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अब यूपी की हर दीवार पर होगा MNC का कब्जा? जानिए क्या है पूरा प्लान

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में हॉर्डिंग व्यवसाय के नियमों को पूरी तरह बदलने की तैयारी में है। जल्द ही नगर निगम अधिनियम में संशोधन कर, इस सेक्टर में बहुराष्ट्रीय (मल्टीनेशनल) कंपनियों को एंट्री दी जाएगी और हॉर्डिंग का ठेका अब दो साल के बजाय 15 साल के लिए दिया जाएगा।

स्थानीय निकायों की बढ़ेगी आमदनी 

नगर विकास विभाग ने इस नई नीति पर सहमति बना ली है और इसे राज्य कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से जहां एक ओर स्थानीय निकायों की कमाई बढ़ेगी, वहीं बिचौलियों की भूमिका भी समाप्त हो जाएगी।

छोटे कारोबारियों को बड़ा झटका?

नई नीति में टर्नओवर की सीमा भी तय की जा रही है ताकि केवल बड़ी कंपनियां ही निविदा में भाग ले सकें। इससे छोटे-मोटे स्थानीय ठेकेदार सीधे तौर पर इस रेस से बाहर हो जाएंगे। नगर विकास विभाग का तर्क है कि अभी हॉर्डिंग के लिए स्थानीय स्तर पर टेंडर होता है जिससे राजस्व में बड़ा घाटा हो रहा है। जबकि बड़ी कंपनियों के आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बोली ऊंची लगेगी, और निकायों को मोटा मुनाफा होगा।

डिजिटल हॉर्डिंग्स का बूम, MNC की नजरें

राज्य सरकार को उम्मीद है कि डिजिटल हॉर्डिंग्स और विज्ञापन मार्केट में निवेश बढ़ेगा और ग्लोबल ब्रांड्स भी उत्तर प्रदेश के बाजार में अपना प्रचार करने आगे आएंगे। यह नीति एक ओर व्यवस्था को पारदर्शी बनाएगी, लेकिन दूसरी ओर छोटे व्यवसायियों के लिए यह कठिन चुनौती बन सकती है।

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