परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती की ओर बढ़ने का समय आ गया है। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है—एकीकृत बागवानी विकास मिशन। इस योजना के तहत फल, फूल, सब्जियां, मसाले, ग्रीन हाउस और मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार 50% तक का अनुदान दे रही है। किसानों को मुफ्त बीज, ऑर्गेनिक खाद किट और पौधशालाओं से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब कम भूमि में अधिक उत्पादन कर किसान अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं। आइए समझते हैं इस योजना का पूरा प्रोसेस और इसके लाभ।
एकीकृत बागवानी मिशन: क्या है और क्यों जरूरी?
एकीकृत बागवानी मिशन किसानों के लिए खेती की आधुनिक सोच लेकर आया है। इस योजना का उद्देश्य कम खेती वाले क्षेत्र में अधिक उत्पादन कर किसानों की आय बढ़ाना है। प्रदेश सरकार ने परंपरागत खेती से हटकर फल, फूल, शाकभाजी, मसाले और ग्रीनहाउस खेती को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की है।
किन चीजों पर मिलेगा अनुदान?
इस योजना के तहत निम्नलिखित कार्यों के लिए किसानों को कुल लागत का 50% अनुदान दिया जाता है:
- फल, फूल, और सब्जियों की खेती
- ग्रीनहाउस व मशरूम उत्पादन
- 20 बीएचपी तक के ट्रैक्टर और पावर ट्रिलर
- पैक हाउस व प्रसंस्करण इकाई स्थापना
मुफ्त संसाधन भी होंगे उपलब्ध
- निशुल्क शंकर शाकभाजी, मसाले, लहसुन, प्याज व पुष्प बीज
- ऑर्गेनिक खाद की किट
- प्याज भंडारण गृह, कोल्ड स्टोरेज और प्रिजर्वेशन यूनिट की स्थापना पर अनुदान
योजना के लिए पात्रता शर्तें
- भूमि किसान के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज होनी चाहिए
- खेतों के पास सिंचाई की उचित व्यवस्था हो
- बागवानी के प्रति उत्साह व लगाव जरूरी
आवेदन की प्रक्रिया
ऑफलाइन विकल्प:
सीधे विकास भवन स्थित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में भी आवेदन किया जा सकता है।
चयन प्रक्रिया और भुगतान
- "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर चयन किया जाएगा।
- अनुदान का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में आरटीजीएस प्रक्रिया से होगा।
क्यों फायदेमंद है यह योजना?
इस योजना से किसानों को न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि खेती को व्यवसायिक रूप देने का अवसर भी मिलेगा। बागवानी से जुड़कर किसान अपनी आय दोगुनी करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।