बड़ी खबरें

JPC को भेजा गया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल, लोकसभा में पक्ष में पड़े 269 वोट 17 घंटे पहले 17865 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, CM योगी बोले- सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाला राज्य यूपी 17 घंटे पहले भाजपा की डबल इंजन सरकार सुशासन का प्रतीक, पेपर लीक और भर्तियों पर बोले पीएम मोदी 17 घंटे पहले यूपीपीएससी परीक्षा के दिन निरस्त रहेंगी 14 ट्रेनें, अभ्यर्थियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 17 घंटे पहले व्हिप के बावजूद 20 से अधिक भाजपा सांसद सदन से रहे नदारद, अब पार्टी भेजेगी नोटिस 10 घंटे पहले संविधान पर चर्चा में कांग्रेस पर जमकर बरसे अमित शाह, सुनाया इंदिरा और किशोर कुमार का किस्सा 10 घंटे पहले दूसरी तिमाही में 5.4% की वृद्धि दर उम्मीद से कम 10 घंटे पहले

उत्तर प्रदेश के खनिज संसाधन

Blog Image


खनिज प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व हैं जिनकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है। खनिज सामान्यतः अयस्कों में पाये जाते है। खनिज संसाधन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश एक निम्न मध्यम श्रेणी वाला प्रदेश है। प्रदेश में खनिज संपन्न क्षेत्रों में हिमालय श्रेणी के कुछ निचले भाग, विंध्यक्रम की शैलें और बुंदेलखण्ड क्षेत्र हैं। भारत में होने वाले कुल खनिज उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 3 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में पाए जाने वाले खनिजों में कोयला, सोना, चूना पत्थर, जिप्सम, बॉक्साइट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, तांबा, ग्लास-सैंड, संगमरमर, फायर क्ले, पाइरोफाइलाइट एवं यूरेनियम प्रमुख है। उ.प्र. के अन्य क्षेत्रों में खनिज संसाधनों का प्रायः अभाव पाया जाता है जिसका प्रमुख कारण इन क्षेत्रों का जलोढ़ निक्षेपों से निर्मित होना है। ऐसी भूगर्भिक संरचना वाले क्षेत्रों में प्रायः खनिजों का अभाव पाया जाता है।

प्रदेश में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की खोज अन्वेषण एवं विकसित करने से संबंधित प्रमुख संस्थायें-

  1. भूतल एवं खनिज कर्म निदेशालयः इसकी स्थापना वर्ष 1955 में की गई। इसका प्रमुख कार्य खनिज संसाधनों की खोज व्यवसायिक स्तर के खनिज भण्डारों पर आधारित उद्योग की स्थापना हेतु शोध एवं अन्वेषण कार्य का निष्पादन करना है।
  2. उत्तर प्रदेश राज्य खनिज विकास निगमः इसकी स्थापना वर्ष 1974 में की गई। इसका प्रमुख कार्य भूतल एवं खनिज कर्म निदेशालय द्वारा खोजे गए खनिज भण्डारों को विकसित कर उनपर आधारित उद्योगों का विकास करना है।

30 मई 2017 को योगी सरकार द्वारा नई खनन नीति की घोषणा की गई। यह प्रदेश सरकार की दूसरी खनन नीति है इससे पूर्व प्रदेश में प्रथम खनिज नीति की घोषणा वर्ष 1998 में की गई थी।

उत्तर प्रदेश खनन नीति, 2017
खनन नीति के मूलमंत्र : राज्य सरकार द्वारा सुशासन ( Good Governance) एवं भ्रष्टाचार मुक्त (Anti Corruption) के मूल मंत्रों पर आधारित नीति बनाने का संकल्प है जिसमें निम्न मंत्र हैं-

  1. पारदर्शिता
  2. कानून का राज
  3. समता
  4. आम सहमति
  5. प्रभावी
  6. उत्तरदायी
  7. भागीदारी

उपरोक्त मंत्रों के आधार पर निम्न राज्य सरकार द्वारा खनिज सेवा के सभी निम्न तत्वों को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है-

  • खनिजों के विषय में जागरूकता (Awareness)
  • सर्व सामान्य को खान एवं खनिजों तक पहुँच (Accesibility)
  • सर्व सामान्य को खनिजों की उपलब्धता (Availability )
  • खनिजों का मूल्य जन साधारण के सामर्थ्य के अनुसार हो ( Affordability)
  • उपरोक्त के आधार पर जन साधारण में खनिजों की स्वीकार्यता (Acceptability)

खनन नीति के उद्देश्यः
खनन नीति 2017 को निम्न उद्देश्यों के लिए प्रख्यापित की जा रही है :-

