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इतने दिनों तक गूंजेंगे यूपी विधानसभा में कई मुद्दे! फैसलों की होगी बौछार?

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उत्तर प्रदेश विधानसभा का आगामी बजट सत्र 18 फरवरी से 5 मार्च 2025 तक चलेगा, और यह कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाला है। योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह अब तक का सबसे लंबा सत्र होगा, जो पूरे 16 दिनों तक चलेगा। इस सत्र के दौरान सरकार न केवल नए बजट प्रस्तावों को पेश करेगी, बल्कि प्रदेश के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाने की उम्मीद है। राजनीतिक दृष्टि से भी यह सत्र खास रहेगा, क्योंकि विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा, जबकि योगी सरकार अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को जनता के सामने मजबूती से रखेगी। क्या यह सत्र प्रदेश की राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए नए बदलाव लेकर आएगा? सभी की नजरें इस ऐतिहासिक सत्र पर टिकी हैं।

क्यों होगा यह सत्र खास?

इस सत्र में कुल 16 दिन होंगे, जिनमें से 5 दिन छुट्टियां होंगी। 22 और 23 फरवरी को शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा, इसके बाद 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर एक और अवकाश होगा। सत्र के बाकी 11 दिन कार्यवाही के लिए निर्धारित किए गए हैं। यह सत्र 2022 के बाद सबसे लंबा होगा, जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कार्यभार संभाला है, तब से कोई सत्र सात दिन से ज्यादा नहीं चला था।

बजट की है तैयारी, और विपक्ष की चुनौती

2025 का बजट उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा 20 मार्च को प्रस्तुत किया जाएगा, जो लगभग आठ लाख करोड़ रुपये का होगा। इसमें राज्य सरकार कई जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर सकती है और विशेष रूप से राज्य के विकास पर जोर दिया जाएगा।वहीं, विपक्ष इस सत्र में महाकुंभ में हुए भगदड़ के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर काफी आक्रामक नजर आ रही है, और विधानसभा में इसका जोरदार विरोध हो सकता है।

मुख्यमंत्री का अहम भाषण और बजट प्रस्तुति-

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 18 मार्च को अपने संबोधन में राज्य के विकास और नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस सत्र के दौरान राज्य की आर्थिक स्थिति पर गहन चर्चा होगी, और 20 मार्च को उत्तर प्रदेश का 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा, जिस पर विधानसभा में गरमागरम बहस की संभावना है।

क्या है इस सत्र का विशेष महत्व?

इस सत्र में न केवल बजट और विकास योजनाओं की घोषणा की जाएगी, बल्कि यह विधानसभा के इतिहास में एक यादगार घटना के रूप में दर्ज होगा, जब राज्य के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के द्वारा कई अहम फैसले लिए जाएंगे। यह सत्र उत्तर प्रदेश के राजनीतिक और आर्थिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। इस सत्र में सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में सार्वजनिक कल्याण, विकास परियोजनाएं और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार शामिल हैं। आने वाला सत्र निश्चित ही राजनीति और समाज के हर पहलू को प्रभावित करेगा, और इससे राज्य के विकास की दिशा तय होगी।

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