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हांगकांग की जमीन पर भारत ने इस चैंपियनशिप में किया कमाल, स्वर्ण समेत जीते 6 पदक

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भारत ने हांगकांग में आयोजित विश्व पिकलबॉल चैंपियनशिप के दौरान अद्वितीय प्रदर्शन दिखाया और कुल छह पदक जीते, जिसमें एक स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य शामिल हैं। यह सफलता भारतीय पिकलबॉल खिलाड़ियों की बेहतरीन मेहनत और समर्पण को दर्शाती है। 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक चली इस प्रतियोगिता ने पिकलबॉल के उभरते हुए सितारों को एक बड़े मंच पर अपनी कड़ी मेहनत और कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर दिया।

स्वर्ण पदक विजेता: वंशिक कपाड़िया और वृशाली ठाकरे-

भारत की इस शानदार यात्रा की शुरुआत स्वर्ण पदक से हुई, जब वंशिक कपाड़िया और वृशाली ठाकरे ने 19 प्लस ओपन मिश्रित युगल वर्ग में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। यह जीत भारतीय पिकलबॉल के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई, क्योंकि इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा बहुत ही कड़ी थी। वंशिक और वृशाली की जोड़ी ने अपनी अद्भुत तालमेल और रणनीति से प्रतियोगिता के दौरान हर चुनौती का सामना किया। उनका यह स्वर्ण पदक भारत के पिकलबॉल खेल की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

रजत पदक विजेता कुलदीप महाजन और अन्य खिलाड़ी-

भारत ने इस प्रतियोगिता में कुल तीन रजत पदक भी जीते। कुलदीप महाजन ने दक्षिण कोरिया की किम युंग ग्वोन के साथ मिलकर 19 प्लस ओपन मिश्रित युगल वर्ग में रजत पदक हासिल किया। यह जोड़ी भी अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में खेलते हुए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन देने में सफल रही। इसके अलावा, वंशिक कपाड़िया ने 19 प्लस ओपन पुरुष एकल में भी रजत पदक जीता। वंशिक की इस जीत से यह साबित हुआ कि वह भारतीय पिकलबॉल के सबसे मजबूत खिलाड़ियों में से एक हैं। इसके साथ ही, करीना आदित्य द्विपयानी और वृशाली ठाकरे ने 19 प्लस महिला युगल में रजत पदक जीते। इन दोनों खिलाड़ियों ने एकजुट होकर शानदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम को सिल्वर हासिल करने में मदद की।

कांस्य पदक: ईशा लखानी, रूस वान रीक, मयूर पाटिल और नीलसन चेन-

भारत के लिए यह आयोजन और भी खास बन गया जब चार भारतीय खिलाड़ियों ने कांस्य पदक भी जीते। ईशा लखानी और रूस वान रीक ने 19 प्लस ओपन महिला युगल में कांस्य पदक जीता। यह जोड़ी भी काफी प्रभावशाली रही और उन्होंने हर मैच में अपनी पूरी ताकत झोंकी। इसके अलावा, मयूर पाटिल और नीलसन चेन ने 19 प्लस ओपन मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीते। यह जोड़ी अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ प्रतियोगिता में एक मजबूत पैठ बना पाई और अपने देश का मान बढ़ाया।

पिकलबॉल का विकास और भारत की भूमिका-

पिकलबॉल, जो मूल रूप से एक अमेरिकी खेल है, भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हाल के वर्षों में पिकलबॉल के प्रति भारतीयों की रुचि में काफी इजाफा हुआ है, और इसके कारण खेल के स्तर में भी वृद्धि हुई है। विश्व पिकलबॉल चैंपियनशिप जैसे आयोजनों ने भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन मौका दिया है। हांगकांग में भारत के प्रदर्शन से यह साफ हो जाता है कि पिकलबॉल भारत में एक तेजी से बढ़ता हुआ खेल बन सकता है। भारत के पिकलबॉल खिलाड़ी न केवल तकनीकी रूप से मजबूत हैं, बल्कि वे मानसिक रूप से भी उतने ही मजबूत हैं, जो बड़े अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उन्हें प्रतिस्पर्धा में सफलता दिलाता है।

आने वाले समय में पिकलबॉल के लिए उम्मीदें-

विश्व पिकलबॉल चैंपियनशिप में भारतीय खिलाड़ियों की यह सफलता निश्चित रूप से पिकलबॉल के खेल को भारत में और अधिक बढ़ावा देगी। इसके साथ ही, भारतीय खेलों में पिकलबॉल को एक प्रमुख स्थान मिलेगा। जैसे-जैसे यह खेल और अधिक लोकप्रिय होगा, और अधिक भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने के लिए प्रेरित होंगे। भारत के पिकलबॉल संघ को चाहिए कि वह इस खेल के विकास के लिए अधिक से अधिक संसाधन और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करे, ताकि भविष्य में और भी खिलाड़ी इस खेल में अपनी पहचान बना सकें और भारत का नाम रोशन कर सकें।

देश में पिकलबॉल के प्रति उत्साह-

भारत ने विश्व पिकलबॉल चैंपियनशिप के हांगकांग चरण में अपनी शानदार सफलता के साथ यह साबित कर दिया है कि देश में पिकलबॉल के प्रति उत्साह और क्षमता की कोई कमी नहीं है। स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक की जीत ने भारतीय पिकलबॉल को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दी है। उम्मीद है कि भविष्य में भारतीय खिलाड़ी और भी बड़े मंचों पर सफलता प्राप्त करेंगे और पिकलबॉल को देश के प्रमुख खेलों में शुमार करेंगे।

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