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भारत ने एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे पर देश की पहली नाइट लैंडिंग एक्सप्रेसवे हवाई पट्टी बनकर तैयार हो चुकी है। यह रनवे अब रात के अंधेरे में भी लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ की सुविधा देगा — जो भारत की रक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
सुरक्षा की नई परिभाषा
इस हवाई पट्टी की लंबाई लगभग 3.5 किलोमीटर है और इसे विशेष रूप से वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इसमें हाई-इंटेंसिटी रनवे लाइट्स, ऑटोमेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, और 250 से अधिक CCTV कैमरे लगाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति में यह पट्टी तुरंत रनवे में बदल सकती है — बिना पारंपरिक एयरबेस पर निर्भर हुए। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह बात और भी स्पष्ट हो गई है कि हमें तेजी से जवाब देने की क्षमता चाहिए। यह नई सुविधा ऐसी ही किसी स्थिति में त्वरित और स्वतंत्र सैन्य प्रतिक्रिया के लिए तैयार है।
मोबाइल डिफेंस का ज़मीनी रूप
यह हवाई पट्टी भारत की 'मोबाइल डिफेंस स्ट्रैटेजी' का व्यावहारिक उदाहरण है। भारत अब पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलते हुए ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है जो सेना को फ्लेक्सिबल और टेक्नोलॉजी से लैस बनाए।
पहली बार, लेकिन एकमात्र नहीं
हालाँकि यह भारत की मुख्य भूमि पर एक्सप्रेसवे पर बनी पहली नाइट ऑपरेशन सुविधा है, देश पहले भी इस दिशा में कदम उठा चुका है:
INS विक्रांत पर 2023 में MiG-29K की नाइट लैंडिंग
कारगिल में 2024 में C-130J सुपर हर्क्यूलस की सफल रात्रि लैंडिंग
पोर्ट ब्लेयर में 2015 में स्पाइसजेट की पहली सिविल नाइट लैंडिंग
सिर्फ सुरक्षा नहीं, विकास भी
गंगा एक्सप्रेसवे से सिर्फ सैन्य ताकत नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास, रोजगार और शिक्षा के भी रास्ते खुलेंगे। यह क्षेत्र अब उत्तर प्रदेश के नए विकास इंजन के रूप में उभर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आधुनिक हवाई पट्टी का निरीक्षण भी किया और इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास का संगम” बताया। सरकार की योजना है कि गंगा एक्सप्रेसवे को आगे प्रयागराज और गाजीपुर तक बढ़ाया जाए ताकि पूर्वांचल भी इस परिवर्तन का लाभ उठा सके।
एक पट्टी, कई उड़ानें
यह सिर्फ एक रनवे नहीं है — यह भारत के आत्मविश्वास, जवानों की ताकत, और देश की प्रगति की उड़ान है। एक ऐसी उड़ान जो अंधेरे में भी अपनी दिशा नहीं खोती।
Baten UP Ki Desk
Published : 29 April, 2025, 3:51 pm
Author Info : Baten UP Ki