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(Special Story) उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया में शनिवार की सुबह दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। भलुअनी कस्बे के पास डुमरी गांव में गैस सिलेंडर फटने से एक महिला समेत 3 बच्चों की मौत हो गई। दरअसल घर में चाय बनाते समय रसोई गैस का सिलेंडर फट गया।
कैसे हुआ हादसा-
जानकारी के मुताबिक डुमरी गांव के रहने वाले शिव शंकर गुप्ता की पत्नी आरती देवी घर में चाय बना रही थी तभी अचानक सिलेंडर फट गया और इसके बाद देखते ही देखते घर में आग फैल गई। हादसे में आरती उम्र 35 साल और उनके तीन बच्चे आंचल 14 साल, कुंदन 12 साल और सृष्टि 11 महीने की दर्दनाक मौत हो गई। सिलेंडर फटने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डीएम, एसपी ने घटनास्थल का जायजा लिया और पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
धुंआ रहित ईंधन की मांग बढ़ी तो घर-घर गैस सिलेंडर तो पहुंच गए लेकिन आये दिन गैस सिलेंडर से आग लगने के हादसे से सामने आते रहते हैं। घरों में गैस सिलेंडर इस्तेमाल करने से पहले पूरी सावधानी बर्तें। क्योंकि थोड़ी सी चूक हादसे का कारण बन सकती है। अगर कुछ बाताें का ध्यान रखा जाए तो समस्या को टाला जा सकता है। घरों में सुरक्षित सिलेंडर उपयोग करते समय कुछ इस प्रकार सावधानियां रखें..
सुरक्षित सिलेंडर की कैसे करें पहचान?
1-गैस की गंध से करें पहचान
गैस सिलेंडर में लीकेज होने पर गैस की तीव्र गंध आती है।यदि आपको गैस की गंध आती है, तो तुरंत गैस सिलेंडर को बंद कर दें और खिड़की या दरवाजा खोलकर कमरे को हवादार कर दें।
2. साबुन के पानी से करें पहचान
एक कप में पानी और साबुन मिलाकर घोल बना लें। ब्रश को घोल में डुबोकर सिलेंडर के जोड़ों, वाल्व और रेगुलेटर पर लगाएं। अगर बुलबुले बनते हैं, तो यह गैस लीकेज का संकेत है।
3. गैस डिटेक्टर का प्रयोग करके
गैस डिटेक्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो गैस रिसाव का पता लगाता है। गैस डिटेक्टर को सिलेंडर के जोड़ों, वाल्व और रेगुलेटर के पास ले जाएं। यदि डिटेक्टर अलार्म बजता है, तो यह गैस लीक है।
4. गैस कंपनी से करें संपर्क
यदि आपको गैस लीकेज का संदेह है, तो तुरंत अपनी गैस कंपनी से संपर्क करें। गैस कंपनी के पास लीकेज का पता लगाने और उसे ठीक करने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी होते हैं।
घरों में क्या होनी चाहिए सावधानियाँ ?
जब कोई भी गैस सिलेंडर हादसा हो जाता है तो आप क्या करेंगे? क्या ऐसे हादसों के लिए मुआवजा मिलता है? क्या आप ऑयल कंपनी से नुकसान की भरपाई करवा सकते हैं? ऐसे कई तरह के सवाल आपके जहन में गूंज रहे होंगे। जब आप रसोई गैस कनेक्शन लेते हैं तो उसी समय आपका बीमा हो जाता है। इसे एलपीजी इंश्योरेंस कवर पॉलिसी कहते हैं।
सिलेंडर से हुए हादसों में कौन देता है बीमा?
सिलेंडर से हुए हादसों के लिए सरकार से 40 लाख रुपये का दुर्घटना कवर मिलता है। मगर, पेट्रोलियम कंपनियां भी आपको कुछ नियमों के तहत पर्सनल एक्सीडेंट कवर देती हैं। इस इंश्योरेंस के लिए पेट्रोलियम कंपनियों का बीमा कंपनियों के साथ पार्टनरशिप होती है।
मौत पर पर 50 लाख का बीमा कवर-
LPG इंश्योरेंस कवर में आपसे 50 लाख रुपये तक का बीमा कराया जाता है. गैस सिलेंडर की वजह से होने वाले किसी भी हादसे में जान-माल का नुकसान भी हो जाता है। ऐसे में रसोई गैस कनेक्शन के साथ 40 लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा मिलता है। अगर हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे में 50 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। मगर, इसमें एक शर्त है कि सिलेंडर जिसके नाम पर है सिर्फ उसी को बीमा की राशि मिलती है।
क्लेम के लिए जरूरी शर्तें-
आपको सिलेंडर हादसा होने के 30 दिनों के अंदर अपने ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी जानकारी देनी होगी। इसके लिए FIR की कॉपी भी देना अनिवार्य होगा। FIR की कॉपी के साथ मेडिकल की रसीद, हॉस्पिटल का बिल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मृत्यु होने पर डेथ सर्टिफिकेट भी देना होगा। जिसके बाद ऑयल कंपनी आपका क्लेम फाइल करके आपको मुआवजा देगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 30 March, 2024, 2:27 pm
Author Info : Baten UP Ki