  • खानों एवं खनिजों के माध्यम से प्रदेश का सामाजिक एवं आर्थिक सतत विकास (Sustainable Socio Economic Development)
  • खनिजों का संरक्षण (Mineral Conservation)
  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment Ecology) का संतुलन बनाये रखना
  • खनिजों से प्राप्त होने वाले राजस्व का राज्य के कुल राजस्व प्राप्ति में अंश (State's Own Resouces) 1.85% को बढ़ाकर आगामी 05 वर्षों में 39% किया जाना ।
  • अवैध खनन / परिवहन पर नियंत्रण हेतु तकनीकी हस्तक्षेप तथा अवैध खनन एवं परिवहन में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर दण्ड की कार्यवाही |
  • खनिज सेक्टर में रोजगार के अवसर को बढ़ावा ।
  • खनिज उद्योग में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन ।
  • खनिजों के वैज्ञानिक विकास, जिसमें खनिजों की उपयोगिता, विपणन, मानव संसाधन सम्मिलित हैं, हेतु तकनीकी ज्ञान एवं सुविधाएँ तथा परामर्श उपलब्ध कराना।
  • इच्छुक उद्यमियों को खनिज आधारित सूचना / आंकड़ो की उपलब्धता कराना।
  • खनिज विकास प्रक्रिया में निजी पूँजी निवेश को प्रोत्साहन और उद्यमिता का विकास।
  • खनिज विकास हेतु आधुनिक अन्वेषण तकनीक के माध्यम से नये खनिज भण्डारों के अन्वेषण में तीव्रता।
  • खनिजों के परिहार की स्वीकृति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने हेतु ई-टेण्डरिंग / ई-नीलामी / ई- विडिंग प्रणाली लागू किया जाना तथा खनन प्रशासन की कार्यप्रणाली को सरलीकृत करते हुए प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना  एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाना।
  • खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों तथा क्षेत्रों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन|

उत्तर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिज :

कोयला : उ.प्र. में सोनभद्र जिले के गोंडवाना चट्टानों में कोयले के भंडार पाये जाते हैं। यह कोयला सोनभद्र के सिंगरौली क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है। इस क्षेत्र में कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा खनन का कार्य किया जाता है। 1 अप्रैल, 2019 की ( मिनरल डाटा रिपोर्ट) के अनुसार, सिंगरौली क्षेत्र में 1061.80 मिलियन टन कोयला भंडार है। प्रदेश के कुल खनिज उत्पादन मूल्य का 47 प्रतिशत भाग कोयले
से प्राप्त होता है।

बॉक्साइट: यह एल्युमिनियम का अयस्क है यह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रेणुकूट से प्राप्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के चंदौली, बांदा, ललितपुर आदि जिलों में बॉक्साइट के भंडार है।

चूना पत्थर : उत्तर प्रदेश के चूना पत्थर उत्पादक जिले मिर्जापुर एवं सोनभद्र है। चूना पत्थर के संचित भण्डार में उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान है। मिर्जापुर में चुनार एवं कजराहट तथा सोनभद्र में चुर्क और डल्ला प्रमुख चूना पत्थर उत्पादक क्षेत्र है। चूना पत्थर का उपयोग प्रमुख रूप से सीमेंट बनाने में किया जाता है।

जिप्सम: जिप्सम का उपयोग सीमेंट, आमोनिया सल्फेट तथा गंधक बनाने में किया जाता है। यह कैल्शिम का एक हाइड्रोलाइज्ड सल्फाइट है इसे सैलेनाइट भी कहा जाता है। उ.प्र. के झांसी और हमीरपुर इसके प्रमुख उत्पादक जिले है।

डोलोमाइट: यह प्रदेश के मिर्जापुर बांदा एवं सोनभद्र जिलों से प्राप्त किया जाता है। मिर्जापुर का कजराहट क्षेत्र उच्च श्रेणी के डोलोमाइट का उत्पादक है। इसका प्रयोग इस्पात उद्योग में पोर्टलैण्ड सीमेंट, प्लॉस्टर ऑफ पेरिस तथा गन्धक के तेजाब उत्पादन में किया जाता है। एण्डोलुसाइट: यह खनिज प्रदेश के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलें में पाया जाता है। यह लोहे की अधिकता वाला खनिज है परन्तु इसमें एल्युमिना एवं क्षार की भी कुछ मात्रा पायी जाती है। इसका उपयोग पोर्सिलेन एवं स्पार्क प्लग में किया जाता है।

पाइरोफाइलाइट: यह खनिज प्रदेश के झांसी, ललितपुर, महोबा एवं हमीरपुर में पाया जाता है। इसका उपयोग कीटनाशकों के निर्माण तथा सिरेमिक उद्योग में किया जाता है।

रॉक फास्फेट : प्रदेश का बांदा जिला रॉक फास्फेट के लिये प्रसिद्ध है यहां इसके प्रचुर भण्डार पाये जाते हैं। प्रदेश का अधिकतम रॉक फास्फेट कोयला संयंत्रों से प्राप्त किया जाता है। इसका मुख्य उपयोग उवर्रक उद्योग में तथा अपनी क्षारीय प्रकृति के कारण अम्लीय मृदा के उपचार में भी किया जाता है।

यूरेनियमः प्रदेश में यूरेनियम के भण्डार वाला एकमात्र जिला ललितपुर है। यहां इसके सीमित भण्डार पाये जाते है। यह धारवाड़ एवं आर्कियन श्रेणी चट्टानों से प्राप्त की जाती है।

काँच बालू: इसे सिलिका सैंड कहते है जो गंगा एवं यमुना नदियों से प्राप्त होती है। इससे काँच बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त काँच बालू के भण्डार चंदौली के चकिया क्षेत्र झांसी के बाला बहेट एवं मुंडारी क्षेत्र तथा चित्रकूट के बरगढ़, लौहगढ़, धनद्रौल क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है।


मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. उत्तर प्रदेश में पाये जाने वाले प्रमुख खनिजों का वर्णन करें।
प्रश्न 2. उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्र ही खनिज सम्पदा संपन्न है। कारणों को स्पष्ट करते हुये आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।

 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें