22 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई को छूते हुए राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त किया। ग्रामीण इलाकों में नल कनेक्शन पहुंचाने और जल संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के चलते, प्रदेश को देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में दूसरा स्थान मिला। इस ऐतिहासिक अवसर पर, नई दिल्ली के प्रतिष्ठित विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तर प्रदेश की इस असाधारण उपलब्धि को सराहा और सम्मानित किया। राज्य की ओर से पुरस्कार ग्रहण करने के लिए मंच पर नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव और आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह मौजूद थे, जिन्होंने प्रदेश की इस सफलता को गर्व के साथ स्वीकार किया।
पहले और दूसरे स्थान पर रहे ये राज्य-
इस श्रेणी में ओडिशा को पहला और गुजरात एवं पुडुचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। उत्तर प्रदेश की इस कामयाबी ने राज्य की जल संरक्षण और जल प्रबंधन नीतियों को देशभर में एक मिसाल के रूप में पेश किया है।
जल संरक्षण में अभिनव प्रयोग सराहे-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जल संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, विशेषकर हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना के तहत हुए कार्यों की प्रशंसा की। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्रों में घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने और जल संरक्षण के अभिनव प्रयासों के लिए राज्य की तारीफ की।
उत्तर प्रदेश की जल प्रबंधन उपलब्धियों पर मिला राष्ट्रीय पुरस्कार-
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जल प्रबंधन में अग्रणी राज्य: उत्तर प्रदेश ने 2023 में 17,900 गांवों को "हर घर नल से जल" योजना के तहत पानी पहुंचाने में सबसे तेज़ प्रगति की, जो राज्य के जल प्रबंधन के उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है।
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डॉ बलकार सिंह की भूमिका: डायरेक्टर ग्राउंड वॉटर और सचिव नमामि गंगे रहते हुए, डॉ बलकार सिंह ने जल संरक्षण और प्रबंधन में कई अभिनव कदम उठाए। उनके प्रयासों से न केवल जल संरक्षण बल्कि किसानों को सिंचाई में भी बड़ा लाभ हुआ।
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चेक डैम और तालाबों का निर्माण: प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 6000 से अधिक चेक डैम और 1000 तालाबों का निर्माण किया गया, जिससे जल की उपलब्धता में सुधार हुआ।
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रेन वॉटर हार्वेस्टिंग: जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 31,360 सरकारी भवनों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिससे बारिश के पानी का संरक्षण किया जा सके।
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जलस्तर में सुधार: 2022-2023 के दौरान, प्रदेश के 5 ब्लॉक अतिदोहित और क्रिटिकल श्रेणी से बाहर निकाले गए। 34 शहरों में औसत भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
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पारंपरिक जल निकायों का पुनरोद्धार: प्रदेश में 27,368 पारंपरिक जल निकायों का पुनरोद्धार किया गया, और 17,279 अमृत सरोवरों का निर्माण हुआ, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति को मज़बूती मिली।
2 करोड़ 27 लाख ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा नल का जल-
उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशन के तहत 2 करोड़ 27 लाख 77 हजार 194 ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचा चुका है, जिससे 13.66 करोड़ ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है। जल प्रबंधन की यह उत्कृष्ट उपलब्धियां न सिर्फ प्रदेश की जरूरतों को पूरा करती हैं, बल्कि राष्ट्रीय जल नीति में एक मजबूत उदाहरण के रूप में उभरती हैं।
जल प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान-
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के राज्य स्वच्छता एवं पेयजल मिशन को भी इंटरनेशनल ट्रेड शो में "बेस्ट डिस्प्ले अवॉर्ड" से सम्मानित किया गया था। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश ने जल संरक्षण और जल आपूर्ति के क्षेत्र में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना परचम लहराया है। उत्तर प्रदेश की यह सफलता न केवल राज्य के जल संसाधनों के संरक्षण और बेहतर उपयोग का प्रतीक है, बल्कि इसे जल प्रबंधन की दिशा में एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करती है।