उत्तर प्रदेश सरकार छोटे शहरों में भी नागरिकों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने की दिशा में अहम प्रयास कर रही है। राज्य के छोटे शहरों, जैसे उन्नाव, बाराबंकी, सीतापुर, गाजीपुर और देवरिया, में रहने वालों के लिए बेहतर आवासीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार एक नई पहल लेकर आ रही है। इस पहल के तहत, भूमि अधिग्रहण और आवासीय योजनाओं के विकास के लिए सरकार आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
भूमि बैंक की कमी से जूझ रहे विकास प्राधिकरण-
प्रदेश के कई विकास प्राधिकरणों के पास आवासीय योजनाएं लाने के लिए जरूरी भूमि बैंक में कमी हो गई है। इस कमी के कारण विकास प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है, जिससे नई योजनाओं का विकास बाधित हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए, राज्य सरकार ने “शीड कैपिटल” मॉडल पर काम करने का निर्णय लिया है, जिसमें सरकार से मिलने वाले फंड के बराबर राशि प्राधिकरण भी लगाएगा और भूमि अधिग्रहण करेगा।
शीड कैपिटल फंडिंग से भूमि अधिग्रहण में मदद-
योजना के तहत, राज्य सरकार विकास प्राधिकरणों को “शीड कैपिटल” फंडिंग उपलब्ध कराएगी। इस राशि का उपयोग भूमि अधिग्रहण के लिए किया जाएगा, जिसे बाद में आवासीय योजनाओं से मिलने वाली राशि से चुकाया जाएगा। इससे छोटे शहरों में भूमि का अधिग्रहण संभव हो सकेगा और लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी की जा सकेंगी।
आवास विकास परिषद को भी मिलेगी आर्थिक सहायता-
भूमि अधिग्रहण में आवास विकास परिषद की भूमिका को और प्रभावी बनाने के लिए उसे ऋण के रूप में धनराशि प्रदान की जाएगी। आवास विकास परिषद, राज्य सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी, जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर आवासीय योजनाएं शुरू करने के लिए फंड जारी किया जाएगा। इस प्रकार, छोटे शहरों में नागरिकों के लिए आवासीय योजनाओं का तेजी से विस्तार होगा।
छोटे शहरों में विकास की नई राह-
सरकार की इस योजना का उद्देश्य छोटे शहरों में भी विकास को बढ़ावा देना है, ताकि यहां के लोग अपने शहरों में ही सुरक्षित और सुविधाजनक आवासीय योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्नाव, बाराबंकी, गाजीपुर, देवरिया और सीतापुर जैसे शहरों में जल्द ही आवासीय योजनाओं के माध्यम से नए अवसर और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे प्रदेश में संतुलित और सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
31 शहरों में विकास प्राधिकरण-
प्रदेश के 31 शहरों में विकास प्राधिकरण पहले से ही मौजूद हैं, जबकि अन्य शहरों में आवासीय योजनाओं के विकास की जिम्मेदारी आवास विकास परिषद पर होगी। इस नई योजना से छोटे शहरों में भी जमीन का अधिग्रहण सरल होगा और आवासीय योजनाएं तेजी से आगे बढ़ सकेंगी, जिससे नागरिकों को अपने शहर में ही आवासीय सुविधाएं मिल सकेंगी।