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घर से दूर रह कर भी इस तरह डाल सकतें हैं वोट, जानिए पोस्टल बैलेट की पूरी कहानी ...

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भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में चुनाव एक महोत्सव के समान होते हैं। हर नागरिक को मतदान का अधिकार देने के लिए सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जो उन लोगों को भी वोट डालने का अवसर देती है, जो किसी वजह से अपने मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच सकते। इसे पोस्टल बैलेट या डाकमतपत्र कहा जाता है। आइए समझते हैं कि यह क्या है, इसका उपयोग कौन कर सकता है, और इसे सबसे पहले क्यों गिना जाता है।

पोस्टल बैलेट क्या है?

पोस्टल बैलेट एक विशेष प्रकार का मतपत्र है, जो उन नागरिकों के लिए होता है जो किसी विशेष कारण से अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर वोट नहीं डाल सकते। इसमें शामिल हैं:

  • सैनिक – हमारे देश की सीमाओं पर तैनात वीर जवान, जो देश की सुरक्षा में व्यस्त रहते हैं।
  • चुनाव ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी – जैसे सरकारी अधिकारी, पुलिसकर्मी, और अन्य सुरक्षा कर्मी।
  • गृह क्षेत्र से बाहर तैनात सरकारी अधिकारी
  • दिव्यांगजन और 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग – इन्हें भी यह सुविधा दी गई है, लेकिन इसके लिए पूर्व पंजीकरण अनिवार्य है।

कैसे काम करता है पोस्टल बैलेट?

चुनाव आयोग यह तय करता है कि किन-किन लोगों को पोस्टल बैलेट की आवश्यकता होगी।

  • इनके लिए एक विशेष प्रकार का मतपत्र तैयार किया जाता है, जिसे इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) के जरिए भेजा जाता है।
  • मतदाता इसे प्राप्त करके भरता है, अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनता है, और फिर इसे डाक के माध्यम से वापस चुनाव आयोग को भेज देता है।

क्या कैदी पोस्टल बैलेट से वोट डाल सकते हैं?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के अनुसार, पुलिस हिरासत में रहने वाले या किसी अपराध में दोषी ठहराए गए व्यक्ति मतदान नहीं कर सकते।

  • हालांकि, एहतियातन हिरासत (Preventive Detention) में रखे गए व्यक्तियों को पोस्टल बैलेट से वोट डालने की अनुमति हो सकती है।
  • यह ध्यान देना जरूरी है कि कैदियों के लिए मतदान का अधिकार सामान्यतः उपलब्ध नहीं होता।

पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले क्यों होती है?

चुनाव के दिन, जब मतगणना शुरू होती है, तो सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि:

  • पोस्टल बैलेट की संख्या आमतौर पर कम होती है।
  • यह प्रक्रिया पेपर पर आधारित होती है, जिसे जल्दी और आसानी से गिना जा सकता है।
  • इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में दर्ज वोटों की गिनती शुरू होती है।

पोस्टल बैलेट का महत्व-

पोस्टल बैलेट का महत्व तब बढ़ जाता है जब किसी चुनाव में हार-जीत का अंतर बहुत कम हो। यह एक ऐसा माध्यम है जो सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षा बलों जैसे जिम्मेदार नागरिकों को उनकी ड्यूटी निभाने के साथ-साथ मतदान का अधिकार सुनिश्चित करता है।

भारतीय चुनाव प्रणाली की समावेशिता का प्रतीक-

पोस्टल बैलेट भारतीय चुनाव प्रणाली की समावेशिता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि हर नागरिक, चाहे वह कहीं भी हो, अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। पोस्टल बैलेट उन नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है, जो अपनी जिम्मेदारियों की वजह से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पाते। यह प्रणाली न केवल हर नागरिक को मतदान का अधिकार देती है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाती है।

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