अंतरिक्ष के अनंत विस्तार में जल्द ही भारत की एक नई पहचान चमकने वाली है। लखनऊ के शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक उड़ान भरने के लिए तैयार हैं, जो उन्हें न सिर्फ अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनाएगी, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाला पहला भारतीय बनने का गौरव भी दिलाएगी। फाइटर जेट्स से आसमान को चीरने वाले इस साहसी योद्धा का अब अंतरिक्ष के अज्ञात आयामों की खोज में जाने का समय आ गया है। यह सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि 1.4 अरब सपनों की ऊंची उड़ान है।
एग्जियोम मिशन 4: नया सफर, नई उम्मीदें
शुभांशु शुक्ला को एग्जियोम मिशन 4 के लिए चुना गया है। यह मिशन अमेरिका की एग्जियोम स्पेस और नासा के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभांशु ने इस मिशन के महत्व और अपनी जिम्मेदारियों के बारे में खुलकर बात की।
वैज्ञानिक प्रयोग और निजी अनुभव होंगे खास
अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शुभांशु कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे। उन्होंने कहा कि यह मिशन केवल उनकी यात्रा नहीं बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के सपनों की उड़ान है। शुभांशु ने वादा किया कि वे अपने अनुभवों को तस्वीरों और वीडियो के जरिए साझा करेंगे ताकि भारतवासी अंतरिक्ष को उनकी आंखों से देख सकें।
क्यों हैं शुभांशु खास?
शुभांशु का जन्म लखनऊ में हुआ और उनकी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी हुई। वे भारतीय वायुसेना के अनुभवी फाइटर पायलट हैं और 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव रखते हैं। उनका सैन्य और परीक्षण पायलट के रूप में शानदार करियर उन्हें इस मिशन के लिए उपयुक्त बनाता है।
गगनयान और एग्जियोम मिशन की अहम कड़ी
शुभांशु की इस यात्रा का भारत के गगनयान मिशन से भी गहरा संबंध है। अंतरिक्ष से प्राप्त उनके अनुभव भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बहुमूल्य साबित होंगे।
एग्जियोम मिशन में शुभांशु के साथी
स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में शुभांशु के साथ अमेरिका की कमांडर पेगी व्हिट्सन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल होंगे। यह मिशन भारत और अंतरिक्ष विज्ञान दोनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।