बड़ी खबरें

एलन मस्क को कोर्ट से झटका, टेस्ला के 55 अरब डॉलर के वेतन पैकेज को अदालत ने फिर किया खारिज 10 घंटे पहले ब्रेन रोट' बना 2024 का वर्ड ऑफ द ईयर 10 घंटे पहले अंतिम मंजूरी के बाद ऑपरेशन के लिए तैयार INS विक्रांत, समुद्री इतिहास में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत 10 घंटे पहले चिन्मय दास को एक महीने जेल में ही रहना पड़ेगा, कोई वकील नहीं हुआ पेश, जमानत पर टली सुनवाई 10 घंटे पहले यूपी में 661 पदों पर UPSSSC करेगा भर्ती, 25 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन, नोटि‍फ‍िकेशन जारी 10 घंटे पहले कानपुर में एलीवेटेड रोड के लिए सर्वे शुरू, भूमि अधिग्रहण के लिए निर्देश जारी, लखनऊ-इटावा NH से जोड़ा जाएगा 10 घंटे पहले देश में इस शहर की हवा अमृत, GRAP की पाबंदियों ने भी दिल्ली को नहीं दिलाई राहत, नवंबर में रही सबसे ज्यादा प्रदूषित 3 घंटे पहले संभल हिंसा में विदेशी कारतूस का इस्तेमाल, फोरेंसिक टीम को पाकिस्तान मेड 9 MM के 2 मिसफायर और 1 मिला खोखा 2 घंटे पहले चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की सुनवाई से CJI हटे, नई बेंच 6 जनवरी से सुनवाई करेगी, CJI को पैनल से हटाने पर कांग्रेस ने याचिका लगाई 2 घंटे पहले

भारत में बन गई अपने आप चलने वाली कार

Blog Image

कभी आपने सोचा है कि आप कहीं जा रहे हो गाड़ी तैयार खड़ी हो लेकिन उसमें ड्राइवर ना हो, तो आपका परेशान होना स्वाभाविक है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा आपकी कार में ड्राइवर के नहीं होने पर भी आपको कोई दिक्कत नहीं होने वाली है आप बिना ड्राइवर के ही अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे वो भी बिल्कुल सुरक्षित...

स्टार्टअप कंपनी ने बनाई ऑटोमेटेड ड्राइविंग कार-

इंडिया की एक स्टार्टअप कंपनी ने पूरी तरह से ऑटोमेटेड ड्राइविंग कार का निर्माण कर लिया है। बेंगलुरू स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी माइनस जीरो ने दावा किया है कि उन्होंने देश का पहला ऑटोनॉमस व्हीकल बना लिया है।  Z Pod नाम की यह कार स्टेज फाइव ऑटोनॉमस क्षमताओं को पूरा करती है। इसका सीधा मतलब यह है कि कार किसी भी कंडीशन में बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ड्राइव हो सकती है। माइनस जीरो के फाउंडर गगनदीप रिहाल और गुरसिमरन कॉलोनी चितारा फैसिलिटी मंडी और ऑटोनॉमस व्हीकल इंडस्ट्री के दूसरे एंजल इन्वेस्टर सहित निवेशकों के एक समूह से सीडफंड में 1. 7  मिलियन डॉलर का फंड रेज किया है। 

कार में नहीं है कोई स्टेयरिंग-
Z Pod की बात की जाए तो इस कार में कंपनी ने स्टेरिंग ही नहीं लगाई है। कार पूरी तरह से high-resolution के कमरों के एक नेटवर्क पर काम करती हैं, जो कार के चारों तरफ इंस्टॉल किए गए हैं। यह कैमरे कार के चारों तरफ की पिक्चर्स रियल टाइम में कैप्चर कर AI सिस्टम तक भेजते हैं।  एआई नेविगेशन स्पीड कंट्रोल और रास्ते में आने वाले किसी भी अवरोध की जानकारी को प्रोसेस कर कार को आगे की तरफ बढ़ाती है।  फिलहाल कार का इस्तेमाल कैंपस के लिए किया जा रहा है जैसे कोई टेक्निकल पार्क यूनिवर्सिटी केंपस, कारपोरेट, किसी इंस्टिट्यूट के दायरे में ही सीमित है। माइनस जीरो का मुख्य उद्देश्य ADAS टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के लिए तकनीक को डेवलप कर उसे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एंट्रोड्यूस कराना है।
माइनस जीरो के संस्थापको का कहना है कि उनकी कार बनाने की कोई योजना नहीं है। जेड पॉड केवल एक प्रोटोटाइप है जिसे कंपनी ने एआई बेस्ड ADAS को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है। 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें