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उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार: मुद्दे एवं चहुमुंखी विकास पर प्रभाव

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"परिवर्तन नवाचार की मांग करता है और नवाचार प्रगति की ओर ले जाता है" ~ ली केकियांग

नवाचार नए विचारों, उत्पादों, प्रक्रियाओं या सेवाओं को विकसित करने की प्रक्रिया है जो चीजों को करने के तरीके में महत्वपूर्ण परिवर्तन या सुधार लाता है। इसमें नए अवसरों की पहचान करने और अद्वितीय एवं प्रभावी तरीकों से समस्याओं को हल करने के लिए रचनात्मकता, समस्या-समाधान और महत्वपूर्ण सोच का अनुप्रयोग शामिल है। यह दक्षता, उत्पादकता, लाभप्रदता और विकास को बढ़ाने की कुंजी है और अक्सर आर्थिक विकास और प्रगति में प्रमुख योगदान देता है।

उत्तर प्रदेश में नवाचार-
देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश 'बीमारू राज्य ' से 'भारतीय अर्थव्यवस्था के केंद्र' में परिवर्तन के चरण में है।

यूपी में नवाचार का उद्देश्य-

  • आर्थिक विकास का केंद्र बनना- देश में विकासोन्मुख आर्थिक विकास को साकार करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।
  • रोजगार इच्छुक से रोज़गार सृजकों की ओर बढ़ना- वह राज्य जो अतीत में गंभीर बेरोजगारी के मुद्दे का सामना करता था, वहां सार्थक रोजगार सृजित करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देना आवश्यक है।
  • पूर्ण संरचनात्मक परिवर्तन-अधिशेष श्रम को प्राथमिक क्षेत्र से उद्योगों और सेवाओं में स्थानांतरित करना, इन क्षेत्रों में अधिक रोजगार सृजित करने के लिए नवाचार का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है।
  • पलायन और ब्रेन ड्रेन पर नियंत्रण- उत्तर प्रदेश परंपरागत रूप से एक ऐसा राज्य रहा है, जहां से ज्यादा पलायन हुआ है इसलिए राज्य के लोगों को रोजगार प्रदान करने और ब्रेन ड्रेन को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार की आवश्यकता है।
  • समाज कल्याण का उद्देश्य- विशेष रूप से वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का फल हमेशा लोगों की सामाजिक भलाई के लिए एक सकारात्मक शक्ति रहा है।

राज्य में नवाचार को बढ़ावा देने वाले तत्व-

  • डिजिटलीकरण- भारत एक प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार हब बनने के लिए एक उपयुक्त स्थिति में है। 700 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ यह इंटरनेट उपयोग के मामले में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है और 2025 तक यह संख्या बढ़कर 974 मिलियन होने का अनुमान है।
  • राज्य की युवा आबादी- 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की औसत आयु केवल 20 वर्ष है, जो देश में सबसे युवा आबादी है।
  • संस्थागत सहयोग- सरकार के अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2020-21 के अनुसार देश में सबसे अधिक कॉलेज उत्तर प्रदेश में हैं। 
    • उत्तर प्रदेश में 8,114 कॉलेज हैं और प्रत्येक एक लाख की आबादी पर 32 कॉलेज हैं।
    • राज्य में IIT कानपुर, IIT (BHU) वाराणसी, MNNIT प्रयागराज जैसे कई प्रतिष्ठित तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं । 
    • इसके अलावा यूपी में कई प्रतिष्ठित शोध संस्थान भी मौजूद हैं जैसे- सीडीआरआई लखनऊ, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ( एनबीआरआई) लखनऊ, सीडीएसी नोएडा, जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज आदि।
  • सरकार द्वारा सहयोग- राज्य सरकार ने नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न नीतिगत बदलाव, नवाचार निधि, निवेशक शिखर सम्मेलन आदि के रूप में कदम उठाए हैं।

उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र जिनमें नवाचार के चलते आ रहा है बदलाव-

1.डिफेंस-यूपी में डिफेंस कॉरिडोर के चलते प्रदेश में कई तरह के बदलाव आएंगे जैसे -

  • भारतीय रक्षा कंपनियां वैश्विक कंपनियां के साथ सहयोग करेंगी और अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों का विकास होगा। 
  • प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण होगा साथ ही स्वदेशी क्षमताओं के विकास का रास्ता खुलेगा।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी।

2.बुनियादी ढांचे का विकास-सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास से न केवल परियोजना को सुविधाजनक बनाएगा बल्कि क्षेत्र के समग्र बुनियादी ढांचे में भी सुधार करेगा, जिससे निवेश के अधिक अवसर और रोजगार सृजन होगा।

