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जल्द ही बाघों के आशियाने में हाथियों की दस्तक होने जा रही है। हमारे उत्तर प्रदेश का तीसरा और देश का 45वां टाइगर रिजर्व यानी पीलीभीत टाइगर रिजर्व इस समय नये सदस्यों का स्वागत कर रहा है। हाल ही में पीलीभीत टाइटर रिजर्व को कर्नाटक से 4 हाथी गिफ्ट में मिले हैं। जिससे अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हाथी भी देखने को मिलेंगे। कर्नाटक से अपने नये घर आए युवा हाथियों में तीन नर हैं और एक मादा। इनमें से एक हाथी का नाम बढ़ा सूर्या और दूसरे का छोटा सूर्या है। जबकि तीसरे नर हाथी का नाम मणिकांता है। और मादा हाथी का नाम निसरगा है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में इन हाथियों को बुलाने के कुछ कारण हैं। दरअसल, पीलीभीत और यहां के आसपास के जंगलों में नेपाल के जंगली हाथी आ जाते हैं जो यहां की फसलों और घरों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं, यह हाथी उनको वापस उनकी जगह पर धकेलेंगे और पीलीभीत जंगल में अक्सर आवरा बाघों को पकड़ने के लिए वन अधिकारी ऑपरेशन चलाते हैं जिसके लिए दुधवा टाइगर रिजर्व से हाथी को मंगवाना पड़ता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 7 सालों में लगभग 30 से अधिक ग्रामीण बाघों के हमले में जान गवां चुके हैं। इसलिए इन हाथियों की मदद से बाघों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाना जरूरी है। इसके अलावा पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हाथी जंगल सफारी के भी काम आएंगे। यूपी सरकार और वन विभाग लगातार पीटीआर को नये सिरे से संवारने और वन-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए साल 2020 में पीटीआर के अफसरों ने हाथियों की मांग शुरू कर शासन को प्रस्ताव भेजा था और इस प्रस्ताव को साल 2021 में मंजूरी दे दी गई। मंजूरी मिलने के बाद अफसरों ने कर्नाटक पहुंचकर इन हाथियों को चुना था।
और फिर अब लंबे समय के इंतजार के बाद जोश के साथ चारों हाथियों की कर्नाटक से 3 नवंबर को विदाई की गई। बड़े-बड़े 4 ट्रकों पर सवार हमारे चारों हाथी बरेली के रास्ते पीलीभीत पहुंचेंगे और इस पूरी यात्रा में लगभग 6 दिनों का समय लगेगा। इसके बाद इन्हें कुछ दिनों के लिए सभी से दूर क्वारंटीन में रखा जाएगा, इसके बाद इन्हें नए घर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एडजस्ट होने के लिए समय दिया जाएगा।
आपको बता दें पीलीभीत टाइगर रिजर्व 73 हजार वर्ग हेक्टेयर में फैला हुआ है। ये उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले, लखीमपुर खीरी और बहराइच जिले के बीच स्थित है और इंडो-नेपाल का बॉर्डर भी छूता है। पीटीआर देश के 51 प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व में से एक है। इस टाइगर रिजर्व की प्राकृतिक खूबसूरती इसको दूसरे टाइगर रिजर्वों से अलग बनाती है। इस रिजर्व से कुछ नदियां जैसे शारदा, चूका और माला, खाननॉट होकर निकलती है। लंबी घास के मैदानों और नदियों से समय-समय पर बाढ़ से बने दलदल यहां की विशेषताओं में से एक है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व 127 जानवरों, 326 पक्षी प्रजातियों और 2,100 फूलों वाले पौधों का घर है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व वाले एरिया में लगभग 30 टाइगर हैं। 2014 में पीलीभीत वन प्रभाग को यूपी का तीसरा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। इस शानदार और खूबसूरत टाइगर रिजर्व को और करीब से जानने के लिए आप हमारी वीडियो “पीलीभीत टाइगर रिजर्व की शानदार सफारी” देख सकते हैं। इस एपिसोड की लिंक आपकों वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगी।
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Baten UP Ki Desk
Published : 24 December, 2022, 5:50 am
Author Info : Baten UP Ki