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यूपी के मेरठ में ही क्यों खुली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ?

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बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ के सरधना में विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी है। इस स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की खासियत यह होगी कि वह उत्तर प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय होगा। यूनिवर्सिटी का नामकरण हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रहेगा। इसकी शुरुआत से उत्तरप्रदेश के खेल जगत को एक बड़ी सौगात मिलेगी।

आपके दिमाग में ये सवाल जरूर होगा की इस यूनिवर्सिटी के लिए मेरठ ही क्यों चुना गया। दरअसल मेरठ मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद मेरठ में आठ साल रहे। सेना में पंजाब रेजिमेंट की टीम की ओर से हॉकी खेलने वाले मेजर ध्यानचंद ने जापान के खिलाफ पांच गोल दागकर मेरठ की टीम को यादगार पल दिए. साथ ही मेरठ स्पोर्ट्स का हब भी है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेरठ में बनने वाले मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय को बनाने में नागर शैली का प्रयोग किया गया है। ‘नागर’ शब्द नगर से बना है। सर्वप्रथम नगर में निर्माण होने के कारण इसे नागर शैली कहा जाता है। इसे 8वीं से 13वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत में मौजूद शासक वंशों ने पर्याप्त संरक्षण दिया। नागर शैली उत्तरी भारत की प्राचीन शैली है जो हिमालय से विंध्या प्रदेश के भू-भाग में फैली हुई थी उत्तर और पूर्वी भारत में सुंदर आकर्षक मंदिरों का निर्माण नागर शैली के अनुसार ही किया गया था नागर शैली में अधिकांश मंदिरों की छत सर्पिल होती है और इन सर्पिल छतों को शिखर कहा जाता है। इस विश्वविद्यालय को बनने में नागर शैली का इस्तेमाल क्यों किया गया ये हम आपको आगे बताने वाले हैं।

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