3.हरित ऊर्जा- 2070 तक देश के शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, राज्य अपने विभिन्न नीतिगत प्रोत्साहनों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, कंप्रेस्ड बायोगैस के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देकर अपने नेतृत्व का प्रदर्शन करने का प्रयास कर रहा है।

4.मानव पूंजी- यह ज्ञान, कौशल, क्षमताओं और अन्य अमूर्त संपत्तियों को संदर्भित करता है जो व्यक्तियों द्वारा कार्यबल में समाहित किया जाता है। नवाचार रोजगार सृजन, कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर मानव पूंजी बनाने में मदद करता है।

5.कृषि- यह वह क्षेत्र है जो राज्य के अधिकांश कर्मचारियों को रोजगार देता है इसलिए कृषि में निम्नलिखित नवाचार के माध्यम से किसान आय को दोगुना करने की आवश्यकता है-

  • सटीक कृषि तकनीकों जैसे जीपीएस-निर्देशित ट्रैक्टर और ड्रोन जैसी तकनीकों के माध्यम से दक्षता में वृद्धि।
  • जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नए उत्पाद विकास जैसे कि फसलें जो बदलती जलवायु, कीटों और बीमारियों के लिए प्रतिरोधी हैं।

उत्तर प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास-

डिफेंस कॉरिडोर-

राज्य में रक्षा-डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किया गया है, जिसका विस्तार नोएडा, अलीगढ़, आगरा, लखनऊ, कानपुर, झांसी और चित्रकूट जिलों में हैं। इसके तहत, IIT कानपुर और BHU, DRDO और HAL एयरोस्पेस सिस्टम जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और उपकरण R&D केंद्र के साथ R&D का गठजोड़ किया गया है। 

स्टार्ट-अप कल्चर को बढ़ावा-
राज्य में 50 से अधिक इनक्यूबेटर और 7200 स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। बजट 2023 में, स्टार्ट-अप और इन्क्यूबेटरों को बढ़ावा देने के लिए सीड फंड के रूप में 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है साथ ही यूपी आईटी और स्टार्ट-अप नीति-2020 के लिए 60 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है।

 इस क्षेत्र में हासिल की गयी उपलब्धियां इस प्रकार हैं-

  • भारत सरकार द्वारा आयोजित "राज्य की स्टार्ट-अप रैंकिंग " में शीर्ष 3 राज्यों में शामिल होना ।
  • राज्य के प्रत्येक जिले में न्यूनतम एक, 100 इन्क्यूबेटरों की स्थापना/समर्थन करना।
  • राज्य में कम से कम 10,000 स्टार्ट-अप के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाना ।
  • 8 अत्याधुनिक उत्कृष्टता केंद्र ( सीओई ) स्थापित करना ।
  • लखनऊ में भारत का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर स्थापित करना ।

उत्तर प्रदेश इनोवेशन फंड (UPIF) -

  • राज्य में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • यह फंड ₹4000 करोड़ का होगा, राज्य सरकार के पास ₹400 करोड़ का हिस्सा होगा जबकि शेष 3600 करोड़ रुपए निजी निवेशकों के माध्यम से जुटाए जाएंगे।

युवाओं को सशक्त बनाना-

  • उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन- 14-35 आयु वर्ग के सभी पात्र युवाओं को उनकी पसंद के व्यवसायों में प्रशिक्षित करना और अकुशल और अर्ध-कुशल कार्यबल के कौशल के अधिग्रहण और उन्नयन के लिए सुविधाएं प्रदान करना।
  • स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अधीन- राज्य के पात्र छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन दिया जाना।
  • स्कूलों का कायाकल्प करने और बुनियादी शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ऑपरेशन कायाकल्प योजना।

कृषि-

  • राज्य में 7 कृषि विश्वविद्यालय हैं और बजट 2023 में कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव है ।
  • बजट 2023 में एग्रीटेक स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ रुपये के कृषि त्वरक कोष (Agriculture Accelerator fund) का प्रस्ताव है।
  • जैविक खेती बोर्ड और यूपी इनोवेशन फंड प्राकृतिक खेती में स्टार्टअप्स और इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स को फंड करने के लिए।
  • यूपी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2023 (जीआईएस-2023) - इसमें 34 लाख करोड़ रुपये के 19,250 एमओयू साइन किए गए।
  • नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, उच्च शिक्षा, औद्योगिक पार्क, आईटी सक्षम सेवाओं जैसे नवाचार आधारित क्षेत्रों में भारी मात्रा में निवेश हो रहा है।

