उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की अपार संभावनाओं और संसाधनों को पहचानते हुए कहा कि रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश वह मुकाम हासिल कर सकता है, जो फिलहाल दुनिया के छोटे-छोटे देशों के पास है। उनके अनुसार, यूपी में न केवल प्राकृतिक संसाधन हैं, बल्कि एक बड़ी कार्यकुशल आबादी भी है। अगर इस आबादी को सही दिशा में, जैसे रेशम उत्पादन, प्रोसेसिंग, डिजाइनिंग और मार्केटिंग में लगाया जाए, तो यूपी वैश्विक रेडिमेड गारमेंट्स बाजार में एक मजबूत स्थान बना सकता है।
रेशम उत्पादन में 84 गुना वृद्धि-
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि यूपी ने रेशम उत्पादन में 84 गुना बढ़ोतरी की है, जिससे एक दिन यूपी देश के अग्रणी रेशम उत्पादक राज्यों में शामिल हो सकता है।
सिल्क एक्सपो का उद्घाटन-
सीएम ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 22 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले सिल्क एक्सपो का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन किया और पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान से 16 किसानों, उद्यमियों, संस्थाओं और डिजाइनरों को सम्मानित किया।
ओडीओपी: 75 जनपदों का यूनिक प्रोडक्ट-
2017 में भाजपा सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश ने परंपरागत उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' (ODOP) योजना की शुरुआत की। इसके तहत प्रदेश के 75 जनपदों को उनके एक विशिष्ट उत्पाद के लिए पहचान दी गई। इसका परिणाम यह हुआ कि न केवल रोजगार का सृजन हुआ, बल्कि इन उत्पादों का निर्यात भी प्रारंभ हो गया।
75 जनपदों के 75 जीआई प्रोडक्ट-
यूपी के हर जिले से एक अनोखा उत्पाद चुनकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा दिया गया। वाराणसी, भदोही और मुबारकपुर की साड़ियां इस क्षेत्र में यूपी की पहचान बन गई हैं।
रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम-
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कपड़ा केवल जीवन की आवश्यक वस्त्र ही नहीं, बल्कि यह रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम भी है। यूपी के किसानों और युवाओं को इसमें अपार संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। सिल्क उत्पादन और उससे जुड़े उद्योग रोजगार सृजन के नए रास्ते खोल रहे हैं।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री का नया हब-
उत्तर प्रदेश के लखनऊ-हरदोई बॉर्डर पर पीएम मित्र पार्क बनने जा रहा है, जिसमें टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े अनेक उद्योग स्थापित होंगे। यह पार्क प्रदेश की टेक्सटाइल उद्योग की संभावनाओं को और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
स्थानीय कच्चा माल, सस्ती लागत-
सीएम ने कहा कि यदि किसान रेशम उत्पादन में बढ़ोतरी करें, तो कच्चा माल सस्ता मिलेगा, जिससे वस्त्र उत्पादन की लागत भी कम हो जाएगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक मौके मिलेंगे।
कृषि और वस्त्र उद्योग में नई संभावनाएं-
उत्तर प्रदेश के पास 9 अलग-अलग क्लाइमेटिक जोन हैं, जो विभिन्न कृषि उत्पादों और वस्त्र उद्योग में नए अवसर पैदा करते हैं। मुख्यमंत्री ने वाराणसी-आजमगढ़ के रेशम उद्योग को प्राचीन समय से एक कलस्टर के रूप में वर्णित किया और इसे और विकसित करने पर जोर दिया।
लोकल उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग-
सरकार का लक्ष्य लोकल स्तर पर रेशम उत्पादन और प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना है। इससे उत्पादों की लागत कम होगी और उन्हें मार्केट में आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा।
महिला सशक्तिकरण और आधी आबादी के स्वावलंबन का अवसर
रेशम उत्पादन और प्रोसेसिंग के साथ-साथ महिलाओं के स्वावलंबन के लिए यह उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत ऐसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
खादी से रेशम तक का सफर-
सीएम ने खादी के विकास का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले हाथ से चलने वाला चरखा था, फिर इलेक्ट्रिक चरखा आया, और अब सोलर चरखा भी उपलब्ध है। इसी प्रकार रेशम उत्पादन में भी नई तकनीक को शामिल किया जा रहा है, जो उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा देगी।
यूपी की संभावनाओं का प्रतिनिधित्व-
रेशम मित्र योजना के तहत ऐसे किसानों और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो प्रदेश के सिल्क कलस्टर को और बढ़ावा दे सकें। सीएम ने कहा कि रेशम मित्र यूपी की संभावनाओं को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण साधन बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश रेडीमेड गारमेंट्स और रेशम उद्योगम-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश रेडीमेड गारमेंट्स और रेशम उद्योग में एक नई क्रांति की ओर बढ़ रहा है। स्थानीय कच्चे माल का उपयोग, आधुनिक तकनीक का समावेश और सरकार की विभिन्न योजनाओं का समर्थन, ये सभी पहलू प्रदेश को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।