साल 2023 में भारत ने विदेशी पर्यटकों की संख्या के मामले में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। कुल 1.92 करोड़ विदेशी सैलानी देश की विविधता, संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने आए। हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने और इसके महत्व को समझने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन का उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक फायदों को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर यह जानना महत्वपूर्ण है कि आखिर भारत कैसे अपनी सकारात्मक छवि और ब्रांडिंग के ज़रिए इतने पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।
विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास-
वर्ल्ड टूरिज्म डे 2024 की थीम "टूरिज्म एंड पीस" यानी "पर्यटन और शांति" पर केंद्रित है। विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 1980 में वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य पर्यटन के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके लाभों पर जोर देना है। 2024 में भी भारत ने अपनी पर्यटन नीति और योजनाओं को बेहतर करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
2023 में भारत का पर्यटन रिकॉर्ड-
लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 1.92 करोड़ विदेशी पर्यटक भारत आए, जो 2022 के मुकाबले लगभग दुगुनी वृद्धि दर्शाता है। यह भारत की मजबूत पर्यटन नीति और उसकी ब्रांडिंग का नतीजा है। 2022 में 85 लाख 87 हजार और 2021 में केवल 10 लाख 54 हजार विदेशी पर्यटक आए थे।
स्वदेश दर्शन योजना का प्रभाव-
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 2014-15 में "स्वदेश दर्शन योजना" की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य पर्यटन के विषयगत सर्किटों का विकास करना है। इसके तहत विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि वे अपने पर्यटन स्थलों को विकसित कर सकें।
रामायण सर्किट सहित 15 प्रमुख सर्किट-
स्वदेश दर्शन योजना के तहत 15 प्रमुख सर्किट की पहचान की गई है। इनमें रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, कृष्णा सर्किट, और महात्मा गांधी सर्किट प्रमुख हैं। रामायण सर्किट ने हाल के वर्षों में काफी पर्यटकों को आकर्षित किया है, खासकर धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए।
भारत की ब्रांडिंग में प्रमुख योगदान-
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ब्रांडिंग को प्रभावी बनाने के लिए कई रणनीतियां अपनाई हैं। इनमें 'इनक्रेडिबल इंडिया' अभियान, क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रचार-प्रसार, और भारतीय हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग शामिल हैं। भारतीय खानपान, योग, आयुर्वेद, और आध्यात्मिक पर्यटन भी दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं।
पर्यटन का आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ-
पर्यटन अब एक प्रमुख उद्योग बन चुका है और यह रोजगार का बड़ा स्रोत है। इससे न केवल आर्थिक उन्नति हो रही है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि का भी मार्ग प्रशस्त कर रहा है। पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ यह विभिन्न संस्कृतियों और स्थानों के बीच संवाद का माध्यम बनता है।
वीज़ा फ्री डेस्टिनेशन्स: बजट में घूमने का मौका-
भारत के पड़ोसी देश और अन्य कुछ जगहों पर बिना वीजा के यात्रा की सुविधा मिलती है, जिससे भारतीय पर्यटक भी इन देशों की ओर रुख कर रहे हैं। आइए जानते हैं कौन से प्रमुख देश बिना वीजा के घूमे जा सकते हैं:
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भूटान: पूर्वी हिमालय का यह छोटा सा देश भारतीय पर्यटकों को वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा देता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है।
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मालदीव: भारतीय पर्यटकों के लिए बिना वीजा के यात्रा की सुविधा वाला यह द्वीप हनीमून और बीच वेकेशन के लिए बेहद लोकप्रिय है।
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नेपाल: भारत का पड़ोसी देश नेपाल भारतीयों के लिए बिना वीजा और पासपोर्ट के यात्रा की सुविधा देता है। हिमालय की ऊंचाइयों और धार्मिक स्थलों के कारण यह पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य है।
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बारबाडोस: कैरिबियन का यह खूबसूरत द्वीप अपने शानदार बीच और लोकल कल्चर के लिए प्रसिद्ध है और भारतीय सैलानियों को वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा देता है।
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मॉरीशस: भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा सुविधा वाला यह द्वीप अपने समुद्र तटों और समुद्री जीवन के लिए मशहूर है।
टूरिज्म में भविष्य की संभावनाएं-
भारत के पर्यटन उद्योग ने 2023 में रिकॉर्ड तोड़ प्रगति की है, और आने वाले समय में भी यह बढ़ता रहेगा। सरकार की योजनाएं और वैश्विक मंचों पर भारत की सकारात्मक छवि पर्यटन को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होंगी।