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पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के लिए ऐतिहासिक पल, मेडल्स की हो रही बौछार

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पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का प्रदर्शन अब तक बेहद शानदार रहा है। भारतीय एथलीटों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से इतिहास रचते हुए शुक्रवार को एक और स्वर्ण पदक जीता। एथलेटिक्स की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में प्रवीण कुमार ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया। इस जीत के साथ ही पेरिस पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 26 हो गई है। भारत ने पैरालंपिक में 25 पदक जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे उसने अब पहले ही पार कर लिया है, और भारतीय खिलाड़ी लगातार सफलता की ओर बढ़ रहे हैं।

भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ पैरालंपिक का प्रदर्शन-

पेरिस पैरालंपिक 2024 हर मायने में भारत के लिए सबसे सफल पैरालंपिक साबित हो रहा है। इससे पहले, टोक्यो पैरालंपिक 2020 भारत का सबसे सफल पैरालंपिक था, जिसमें 54 एथलीट्स ने भाग लिया था और 19 पदक जीते थे। इनमें 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल थे। पेरिस पैरालंपिक में भारत ने पहले ही 6 स्वर्ण पदक जीत लिए हैं, जो टोक्यो में हासिल 5 स्वर्ण पदकों के रिकॉर्ड को पार कर चुका है।

रैंक में सुधार की संभावनाएँ-

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की रैंकिंग भी एक ऐतिहासिक मोड़ पर है। फिलहाल भारत 14वें स्थान पर है, जबकि टोक्यो पैरालंपिक में 24वीं रैंक पर था। अगर भारत इस बार टॉप 20 में अपनी जगह बना पाता है, तो यह भारत के पैरालंपिक इतिहास में सबसे बेहतर रैंकिंग होगी।

पेरिस पैरालंपिक 2024 के पदक विजेता-

इस पैरालंपिक में अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतकर भारत की पदक यात्रा शुरू की थी। इसके बाद मनीष नरवाल, सुहास एलवाई और कई अन्य खिलाड़ियों ने पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। यहाँ कुछ प्रमुख पदक विजेताओं की सूची दी गई है:

  • प्रवीण कुमार: स्वर्ण पदक (एथलेटिक्स)
  • अवनि लेखरा: स्वर्ण पदक (निशानेबाजी)
  • सुमित अंतिल: स्वर्ण पदक (एथलेटिक्स)
  • निषाद कुमार: रजत पदक (एथलेटिक्स)
  • रुबीना फ्रांसिस: कांस्य पदक (निशानेबाजी)
  • हरविंदर सिंह: स्वर्ण पदक (तीरंदाजी)

भारत के पैरालंपिक इतिहास की प्रमुख उपलब्धियाँ-

भारत ने पैरालंपिक खेलों में पहली बार 1968 के तल अवीव खेलों में भाग लिया था। 1972 के हीडलबर्ग पैरालंपिक खेलों में भारत ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद से लेकर अब तक भारत के लिए सबसे सफल पैरालंपिक 2020 का टोक्यो संस्करण था। अब पेरिस पैरालंपिक 2024 ने इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत को एक और स्वर्णिम अध्याय लिखने का अवसर दिया है।

खेलों के अनुसार भारत के कुल पदक (1968-2024)

  • एथलेटिक्स: 6 स्वर्ण, 15 रजत, 10 कांस्य (कुल 31)
  • निशानेबाजी: 3 स्वर्ण, 2 रजत, 4 कांस्य (कुल 9)
  • बैडमिंटन: 3 स्वर्ण, 3 रजत, 3 कांस्य (कुल 9)
  • तैराकी: 1 स्वर्ण (कुल 1)
  • टेबल टेनिस: 1 रजत (कुल 1)
  • तीरंदाजी: 1 स्वर्ण, 2 कांस्य (कुल 3)
  • पावरलिफ्टिंग: 1 कांस्य (कुल 1)
  • जूडो: 1 कांस्य (कुल 1)

एक से अधिक पदक जीतने वाले भारतीय एथलीट्स-

कुछ एथलीट्स ऐसे भी हैं जिन्होंने विभिन्न पैरालंपिक खेलों में एक से अधिक पदक जीते हैं। देवेंद्र झाझरिया और अवनि लेखरा जैसे खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया है। नीचे ऐसे कुछ एथलीट्स की सूची दी गई है:

  • देवेंद्र झाझरिया (एथलेटिक्स): 2 स्वर्ण, 1 रजत
  • अवनि लेखरा (निशानेबाजी): 2 स्वर्ण, 1 कांस्य
  • सुमित अंतिल (एथलेटिक्स): 2 स्वर्ण
  • मरियप्पन थंगावेलु (एथलेटिक्स): 1 स्वर्ण, 1 रजत, 1 कांस्य
  • प्रवीण कुमार (एथलेटिक्स): 1 स्वर्ण, 1 रजत

भारत का भविष्य और पैरालंपिक में संभावनाएँ-

पेरिस पैरालंपिक 2024 ने भारत के पैरालंपिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। भारतीय एथलीट्स की दृढ़ता और साहस ने उन्हें विश्व स्तर पर एक सशक्त स्थान दिलाया है। जैसे-जैसे पैरालंपिक खेलों में भारत का योगदान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे भविष्य में और भी अधिक उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है। भारत के पैरा एथलीट्स की यह उपलब्धियाँ न केवल खेल के मैदान में उनकी मेहनत का परिणाम हैं, बल्कि वे देश की जनता के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी हैं। पेरिस पैरालंपिक 2024 के पदक संख्या और रैंकिंग से यह साफ है कि भारत अब पैरालंपिक खेलों में एक उभरती हुई शक्ति बन चुका है।

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