बड़ी खबरें

JPC को भेजा गया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल, लोकसभा में पक्ष में पड़े 269 वोट 21 घंटे पहले 17865 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, CM योगी बोले- सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाला राज्य यूपी 21 घंटे पहले भाजपा की डबल इंजन सरकार सुशासन का प्रतीक, पेपर लीक और भर्तियों पर बोले पीएम मोदी 21 घंटे पहले यूपीपीएससी परीक्षा के दिन निरस्त रहेंगी 14 ट्रेनें, अभ्यर्थियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 21 घंटे पहले व्हिप के बावजूद 20 से अधिक भाजपा सांसद सदन से रहे नदारद, अब पार्टी भेजेगी नोटिस 14 घंटे पहले संविधान पर चर्चा में कांग्रेस पर जमकर बरसे अमित शाह, सुनाया इंदिरा और किशोर कुमार का किस्सा 14 घंटे पहले दूसरी तिमाही में 5.4% की वृद्धि दर उम्मीद से कम 14 घंटे पहले

देश के इस पर्यटक क्षेत्र की खोई चमक, आज संकट के दौर से गुजर रहा है पर्यटकों का पसंदीदा स्थल

Blog Image

उत्तराखंड के चमोली जिले के उच्च पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वेदनी बुग्याल, जिसे अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, आज संकट के दौर से गुजर रहा है। यह बुग्याल न केवल पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। लेकिन दुर्भाग्यवश, यहां की प्राकृतिक धरोहर पर संकट मंडरा रहा है, जिसकी मुख्य वजह है वन विभाग की लापरवाही और संरक्षण के लिए उठाए गए अपर्याप्त कदम। वेदनी कुंड, जो कभी इस बुग्याल का आकर्षण हुआ करता था, अब सूख चुका है, और इसके आसपास की मखमली घास को जंगली सुअरों ने बुरी तरह से खोद डाला है। इस प्रकार, वेदनी बुग्याल की खूबसूरती और इसके पर्यावरणीय महत्व को बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

वेदनी बुग्याल की खोई हुई चमक-

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित वेदनी बुग्याल, जो पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण रहा है, आज अपनी खूबसूरती खोता जा रहा है। इस बुग्याल का मुख्य आकर्षण वेदनी कुंड था, लेकिन अब यह कुंड सूख चुका है। इसके अलावा, यहां की मखमली घास और बुगी घास भी जंगली सुअरों द्वारा खोदी गई हैं, जो प्राकृतिक परिवेश को नुकसान पहुँचा रही हैं। यह समस्याएँ वन विभाग की लापरवाही का परिणाम हैं, क्योंकि वेदनी बुग्याल जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के संरक्षण के लिए प्रभावी उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

धार्मिक और पर्यटन महत्व: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य-

वेदनी बुग्याल न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां स्थित वेदनी कुंड में हर साल श्रीनंदा लोकजात यात्रा के दौरान श्रद्धालु तर्पण और श्राद्ध करने आते हैं। अगस्त-सितंबर में यह कुंड श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थान होता था, लेकिन अब पानी की कमी के कारण इसका धार्मिक महत्व भी प्रभावित हो रहा है।

वन विभाग की आय और संरक्षण की लापरवाही

वेदनी बुग्याल और इसके आसपास के अन्य बुग्यालों से वन विभाग को हर साल लाखों रुपये की आय होती है। पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, विशेषकर 2021 और 2023 में। फिर भी, वन विभाग ने इन क्षेत्रों के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इससे पर्यटकों के अनुभव में गिरावट आ रही है, और प्राकृतिक संसाधन भी खतरे में हैं।

वर्ष पर्यटकों की संख्या आय (लाख में)

  • 2021 - 4523 पर्यटक - 22,41,460 रुपये
  • 2022 - 5562 पर्यटक - 26,82,425 रुपये
  • 2023 - 5720 पर्यटक - 27,17,077 रुपये

क्यों महत्वपूर्ण है संरक्षण?

वेदनी बुग्याल का संरक्षण सिर्फ प्राकृतिक धरोहर के लिए आवश्यक नहीं, बल्कि इससे जुड़े पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए नहीं, बल्कि एक बिगड़े हुए पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में सामने आ सकता है।

सरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

  • संरक्षण प्रबंधन: वन विभाग को एक मजबूत संरक्षण प्रबंधन योजना लागू करनी चाहिए, जिसमें बुग्यालों और जलस्रोतों की नियमित सफाई और रखरखाव शामिल हो।
  • जंगली जानवरों से सुरक्षा: जंगली सुअरों के कारण हो रही तबाही को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाना चाहिए।
  • स्थानीय समुदाय की भागीदारी: स्थानीय समुदाय को संरक्षण प्रयासों में शामिल किया जाए ताकि वे भी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें और बुग्यालों की देखभाल में मदद कर सकें।
  • धार्मिक गतिविधियों का संरक्षण: वेदनी कुंड में धार्मिक गतिविधियों की निरंतरता बनाए रखने के लिए इस कुंड के पानी की आपूर्ति को बहाल किया जाना चाहिए।

प्राकृतिक एवं धार्मिक महत्व को बचाना जरूरी-

वेदनी बुग्याल की सुंदरता और इसके प्राकृतिक एवं धार्मिक महत्व को बचाने के लिए जरूरी है कि वन विभाग अपनी जिम्मेदारी समझे और इस क्षेत्र के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए। अन्यथा, यह खूबसूरत स्थल अपनी असल खूबसूरती और आकर्षण को खो सकता है, जो न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी भारी नुकसान होगा।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें