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यूपी में कोटेदार घर से नहीं बांट पाएंगे राशन... नई व्यवस्था में ये बनेंगे केंद्र

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उत्तर प्रदेश में राशन वितरण प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने कोटेदारों द्वारा घर से राशन बांटने की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। इसके स्थान पर, अन्नपूर्णा भवन नाम से स्थायी और बहुउद्देश्यीय केंद्र बनाए जा रहे हैं, जहां से राशन वितरण का कार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य खाद्यान्न आपूर्ति को पारदर्शी, सुव्यवस्थित और अधिक भरोसेमंद बनाना है।

अन्नपूर्णा भवन: बरेली से शुरू हुई नई पहल

बरेली जिले में शुरू की गई इस नई व्यवस्था को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। बरेली ने सबसे तेज गति से 72 अन्नपूर्णा भवन तैयार करने का रिकॉर्ड बनाया है। इन भवनों से ग्रामीणों को सरकारी राशन के साथ-साथ अन्य सरकारी सेवाएं भी मिल रही हैं। आय, जाति, और आवास प्रमाण पत्र बनवाने जैसी सुविधाएं भी इन केंद्रों पर उपलब्ध होंगी। प्रदेश भर में अब तक 3,213 अन्नपूर्णा भवन बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 1,630 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

पुरानी व्यवस्था की समस्याएं

कोटेदारों के घर से राशन वितरण की पुरानी व्यवस्था में कई खामियां थीं:

  1. भंडारण की असुरक्षा: कोटेदारों के घरों में राशन सुरक्षित रूप से स्टोर नहीं हो पाता था, जिससे चोरी और नुकसान की शिकायतें आती थीं।

  2. पारदर्शिता की कमी: वितरण में गड़बड़ी और सही लाभार्थियों तक राशन न पहुंचने की समस्याएं होती थीं।

  3. दुर्गम स्थान: संकरी गलियों में स्थित दुकानों तक लाभार्थियों का पहुंचना मुश्किल होता था।

अन्नपूर्णा भवन की विशेषताएं-

नए अन्नपूर्णा भवन केवल राशन वितरण तक सीमित नहीं रहेंगे। इनमें निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी:

  • सीएससी केंद्र: आय-जाति प्रमाणपत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं।

  • जनरल स्टोर: दैनिक जरूरत की वस्तुओं की बिक्री।

  • डिजिटल सेवाएं: बिजली बिल भुगतान और इंटरनेट सेवाओं का उपयोग।

  • सुरक्षा: भवनों में सीसीटीवी कैमरे और इंटरनेट की सुविधा।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन-

इन भवनों का निर्माण मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी उत्पन्न हो रहा है। सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपयुक्त भूमि का चयन तेजी से करें। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 80,000 उचित दर की दुकानों को अन्नपूर्णा भवन के रूप में विकसित किया जाए।

सरकार का दृष्टिकोण-

सरकार का मानना है कि इस नई व्यवस्था से खाद्यान्न वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अन्नपूर्णा भवन ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। इस मॉडल से न केवल खाद्यान्न आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि सरकारी सेवाओं की पहुंच भी आसान बनेगी।

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