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क्या महिलाएं राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए हैं तैयार? जानिए यूपी विधनसभा में महिला विधायकों की स्थिति...

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज (8 जनवरी 2025) कानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन द्वारा आयोजित यूपी और उत्तराखंड की महिला सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला नेताओं को संबोधित किया और विधानसभा में हो रहे नए-नए प्रयोगों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भविष्य में विधानसभा को पेपरलेस बनाने की दिशा में भी कदम उठाए जा सकते हैं। अपने एक घंटे के प्रवास के दौरान उन्होंने विधानसभा में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। 

विधानसभा में नवाचारों की चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश विधानसभा कई नए प्रयोगों के लिए जानी जा रही है। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में विधानसभा को पेपरलेस बनाने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि जब सभी वर्ग एक साथ बैठते हैं, तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है।

महिला सशक्तिकरण पर जोर

  • महिला विधायकों के लिए मंच की आवश्यकता

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने महिला विधायकों के लिए एक राष्ट्रीय मंच की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जरूरी है कि महिलाएं अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।

  • राजनीति में महिलाओं की भागीदारी

उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति अभी भी पुरुष प्रधान है और महिलाओं को अक्सर ऐसी सीटें दी जाती हैं जो जीतने की संभावना कम होती है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात की कि महिलाओं को भी जीतने योग्य सीटों पर मौका दिया जाए।

कार्यक्रम के मायने

  • महिला सशक्तिकरण पर मंथन

इस कार्यक्रम में महिला विधायकों को सशक्त बनाने और उनकी संसदीय भागीदारी को बढ़ाने पर विचार किया गया। विभिन्न दलों की महिला विधायकों को आमंत्रित किया गया ताकि वे अपनी भूमिका को और अधिक प्रभावी बना सकें।

  • कानूनी अधिकार और लैंगिक समानता पर चर्चा

महिला अधिकार, लैंगिक समानता और निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं की भूमिका को लेकर भी चर्चा की गई। यह कार्यक्रम महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने और उनके सशक्तिकरण के लिए नए कदम उठाने पर केंद्रित था।

यूपी विधानसभा में महिला विधायकों की स्थिति

  • महिला विधायकों की संख्या और सहभागिता

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 48 महिला विधायकों की मौजूदगी है। हाल ही में हुए उपचुनाव में सपा की नसीम सोलंकी ने भी जीत हासिल की। कार्यक्रम में महिला विधायकों ने अपने अनुभव साझा किए और अपनी भागीदारी को लेकर उत्साह व्यक्त किया।

  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: एक नया अध्याय

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधायकों ने कुल मतदान के 47 प्रतिशत की औसत से जीत दर्ज की। यह आंकड़ा 2017 के चुनावों की तुलना में बेहतर है, जब औसतन 43 प्रतिशत मतदान के साथ विधायकों ने जीत हासिल की थी। इस बार 111 विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में 50 प्रतिशत या उससे अधिक वोट प्राप्त कर नई मिसाल कायम की। यह आजादी के बाद का एक नया रिकॉर्ड है। इसमें से पांच महिला विधायकों ने 20 प्रतिशत से अधिक के अंतर से विजय प्राप्त की।

  • ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में महिला विधायकों की संख्या

महिला विधायकों की संख्या में वृद्धि का यह सिलसिला 2017 के चुनावों से शुरू हुआ था, जब 41 महिलाएं विधानसभा में पहुंची थीं। उपचुनावों के बाद यह संख्या 44 हो गई थी, और 2022 में यह संख्या बढ़कर 47 तक पहुंच गई।

2022 का पार्टीवार प्रदर्शन-

इस बार के चुनाव में विभिन्न पार्टियों की महिला उम्मीदवारों ने बेहतर प्रदर्शन किया।

  • भाजपा से 29 महिला प्रत्याशी विजयी रहीं।

  • समाजवादी पार्टी से 14 महिला विधायक चुनी गईं।

  • कांग्रेस, जिसने सबसे अधिक महिलाओं को टिकट दिया था, केवल एक सीट जीत पाई।

  • अपना दल (सोनेलाल) की तीन महिला उम्मीदवारों ने भी सफलता पाई।

महिला प्रत्याशियों की संख्या: एक नज़र-

2022 के चुनाव में कुल 560 महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें से 47 को जीत मिली। यह आंकड़ा पिछले चुनावों की तुलना में महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है।

वर्ष महिला प्रत्याशी विजयी महिला विधायक
2022 560 47
2017 482 42
2012 583 35
2007 370 23
2002 344 26
1996 117 20
1993 259 14
1991 226 10
1989 207 18
1985 ---- 31
1980 ---- 23
1977 64 11
1974 92 21
1967 39 06
1962 61 20
1957 --- 18
1952 -- 20

महिलाएं  निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार

2022 के विधानसभा चुनावों में महिलाओं की भागीदारी और जीत ने यह साबित किया है कि राजनीति में उनकी उपस्थिति अब केवल एक प्रतीक नहीं रह गई है, बल्कि वे निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। यह प्रगति उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। हालांकि, अभी भी महिलाओं की संख्या जनसंख्या के अनुपात में कम है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस दिशा में अभी और प्रयास की आवश्यकता है।

विशेष सत्र में महिलाओं की आवाज

2022 में हुए महिला विधायकों के विशेष सत्र में 38 महिला विधायकों ने अपने विचार साझा किए थे। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा ने जो मानक स्थापित किए हैं, वे देश के लिए अनुकरणीय बन रहे हैं।

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