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30 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के नवाबगंज इलाके में एक सरकारी स्कूल में ऐसी अजीबोगरीब घटना सामने आई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। शनिवार दोपहर क्लास 6 के 7 बच्चे अचानक अपना गला दबाने लगे और जोर-जोर से चीखने लगे। बच्चों ने दावा किया कि उन्हें एक लंबे नाखूनों वाली लड़की दिखाई दी, जो उनका गला दबा रही थी। इस डर से कुछ बच्चे स्कूल छोड़कर भाग गए। डॉक्टरों और प्रशासन ने इसे मास हिस्टीरिया का मामला बताया है।
क्या हुआ था स्कूल में?
घटना बरेली के नवाबगंज के ईंध जागीर गांव के सरकारी स्कूल में हुई। दोपहर करीब 2:30 बजे क्लास 6 की एक छात्रा अचानक गश खाकर गिर पड़ी और अपना गला दबाने लगी। यह देख बाकी 6 बच्चे - दीप्ति, लता, फरीन, सोहेल, इंद्रजीत और अंजुम भी वही हरकतें करने लगे। बच्चों की चीख-पुकार से स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। बच्चों ने दावा किया कि उन्हें लंबे नाखूनों वाली एक लड़की दिखी, जो उनका गला दबाने और नोचने की कोशिश कर रही थी। इस डरावनी बात ने अन्य बच्चों को भी विचलित कर दिया।
जांच में क्या मिला?
घटना के बाद डॉक्टर विजय और उनकी टीम ने बच्चों की जांच की। खाने और अन्य कारणों की भी जांच की गई, लेकिन कुछ भी असामान्य नहीं मिला। जिले के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित गंगवार ने कहा, "बच्चों में किसी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। यह सामूहिक डर या मास हिस्टीरिया का मामला हो सकता है।"
मास हिस्टीरिया: क्या है यह अजीब मानसिक स्थिति?
विशेषज्ञों के अनुसार, मास हिस्टीरिया एक ऐसी मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति के डर, भावना या कल्पना का प्रभाव दूसरे लोगों पर तेजी से पड़ता है। बरेली के मशहूर न्यूरोसर्जन डॉ. सतीश कुमार बताते हैं कि मास हिस्टीरिया में एक व्यक्ति के डर का असर दूसरे लोगों पर होता है।
डॉ. सतीश ने तीन मुख्य बातें बताईं:
ऐसी घटनाएं और कहां हुईं?
बरेली की घटना से पहले भी भारत और दुनिया में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।
कैसे रोकें मास हिस्टीरिया?
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अफवाहों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। बच्चों को समझाना और उनके डर को खत्म करना बेहद जरूरी है। डॉ. सतीश कहते हैं, "अगर बच्चों को डर से बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं, तो ऐसे मामलों को टाला जा सकता है। अफवाहों को फैलने से रोकना और सही जानकारी देना ही इसका सबसे कारगर इलाज है।" बरेली की घटना एक बार फिर साबित करती है कि सामूहिक डर किस हद तक लोगों को प्रभावित कर सकता है। इसे भूतबाधा, बीमारी या अफवाह कहें, लेकिन इसे नियंत्रित करना समाज की जिम्मेदारी है।
Baten UP Ki Desk
Published : 2 December, 2024, 2:21 pm
Author Info : Baten UP Ki