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उत्तर प्रदेश के सुविख्यात स्वतन्त्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व

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उत्तर प्रदेश भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और भारतीय राजनीति का केंद्र रहा है। उत्तर प्रदेश की भूमि ने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मंगल पाण्डे, रानी लक्ष्मीबाई, मौलवी अहमदुल्ला, बेगम हजरत महल, बख्त खां, राव कदम सिंह, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद, चित्तू पाण्डे, पंडित गोविन्द बल्लभ पंत, हसरत मोहानी, मौलाना शौकत अली, राजा महेन्द्र प्रताप, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिडी, राम मनोहर लोहिया, जवाहरलाल नेहरू, मोतीलाल नेहरू, कमला नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित, सरोजिनी नायडू, लक्ष्मी सहगल आदि की कई ऐसे महान व्यक्तित्व दिए हैं जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपने निजी जीवन का बलिदान कर दिया। इनमें कुछ महत्वपूर्ण निम्नलिखित है: -  

मंगल पांडे:- मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के नगवा गांव में हुआ था। यह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मंगल पांडे ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इन्फैंट्री के सिपाही थे। मंगल पांडे ने अंग्रेजी रेजिमेंट के अधिकारी लेफ्टिनेंट बाग पर हमला करके उसे घायल कर दिया क्योंकि वह भारतीय सैनिकों को चर्बी युक्त कारतूस के इस्तेमाल पर जोर दे रहा था। अंग्रेज सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे 8 अप्रैल, 1857 को फांसी दे दी। 


 

(मंगल पण्डे)

बेगम हजरत महल:- बेगम हजरत महल का जन्म 1820 में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में हुआ था। इन्होंने लखनऊ से 1857 की क्रांति का नेतृत्व किया तथा अपने नाबालिग बेटे बिरजिस कादिर को अवध का नवाब घोषित कर दिया। लखनऊ के सिपाहियों तथा अवध के किसानों और ज़मींदारो की सहायता से हजरत महल ने अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और अंग्रेजों की रेजीडेंसी पर कब्जा कर लिया।


 

(बेगम हजरत महल)

रानी लक्ष्मीबाई रानी:- रानी लक्ष्मी बाई का जन्म वाराणसी में 19 नवंबर, 1828 को हुआ था। इनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन इन्हें प्यार से मनु कहा जाता था। रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए एक स्वयंसेवक सेना का गठन किया और इस सेना में महिलाओं की भर्ती की गई तथा युद्ध प्रशिक्षण दिया गया। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए 18 जून, 1858 को वीरगति प्राप्त किया।


 

(रानी लक्ष्मीबाई रानी)

मौलवी लियाकत अली:- लियाकत अली उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जनपद के चौल गांव के निवासी थे। वे 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाले नेताओं में से एक थे। इन्होंने 1857 की क्रांति का नेतृत्व इलाहाबाद से किया और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर खुसरो बाग पर कब्जा कर लिया।

अशफाक उल्ला खां :- अशफाक उल्ला खान का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद में हुआ था। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे, जिन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के तत्वाधान में हुए काकोरी कांड में अहम भूमिका निभाई थी। अंत में उनको फांसी दे दी गई।


 

(अशफाक उल्ला खां)

चंद्र शेखर आजादः-चंद्र शेखर आजाद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया ,इन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सांडर्स की हत्या करके लिया। इन्होंने दिल्ली असेंबली बम कांड को अंजाम दिया था। इनकी मृत्यु इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में हुई। 

 
(चंद्र शेखर आजाद)

चित्तू पाण्डे:-चित्तू पांडे का जन्म बलिया जनपद में हुआ था। इन्होंने बलिया में भारत छोड़ो आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होंने बलिया में अस्थाई या समानांतर सरकार की घोषणा की और उसके अध्यक्ष बने । इन्होंने इस सरकार के माध्यम से बलिया के कलेक्टर को सत्ता त्यागने एवं सभी भारत छोड़ो आंदोलन के क्रांतिकारियों को रिहा कराने में सफलता प्राप्त की।

पंडित गोविन्द बल्लभ पंतः- यह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। इन्होंने 9 अगस्त, 1925 को काकोरी कांड के नव युवकों के मुकदमे में पैरवी के लिए वकीलों के साथ मिलकर सहयोग किया था। ये उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भारत के चौथे गृह मंत्री बने ।

हसरत मोहानी:- हसरत मोहानी प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, साहित्यकार, शायर, पत्रकार एवं समाजसेवी थे, इनका जन्म उन्नाव जनपद में हुआ था। इन्होंने ही इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया था। इन्होंने पहली बार कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में भारत के लिए स्वतंत्रता की मांग उठाई थी।

मौलाना शौकत अली:- शौकत अली खिलाफत आंदोलन के एक भारतीय मुस्लिम राष्ट्रवादी नेता थे। इन्होंने खिलाफत आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्हें खिलाफत सम्मेलन के अंतिम अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था।

राम प्रसाद बिस्मिलः- इनका जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद में हुआ था। ये 19 वर्ष की अवस्था में ही क्रांतिकारी बन गए। मैनपुरी षडयंत्र केस से बचने के बाद वे 2 साल तक भूमिगत रहे। इन्होंने काकोरी कांड में भी भाग लिया। इन्हें 19 दिसंबर, 1927 को गोरखपुर में फांसी दे दी गई थी।


 

(राम प्रसाद बिस्मिल)

राजेंद्र लाहिड़ी:- ये भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्रांतिकारी थे। जिन्हें काकोरी कांड के एक प्रमुख अभियुक्त के रूप में जाना जाता है। इन्होंने दक्षिणेश्वर बम विस्फोट की घटना में भाग लिया था। 

(राजेंद्र लाहिड़ी)

राम मनोहर लोहिया:- राम मनोहर लोहिया भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जनपद में हुआ था। 9 अगस्त, 1942 को जब महात्मा गांधी एवं अन्य कांग्रेसी नेता गिरफ्तार कर लिए गये तब लोहिया ने भूमिगत रहकर भारत छोड़ो आंदोलन को पूरे देश में फैलाया। इन्होंने भूमिगत रहते हुए 'जंग जू आगे बढ़ो', 'क्रांति की तैयारी करो', 'आजाद राज्य कैसे बने' आदि पुस्तकें लिखीं।

जवाहर लाल नेहरू:- इनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था।  इन्होंने आयरलैंड में हुए सीन फैन आंदोलन में भाग लिया और 1912 में एक प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस के बांदीपुर सम्मेलन में भाग लिया। 1919 में इलाहाबाद के होमरूल लीग के सचिव बने तथा 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में प्रथम किसान मोर्चा के आयोजन में भाग लिया। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के कारण उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। ये 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने 26 जनवरी 1930 में लाहौर में नेहरू जी ने स्वतंत्र भारत का ध्वज फहराया। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। 14 नवंबर को उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।  


 

(जवाहर लाल नेहरू)
 

 

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