बड़ी खबरें

लखनऊ में इंडिया गठबंधन ने की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव रहे मौजूद 13 घंटे पहले IRCTC लखनऊ से धार्मिक और हिल स्टेशनों की कराएगा सैर, चार स्पेशल ट्रेनों से कर सकेंगे भ्रमण 13 घंटे पहले 1500 फीट ऊपर से गिराया पोर्टेबल हॉस्पिटल,आगरा में एयरफोर्स का सफल ट्रायल, दुर्गम इलाकों में 8 मिनट में मिलेगा इलाज 13 घंटे पहले 1500 फीट ऊपर से गिराया पोर्टेबल हॉस्पिटल,आगरा में एयरफोर्स का सफल ट्रायल, दुर्गम इलाकों में 8 मिनट में मिलेगा इलाज 13 घंटे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई आज, ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड के वकील रखेंगे दलीलें 13 घंटे पहले यूजीसी नेट परीक्षा के लिए आवेदन का आखिरी मौका आज, ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर कर सकतें हैं आवेदन 13 घंटे पहले UPSSSC ने जारी किया वन रक्षक भर्ती परीक्षा शेड्यूल, 709 पदों पर होगी भर्तियाँ 13 घंटे पहले भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय में समर वर्कशॉप आज से शुरू, 2 साल के बच्चों से लेकर 93 वर्ष तक के बुजुर्ग हो सकते हैं शामिल 13 घंटे पहले लखनऊ के नेशनल कॉलेज में 2 नए कोर्स शुरू, होटल और हॉस्पिटल मैनेजमेंट की होगी पढ़ाई 13 घंटे पहले

भारत में ये दोनों कंपनियां मिलकर बनाएंगी हल्के फाइटर प्लेन के इंजन

Blog Image

भारत सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के साथ साथ डिफेंस सेक्टर में भी अपनी मजबूत पकड़ बना रहा है और इसी मुरहिम में अब भारत में ही फाइटर जेट प्लेन के इंजन बनाएं जाएंगे। पहले हल्के लड़ाकू विमान तेजस MK 2 और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA)  के पहले दो स्क्वाड्रन के इंजनों का घरेलू स्तर पर प्रोडक्शन किया जाएगा। इसके बाद जनरल इलेक्ट्रिक और HAL साथ मिलकर भारत में 99 इंजन बनाएंगी। इसमें करीब एक अरब डॉलर (8,329 करोड़) की लागत आ सकती है। 

भारत के विमान उद्योग को मिलेगा बढ़ावा-

बता दे कि भारत के लिए एक बड़ी परियोजना है और इससे भारत के विमान उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारत में इंजीनियरिंग और तकनीकी कौशल का विकास होगा। इससे भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले, भारत को इन विमानों के लिए इंजन विदेशों से आयात करने पड़ते थे। अब, इन इंजनों के देश में निर्माण से भारत की विदेशी निर्भरता कम होगी। जनरल इलेक्ट्रिक इन इंजनों में जो टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करेगा, उनमें हीट से बचने के लिए स्पेशल थर्मल कोटिंग भी शामिल हैं। यह तकनीक इन इंजनों को अधिक शक्तिशाली और टिकाऊ बनाएगी। इससे भारत के लड़ाकू विमानों की क्षमता में भी सुधार होगा।

GE एयरोस्पेस और HAL मिलकर बनाएगी इंजन-

वहीं डीआरडीओ प्रमुख डा. समीर वी कामत ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि एलसीए मार्क 2 के इंजन और एएमसीए के पहले दो स्क्वाड्रन का उत्पादन अमरीकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से देश के भीतर एक साथ होगा। इसे लेकर सभी जरूरी मंजूरियां अमेरिका से मिल गई हैं। एचएएल और यूएस की जीई देश में संयुक्त रूप से इन इंजनों का उत्पादन करेंगे। 30 अगस्त को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान के डिवेलपमेंट को लेकर मंजूरी दी, जो भारतीय वायुसेना में मिराज 2000, जगुआर और मिग -29 लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे।

2027 तक पूरा किया जाएगा प्रोडक्शन-
इसी दौरान एयरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी के चीफ गिरीश देवधरे ने कहा कि एलसीए मार्क 2 फाइटर एयरक्राफ्ट डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट को सरकार से मंजूरी मिली है। इससे डिजाइनर्स के लिए एडवांस्ड 17.5 टन सिंगल-इंजन विमान बनाने का रास्ता साफ होगा। नए एयरक्राप्ट का डिवेलपमेंट 2027 तक पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार से प्रोटोटाइप बनाने की मंजूरी मिली हुई है। पहला प्रोटोटाइप सालभर के भीतर शुरू हो सकता है और फ्लाइंग ट्रायल्स व अन्य संबंधित कार्यों के बाद यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा होना है। डीआरडीओ का मानना है कि यह विमान एवियोनिक्स और क्षमताओं के मामले में राफेल कैटेगरी के एयरक्राफ्ट में आएगा, मगर वजन में हल्का होगा।

 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें