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अब आपको मानसून का इंतजार नहीं करना होगा और मानसून के धोखा देने की चिंता भी बिल्कुल करने की जरूरत नहीं होगी साथ ही प्रदूषण से भी परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि आईआईटी कानपुर ने कृत्रिम बारिश कराने की व्यवस्था कर ली है। IIT कानपुर ने कृतिम बारिश के लिए परीक्षण की पहली उड़ान भरी है, विशेषज्ञों की देखरेख में संस्थान के प्लेन ने आईआईटी की विशेष डिवाइस लगाकर परीक्षण किया। प्लेन करीब 15 मिनट तक आईआईटी कैंपस के ऊपर आसमान में चक्कर लगाता रहा। हालांकि प्राकृतिक बारिश होने के कारण विशेषज्ञ इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं हैं कि ट्रायल सफल रहा या नहीं।
डेढ़ किमी ऊंचाई तक उड़ाया गया IIT का प्लेन-
आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं बारिश की संभावनाओं को लेकर संभावनाओं को तलाश रहे प्रोफ़ेसर मणि अग्रवाल की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम ने बुधवार को पहला परीक्षण किया। करीब डेढ़ किमी ऊंचाई तक आईआईटी के प्लेन को उड़ाया गया अग्रवाल ने बताया कि संस्थान के प्लेन के पंखों में वाइप जैसी डिवाइस लगाई थी जिसमें गन पाउडर को जलाया जाता है। इससे वाइपनुमा डिवाइस के छिद्रों में से आग निकलती है, इस आग से बादलों का तापमान अचानक बढ़ जाता है और बादलों में एकत्र पानी बारिश के रूप में नीचे आ जाता है।
बुंदेलखंड में शुरू हुआ था प्रयास-
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि बुंदेलखंड में सूखा और शहरों में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए 5 साल पहले कृतिम बारिश कराने पर चर्चा हुई थी। प्रदेश एवं केंद्र सरकार की चिंता के बाद आईआईटी कानपुर ने पहल करते हुए कृतिम बारिश कराने की तकनीक विकसित की है। प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने संस्थान को कृतिम बारिश कराने में सक्षम बताया है। उन्होंने बताया कि HAL के प्लेन के साथ इसका प्रारंभिक ट्रायल भी किया था । इसके साथ ही उन्होंन कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2017 में प्रदूषण को लेकर लखनऊ में कृतिम बारिश कराने को लेकर पत्र भी लिखा था।
Baten UP Ki Desk
Published : 22 June, 2023, 11:55 am
Author Info : Baten UP Ki