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12 जून 2025 – यह तारीख भारतीय विमानन इतिहास के सबसे काले दिनों में दर्ज हो गई है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण हादसे में 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि स्थानीय क्षेत्र में मौजूद 24 अन्य नागरिक भी इस त्रासदी का शिकार हो गए। देशभर में शोक की लहर फैल गई है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सहित शीर्ष नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। सरकार ने इस दुर्घटना को “राष्ट्रीय आपदा” की श्रेणी में रखते हुए त्वरित कदम उठाए हैं।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पर सख्त निगरानी
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने प्रेस वार्ता में बताया कि देश में मौजूद सभी 34 बोइंग 787 विमानों की तकनीकी जांच का आदेश दे दिया गया है। DGCA को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा मानकों की गहनता से समीक्षा की जाए।
“हमें सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करना है। यह हादसा एक चेतावनी है कि हर मानक को फिर से जांचना होगा। जांच पूरी होने तक कोई ढील नहीं दी जाएगी।”
– राम मोहन नायडू, नागरिक उड्डयन मंत्री
हादसे के 24 घंटे बाद, 13 जून की शाम ब्लैक बॉक्स मलबे से बरामद किया गया। अब यह एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के पास है, जो इसके डेटा की जांच कर यह पता लगाएगा कि फ्लाइट डेक में क्या तकनीकी गड़बड़ी हुई, पायलटों ने क्या फैसले लिए, और क्या यह हादसा रोका जा सकता था।
केवल एक जीवित यात्री – हादसे की चाबी
चमत्कारिक रूप से, फ्लाइट में सवार एक यात्री जीवित बच पाया है। हालांकि उसकी हालत गंभीर है और ICU में विशेष निगरानी में रखा गया है। अधिकारियों का मानना है कि उसकी गवाही ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग की पुष्टि करने में सहायक होगी।
DNA जांच से शवों की पहचान, एयर इंडिया को सख्त आदेश
अधिकतर शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हैं, जिससे उनकी पहचान संभव नहीं हो पा रही। ऐसे में सरकार ने DNA जांच के ज़रिए शिनाख्त के आदेश दिए हैं। वहीं, एयर इंडिया को हर पीड़ित परिवार को पूर्ण सहयोग देने, आर्थिक मुआवजा और कानूनी सहायता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
“यह हादसा मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बेहद भावुक है। मैंने अपने पिता को सड़क हादसे में खोया था, उस दर्द को मैं समझता हूं।”
– राम मोहन नायडू, भावुक होते हुए
सरकार ने एक बहु-विषयक जांच समिति गठित की है जिसमें वरिष्ठ विमानन विशेषज्ञ, इंजीनियर और सुरक्षा विश्लेषक शामिल हैं। समिति यह जांचेगी कि क्या विमान में पहले से कोई तकनीकी खामी थी या रखरखाव में कोई लापरवाही हुई।
क्या बोइंग 787 पर लगेगा अस्थायी ब्रेक?
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसे अब सोशल मीडिया पर “डर की उड़ान” कहा जा रहा है, पहले भी दुनिया के कई हिस्सों में तकनीकी विवादों से घिरा रहा है। भारत में यह पहली बार है जब पूरे बेड़े की एकसाथ जांच की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गंभीर खामियां सामने आती हैं, तो इन विमानों की उड़ान पर अस्थायी रोक संभव है।
AI-171: एक त्रासदी, एक चेतावनी
यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं है। यह सैकड़ों परिवारों के जीवन की टूटन है, एक संपूर्ण सिस्टम के लिए चेतावनी है, और भारत के विमानन क्षेत्र की सबसे बड़ी परीक्षा। एयर इंडिया जैसी भरोसेमंद एयरलाइन से जुड़ी यह घटना सरकार, विमानन कंपनियों और जनता – सभी के लिए जिम्मेदारियों की फिर से समीक्षा का समय है।
Baten UP Ki Desk
Published : 14 June, 2025, 7:55 pm
Author Info : Baten UP Ki