उत्तर प्रदेश में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही 'विद्युत सखी योजना' ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन को नई दिशा दी है। इस योजना के तहत महिलाएं न सिर्फ अपने परिवारों का आर्थिक संबल बन रही हैं, बल्कि समाज में भी अहम योगदान दे रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, इस योजना से जुड़ी 10,500 से अधिक 'विद्युत सखियों' ने अब तक 1,120 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल जमा किया है और 14.6 करोड़ रुपये कमीशन अर्जित किया है।
'विद्युत सखी' की प्रेरणादायक कहानी
बाराबंकी के सिलौटा गांव की रहने वाली राजश्री शुक्ला ने 'विद्युत सखी योजना' के तहत जुड़कर न सिर्फ अपनी आय में वृद्धि की, बल्कि अपने गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बनीं। राजश्री अब हर महीने 50,000 रुपये से अधिक का कमीशन कमा रही हैं और उन्होंने जुलाई 2024 में 81,900 रुपये का कमीशन अर्जित कर प्रदेश की शीर्ष 10 'विद्युत सखियों' में अपना नाम दर्ज कराया। राजश्री कहती हैं, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस योजना ने मेरे जीवन को बदल दिया है। अब मैं अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उठा रही हूं और गांव की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हूं।”
ग्रामीण जीवन में क्रांति
विद्युत सखी के रूप में, राजश्री शुक्ला घर-घर जाकर ग्रामीणों के बिजली बिल जमा करती हैं। इससे न केवल ग्रामीणों को लंबी कतारों में खड़े होने से मुक्ति मिलती है, बल्कि उनका समय भी बचता है। यह योजना ग्रामीण इलाकों में सुविधाजनक बिजली बिल भुगतान की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। 'विद्युत सखी योजना' के तहत, महिलाएं घर बैठे बिजली बिल जमा करने की सेवा उपलब्ध कराती हैं, जिससे ग्रामीणों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव हो रहा है।
30 हजार से अधिक महिलाओं को मिला अवसर
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक 30,000 से अधिक महिलाओं का चयन 'विद्युत सखी योजना' के तहत किया जा चुका है। इनमें से 10,500 से अधिक महिलाएं पहले से ही कार्यरत हैं और प्रदेश भर में मीटर रीडिंग और बिजली बिल कलेक्शन का काम कर रही हैं। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनकी आय में वृद्धि करना है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
बिजली सखियों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण
'विद्युत सखी योजना' के तहत महिलाएं 'विद्युत सखी ऐप' का उपयोग करके बिजली बिलों का भुगतान करती हैं और उसी ऐप के माध्यम से कमीशन भी प्राप्त करती हैं। इससे बिजली सखियों को उपकेंद्र जाने की जरूरत नहीं पड़ती, और उन्हें घर बैठे ही आय अर्जित करने का अवसर मिलता है। यह ऐप महिलाओं को डिजिटल सशक्तिकरण के साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
हर महीने 50 हजार रुपये से अधिक की कमाई
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की बिजली सखियां हर महीने 6,000 से 8,000 रुपये तक की आय कमा रही हैं। कुछ महिलाओं, जैसे राजश्री शुक्ला, ने इस योजना के तहत अपनी आय 50,000 रुपये से अधिक कर ली है। ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 रुपये तक के बिजली बिल भुगतान पर 20 रुपये प्रति बिल कमीशन मिलता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 3,000 रुपये तक के बिल पर 12 रुपये प्रति बिल कमीशन दिया जाता है। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होने में मदद मिल रही है।
महिला सशक्तिकरण की ओर योगी सरकार के ठोस कदम
'विद्युत सखी योजना' योगी सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के जरिए महिलाएं न केवल खुद आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने परिवारों और समाज में भी योगदान दे रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल राज्य की महिलाओं को वित्तीय और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
राजश्री जैसी 'विद्युत सखियां' बदल रही हैं प्रदेश की तस्वीर
राजश्री शुक्ला जैसी 'विद्युत सखियां' इस योजना का जीवंत उदाहरण हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपने जीवन में सुधार किया है, बल्कि अपने गांव और प्रदेश में भी सकारात्मक बदलाव लाया है। विद्युत सखी योजना महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ा रही है। इससे नारी शक्ति को अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिल रहा है, जो भविष्य में पूरे राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस योजना के माध्यम से योगी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि नारी शक्ति को सही दिशा और समर्थन मिले तो वे न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज की तस्वीर बदल सकती हैं।