पित्ताशय कैंसर के खिलाफ जंग में अब जीत की संभावना मजबूत हो रही है। संजय गांधी पीजीआई के विशेषज्ञों ने एक अभिनव तकनीक विकसित की है, जिसने इलाज की पारंपरिक धारणा को बदल दिया है। महंगे इम्यूनोथेरेपी उपचार का सस्ता और प्रभावी विकल्प साबित हो रही यह नई कांबिनेशन थेरेपी मरीजों के जीवन को नई दिशा दे रही है। इस तकनीक की बदौलत अब न केवल इलाज किफायती हो गया है, बल्कि मरीजों की उम्र भी दोगुनी तक बढ़ रही है।
कांबिनेशन थेरेपी से मिल रही सफलता-
एसजीपीजीआई के रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख ने 140 पित्ताशय कैंसर के मरीजों पर शोध किया, जिनमें कैंसर का फैलाव अधिक नहीं था। इन मरीजों को कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का संयोजन दिया गया, जिससे 80% मरीजों में सुधार देखा गया। पारंपरिक कीमोथेरेपी की तुलना में यह नया इलाज मरीजों की उम्र को दोगुना करने में सक्षम साबित हुआ है।
कीमते कम, असर ज्यादा-
रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख के मुताबिक, एसजीपीजीआई में 6 हफ्तों की कीमो और रेडियोथेरेपी की कुल लागत लगभग 30,000 रुपये आती है, जबकि इम्यूनोथेरेपी का खर्च 18 से 20 लाख रुपये तक होता है। यही नहीं, इस उपचार से मरीजों की तकलीफ भी कम हो रही है और जीवन में गुणात्मक सुधार हो रहा है।
सर्जरी की कमी और कीमोथेरेपी की महत्वता-
गाल ब्लैडर कैंसर के शुरुआती चरण में केवल 10% मरीजों में सर्जरी संभव होती है। बाकी मरीजों में कैंसर का फैलाव अधिक होता है, जिससे इलाज के विकल्प सीमित हो जाते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि 40% मरीजों में कैंसर स्थानीय स्तर पर होता है, जिन्हें मुख्यतः कीमोथेरेपी द्वारा इलाज किया जाता है।
पित्ताशय कैंसर: लक्षण और कारण-
पित्ताशय कैंसर के शुरुआती लक्षणों में पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द, भूख में कमी, वजन का तेजी से घटना, अपच, उल्टी और त्वचा तथा आंखों का पीला पड़ना शामिल हैं। इस कैंसर के कारणों में अनुवांशिकता, पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल का असामान्य स्तर, पित्त की पथरी, मोटापा, धूम्रपान, दूषित जल और तेल जैसे कारक शामिल हैं।
क्या है पित्ताशय कैंसर?
पित्ताशय (गाल ब्लैडर) एक छोटा अंग है, जो पाचन में मदद करने वाले बाइल जूस को संग्रहित करता है। जब इसकी कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो कैंसर का विकास होता है। यह कैंसर अक्सर देर से पहचान में आता है, जिससे इलाज की संभावना कम हो जाती है।
पित्ताशय कैंसर के इलाज में एसजीपीजीआई की नई पहल
नई कांबिनेशन थेरेपी से पित्ताशय कैंसर के मरीजों की उम्र और जीवन की गुणवत्ता में सुधार देखा जा रहा है। इस किफायती और प्रभावी इलाज ने न केवल मरीजों को राहत दी है, बल्कि यह एक नई उम्मीद भी जगाई है।