर अमेरिकी बाजार में नया संतुलन बना लिया गया, तो यूपी जल्द ही देश के टॉप 3 निर्यातकों में शामिल हो सकता है।

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