ऊर्जा- हरित ऊर्जा -

  • सौर ऊर्जा- सौर ऊर्जा नीति 2022 जिसके तहत अगले 5 वर्षों में 22,000 मेगावाट ऊर्जा क्षमता उत्पन्न करने का लक्ष्य है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन- जीआईएस-2023 में झांसी, सोनभद्र , गोरखपुर, नोएडा, मिर्जापुर और जौनपुर , प्रयागराज में ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपये के 17 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए ।
  • जैव ऊर्जा- जीआईएस-2023 में 46,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
  • बुंदेलखंड क्षेत्र में 2600 किमी के ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर की स्थापना जिसमें अल्ट्रा-मेगा सोलर पार्क शामिल हैं

सूचना प्रौद्योगिकी-

  • नई इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2022- यह 1,000 करोड़ रुपये तक की सभी परियोजनाओं पर पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करती है।
  • यूपी डाटा सेंटर नीति, 2021 नोएडा में डाटा सेंटर स्थापित किया जाएगा।

स्मार्ट शहर-

  • 10 स्मार्ट शहर जिनमें कुल 5,753 करोड़ रुपये की लागत से 259 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
  • यूपी बजट 2023 कानपुर, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर में शहरी बुनियादी ढांचे और मेट्रो रेल के विकास पर केंद्रित है।

स्वास्थ्य-

  • एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत प्रदेश के 45 जनपदों में चिकित्सा महाविद्यालय संचालित है तथा 14 जनपदों में निर्माणाधीन है।
  • बजट 2023 में 14 नए मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपये दिए गए।

नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की पहल-

  • INSPIRE छात्रवृत्ति - विज्ञान के अध्ययन के लिए युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने  और विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल का निर्माण करने हेतु ।
  • रामानुजन फैलोशिप- यह भारत के बाहर के प्रतिभाशाली भारतीय वैज्ञानिकों के लिए भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए है।
  • नॉलेज इनवॉल्वमेंट इन रिसर्च एडवांसमेंट थ्रू नर्चरिंग (किरण) योजना- क्षमता निर्माण के लिए महिला वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को अवसर प्रदान करना।
  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआईएच) - छात्रों को समाज की कुछ दबाव वाली समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करना।
  • अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) - पूरे भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए।
  • SPARC और IMPRESS- सामान्य उद्देश्य सामाजिक और शुद्ध विज्ञान में भारत के विशिष्ट अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

नवाचार से जुड़े मुद्दे-
जबकि नवाचार में आर्थिक विकास और विकास को सुचारू रखने की क्षमता है, ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें रोजगार और सामाजिक-आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए संबोधित करने की आवश्यकता है। जैसे- 

अनुसंधान एवं विकास व्यय में कमी-आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में अनुसंधान एवं विकास व्यय के मामले में उत्तर प्रदेश सभी राज्यों में सबसे नीचे है। अनुसंधान एवं विकास में निवेश की यह कमी नई प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के विकास के लिए एक बड़ी बाधा है, और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की राज्य की क्षमता को सीमित करती है।
स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र का अभाव-राज्य में कुछ स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर और त्वरक हैं, समग्र पारिस्थितिकी तंत्र अभी तक नवीन कंपनियों के विकास के लिए अनुकूल नहीं है। इसमें फंडिंग, मेंटरशिप और नेटवर्किंग अवसरों तक पहुंच की कमी शामिल है। इन संसाधनों के बिना, कई स्टार्ट-अप जमीन से ऊपर उठने और रोजगार सृजित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

अमूर्त संपत्तियों रजिस्ट्रेशन में पीछे-नीति आयोग के इंडिया इनोवेशन इंडेक्स अनुसार-राज्य अभी भी पेटेंट, औद्योगिक डिजाइन और ट्रेडमार्क जैसी अमूर्त संपत्तियों के निर्माण में काफी पीछे है, जो इस क्षेत्र में ज्ञान फैलाने का काम करते हैं।
मानव पूंजी में कौशल-विकास का अभाव-यूपी इसमें सबसे कम प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से है और सूचकांक के अनुसार स्कूली शिक्षा तृतीयक और उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है।

निष्कर्ष 

उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने राज्य में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये के एक इनोवेशन फंड की स्थापना की है। अपनी विभिन्न पहलों और विभिन्न क्षेत्रों के लिए काम कर रही योजनाओं के साथ, उत्तर प्रदेश देश के इनोवेशन हब के रूप में विकसित हो रहा है, जो समाज के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रभावित करेगा। नवाचार की चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कई कदम उठाने की जरूरत है। इसमें अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाना, अधिक स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर स्थापित करना और नवीन कंपनियों के विकास का समर्थन करने के लिए अधिक अनुकूल नीतियां, वित्त पोषण और संसाधन प्रदान करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और लोगों को नवीन उद्योगों में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के अधिक अवसर प्रदान करने चाहिए।

मुख्य परीक्षा आधारित प्रश्न-
प्र.1- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या कदम उठाये जा रहे है? चर्चा कीजिए।

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