उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए इस वर्ष की धान क्रय नीति को स्वीकृति दे दी है। इस नीति के तहत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 117 रुपये अधिक है। यह कदम राज्य के किसानों को उचित मूल्य दिलाने और उनके आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया है।
70 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य-
प्रदेश सरकार ने इस साल 70 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है, जिसमें पश्चिमी यूपी में खरीद प्रक्रिया 1 अक्तूबर से शुरू होगी, जबकि पूर्वी और मध्य यूपी में यह 1 नवंबर से प्रारंभ होगी। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी दी गई। इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसानों को राहत मिलेगी, जो हर साल धान की फसल बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं।
धान खरीद की अवधि और स्थान-
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों जैसे मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, झांसी और लखनऊ मंडल के हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर में 1 अक्तूबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक धान की खरीद की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को समय पर भुगतान मिले और खरीद प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों को बड़ी राहत-
योगी सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के उद्यमियों के लिए भी एक अहम कदम उठाया है। राज्य में सीएनजी जनरेटर की खरीद पर सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देगी। साथ ही डीजल जनरेटरों में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र लगाने का निर्देश भी दिया गया है। इस नीति से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि उद्यमियों को भी राहत मिलेगी।
प्रदूषण कम करने के उपाय-
औद्योगिक विकास विभाग ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी दिलाई है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन संस्था की याचिका के बाद लिया गया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों से हो रहे प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की गई थी। यह नीति प्रदेश के उद्योगों में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी, जिससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।