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दुनिया भर में एक दस्तक दे रही है एक साइलेंट महामारी! क्या आपकी भी लाइफस्टाइल दे रही है इस बीमारी को न्योता?

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क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ एक आदत कैसे आपकी सेहत को धीरे-धीरे निगल सकती है? वो मीठे पकवान, रात के खाने के बाद की मिठाइयाँ, घंटों मोबाइल स्क्रीन पर स्क्रॉल करना और शारीरिक गतिविधियों से दूरी-ये सब मिलकर एक ऐसी समस्या को जन्म दे रहे हैं, जो न केवल आपके लुक को प्रभावित कर रही है बल्कि आपके स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रही है। आज मोटापा सिर्फ एक व्यक्तिगत परेशानी नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती बन चुका है। यह केवल शरीर पर चर्बी का जमा होना भर नहीं, बल्कि एक ऐसी कड़ी है जो डायबिटीज, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी कई गंभीर बीमारियों को न्योता देती है।

हर साल 4 मार्च को "विश्व मोटापा दिवस (World Obesity Day)"मनाया जाता है ताकि लोग इस बढ़ती समस्या को समझें, जागरूकता बढ़ाएँ और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विषय पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं, और सही भी है-क्योंकि भारत में मोटापे की बढ़ती दर एक चेतावनी संकेत बन चुकी है।

भारत में बढ़ता मोटापे का खतरा

आंकड़ों के मुताबिक भारत में 100 मिलियन यानी 10 करोड़ से ज्यादा लोग मोटापे से जूझ रहे हैं। भारत में 12% पुरुष और 40% महिलाएं बेली फैट से परेशान हैं। केरल (65.4%), तमिलनाडु (57.9%), पंजाब (62.5%) और दिल्ली (59%) में मोटापे की दर बेहद अधिक है। बच्चों में भी मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत दुनिया में मोटापे से ग्रस्त बच्चों की संख्या में दूसरे स्थान पर है। लगभग 8.4% भारतीय बच्चे मोटापे का शिकार हैं, जो भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

मोटापे के कारण और गलत आदतें

1. असंतुलित और जंक फूड डाइट

अधिक मात्रा में जंक फूड, फास्ट फूड, तले-भुने खाद्य पदार्थ और मीठे पेय पदार्थ का सेवन मोटापे का सबसे बड़ा कारण है। WHO के अनुसार, अनहेल्दी फूड खाने वाले लोगों में मोटापा होने की आशंका 70% अधिक होती है

2. शारीरिक गतिविधि की कमी

आज की जीवनशैली में लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं और व्यायाम नहीं करते, जिससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, जो लोग 8 घंटे से अधिक बैठते हैं, उनमें वजन बढ़ने का जोखिम 60% अधिक होता है।

3. तनाव और नींद की कमी

  • तनाव के कारण शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे भूख बढ़ती है और वजन बढ़ सकता है।

  • नींद की कमी से वजन बढ़ने की आशंका 45% अधिक हो जाती है।

4. अनुवांशिक कारण

यदि माता-पिता में से कोई एक मोटापे से ग्रस्त है, तो संतान में मोटापा होने की संभावना अधिक होती है।

5. कुछ दवाइयां भी जिम्मेदार

कुछ एंटी-डिप्रेशन, स्टेरॉयड और गर्भनिरोधक गोलियां वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं।

6. मीठे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन

जो लोग अक्सर सॉफ्ट ड्रिंक्स और मीठे पेय पदार्थ का सेवन करते हैं, उनमें मोटापा होने का खतरा 65% अधिक होता है।

मोटापे से बचाव के लिए करें ये उपाय

✔️ संतुलित आहार लें – हरी सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें।

 ✔️ नियमित व्यायाम करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।

✔️ तनाव कम करें – योग और मेडिटेशन से मानसिक शांति प्राप्त करें।

✔️ पर्याप्त नींद लें – रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।

 ✔️ मीठे और जंक फूड से बचें – हेल्दी विकल्प अपनाएं, जैसे नारियल पानी, नींबू पानी और सूप।

मोटापा सिर्फ एक सौंदर्य समस्या नहीं है, बल्कि यह गंभीर बीमारियों को न्योता देता है। सही जीवनशैली अपनाकर, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस विश्व मोटापा दिवस, खुद और अपने परिवार को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें!

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