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भारत में रक्षा निर्माण को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश तेजी से रक्षा उत्पादों का केंद्र बनता जा रहा है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की अवधारणा को 2018-19 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था। अब सात साल बाद यह सपना साकार होता दिख रहा है। शनिवार को लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली जुड़े, जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूनिट से जुड़कर इसकी शुरुआत की। राजनाथ सिंह ने कहा, "ब्रह्मोस की धमक अब रावलपिंडी तक सुनाई दे रही है।" यह बयान भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। अब यूपी धीरे-धीरे रक्षा उत्पादन में देश का सबसे बड़ा खिलाड़ी बनने की ओर बढ़ रहा है।
6 शहर, एक लक्ष्य – आत्मनिर्भर भारत
उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के तहत लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़ और चित्रकूट को चुना गया है। इन शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी और रणनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए चयनित किया गया है। राज्य सरकार के अनुसार जनवरी 2025 तक डिफेंस कॉरिडोर के लिए 169 कंपनियों के साथ 28,475 करोड़ रुपए के MOU साइन किए जा चुके हैं। इनमें से 57 कंपनियों को जमीन आवंटित की जा चुकी है और कुल 1,649 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। यह कॉरिडोर आने वाले वर्षों में 46,667 से अधिक लोगों को रोजगार देगा।
कैसी है शहरवार डिफेंस उत्पादन की स्थिति?
1. कानपुर: हल्के एयरक्राफ्ट, ड्रोन, राइफल और एम्युनिशन हब
कानपुर में अडाणी ग्रुप की यूनिट 250 एकड़ में बन चुकी है, जहां 41 प्रकार के हथियार बनाए जा रहे हैं। ये यूनिट एशिया का सबसे बड़ा एम्युनिशन कॉम्प्लेक्स बन गई है। यहां ड्रोन, कार्बाइन, पिस्टल, AK-47, तोप, स्नाइपर राइफल आदि तैयार किए जा रहे हैं। रोजगार के लिहाज से यहां 4 हजार डायरेक्ट और 20 हजार इनडायरेक्ट नौकरियां मिलने की संभावना है।
2. झांसी: मिसाइल और गोला-बारूद निर्माण केंद्र
पूर्व सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर विकसित हो रहे इस कॉरिडोर में भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने 400 करोड़ का निवेश शुरू कर दिया है। स्वीडन की साब एबी, विजयन त्रिशूल और लॉरेंको डिफेंस जैसी कंपनियां भी यहां मौजूद हैं। यहां 5 हजार से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
3. आगरा: रडार और कम्युनिकेशन उपकरणों का निर्माण
BHEL यहां 400 करोड़ की लागत से रडार फैक्ट्री लगा रही है। यूनिट निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है, पर सर्वे और भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
4. लखनऊ: ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण केंद्र
12 कंपनियों को जमीन आवंटित हो चुकी है। ब्रह्मोस यूनिट का शुभारंभ हो चुका है और भविष्य में गोला-बारूद और ड्रोन निर्माण की भी योजना है। 3 हजार प्रत्यक्ष और 10 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है।
5. अलीगढ़: ड्रोन और काउंटर ड्रोन का हब
यहां 24 कंपनियों को भूमि मिल चुकी है। वेरीविन डिफेंस और स्मिथ एंड वेसन जैसी कंपनियां हथियार और ड्रोन बना रही हैं। यहां 5,600 डायरेक्ट और 12,000 इनडायरेक्ट रोजगार मिलने की संभावना है।
6. चित्रकूट: भविष्य का हाई-टेक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेंटर
यहां 85% भूमि अधिग्रहण हो चुका है। अंशुल मेटल एंड पॉलीमर्स कंपनी 6000 करोड़ का निवेश कर रही है। यहां ड्रोन, हेलिकॉप्टर, रोबोटिक्स, टैंक और मिसाइल निर्माण की योजना है। 5 हजार से अधिक लोगों को नौकरी मिलेगी।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
अब तक भारत रक्षा उपकरणों के लिए विदेशों पर निर्भर रहा है। डिफेंस कॉरिडोर के माध्यम से भारत न केवल अपनी जरूरतें खुद पूरी करेगा बल्कि 25 हजार करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों के निर्यात का लक्ष्य भी यूपी अकेले हासिल करेगा। यह कदम न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि रोजगार, उद्योग और तकनीकी उन्नति की दृष्टि से भी ऐतिहासिक साबित होगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 12 May, 2025, 5:44 pm
Author Info : Baten UP Ki