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भारत में लगातार बढ़ रहे कैंसर के मामले! महिलाओं में सबसे ज्यादा देखे जा रहे ये मामले...

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आज, जब दुनिया भर में विश्व कैंसर दिवस मनाया जा रहा है, कैंसर के प्रति जागरूकता और शोध पर चर्चा हो रही है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो केवल नाम सुनते ही व्यक्ति के मन में डर और आशंका उत्पन्न कर देती है। हर गुजरते साल के साथ, इस खतरनाक बीमारी के मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में कैंसर के प्रति लोगों की जागरूकता में अहम बढ़ोतरी देखने को मिली है।

कैंसर: वैश्विक स्वास्थ्य संकट-

चिकित्सा विज्ञान में नए शोध और तकनीकी विकास ने कैंसर के उपचार को पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी, सस्ता और सुलभ बना दिया है, फिर भी यह रोग आज भी अधिकांश लोगों के लिए एक बड़ी चिंता बना हुआ है। खासकर, भारत जैसे विकासशील देशों में, जहां बड़ी संख्या में लोग कैंसर से जूझ रहे हैं, यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।

कैंसर का बढ़ता खतरा: भारत में विशेषज्ञों की चेतावनी

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों ने भारत में कैंसर के मामलों में 12% से 18% तक बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। 2022 में 14.6 लाख कैंसर के मामलों के मुकाबले 2025 में यह संख्या बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच सकती है। कैंसर के बढ़ते जोखिम को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी नागरिकों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है, ताकि इस घातक बीमारी से बचाव किया जा सके।

दक्षिण-पूर्व एशिया में कैंसर का बढ़ता संकट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ-एसईएआर) की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2022 में दक्षिण-पूर्व एशिया में कैंसर के विभिन्न प्रकारों के मामलों में तीव्र वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में होंठ, ओरल कैविटी, सर्वाइकल कैंसर और बच्चों में कैंसर के मामलों में भी उछाल देखा गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि यदि यह गति बनी रहती है, तो 2050 तक नए कैंसर के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 85% तक वृद्धि हो सकती है।

कैंसर के इन मामलों में हुई विकराल वृद्धि:

डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र से आई रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में कैंसर के 2.4 मिलियन (24 लाख) नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें 56,000 बच्चे भी शामिल हैं। कैंसर के कारण 1.5 मिलियन (15 लाख) से अधिक मौतें हुईं। रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि इस क्षेत्र में होंठ, मुंह, सर्वाइकल और बच्चों में कैंसर के मामले सबसे ज्यादा पाए गए हैं। आने वाले 25 वर्षों में इस क्षेत्र में कैंसर के मामलों और मृत्यु दर में 85% तक की वृद्धि का खतरा जताया गया है।

देश और दुनिया में कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर महिलाओं में। आइए जानते हैं, उन पांच कैंसर के बारे में जो महिलाओं में सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं:

1. ब्रेस्ट कैंसर:

महिलाओं में सबसे सामान्य और खतरनाक कैंसर ब्रेस्ट कैंसर है। इसके बाद अन्य प्रमुख कैंसर हैं, जैसे सर्वाइकल कैंसर, अंडाशय का कैंसर, पित्ताशय का कैंसर और खाने की नली का कैंसर

2. सर्वाइकल कैंसर:

यह कैंसर महिलाओं की बच्चेदानी का ग्रीवा (सर्विक्स) में होता है, जिसे सही समय पर जांच और उपचार से रोका जा सकता है।

3. अंडाशय (ओवेरियन) कैंसर:

अंडाशय का कैंसर महिलाओं में तीसरे स्थान पर आता है, और यह खासकर उन महिलाओं में अधिक पाया जाता है, जिनमें समय से पहले प्रसव न हुआ हो।

4. पित्ताशय का कैंसर:

महिलाओं में पित्ताशय का कैंसर भी एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिससे बचने के लिए नियमित जांच जरूरी है।

5. खाने की नली का कैंसर:

खाने की नली का कैंसर भी महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। यह स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

क्या है कैंसर के बढ़ने की वजह?

डॉक्टरों के मुताबिक, कैंसर के मामलों में 70% तक जीवनशैली और खानपान का प्रभाव होता है। तेजी से बदलती जीवनशैली, फास्ट फूड, देर से शादी करना, और संतुलित आहार का अभाव इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, पर्यावरणीय कारक और कुछ जैनेटिक कारण भी इसकी वजह बन सकते हैं।

जल्द पता करें कैंसर के लक्षणों को:

  • सर्वाइकल कैंसर के लिए 26-45 साल की महिलाओं को हर तीन साल में पेप स्मीयर जांच करवानी चाहिए।
  • ओवेरियन और पित्ताशय के कैंसर के लिए कोई सटीक गाइडलाइन नहीं है, लेकिन 40 साल के बाद महिलाओं को साल में एक बार अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए।
  • खाने की नली के कैंसर के लिए कोई खास गाइडलाइन नहीं है, लेकिन अगर खाने में कोई दिक्कत महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।

कैंसर के लक्षण:

1. ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण:

  • स्तन से दूध जैसा सफेद पदार्थ या खून का आना।
  • स्तन या कांख में गांठ का होना।
  • स्तन के आकार में बदलाव।

2. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण:

  • रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव।
  • असामान्य डिस्चार्ज, पेट में दर्द, और वजन कम होना।

3. ओवेरियन कैंसर के लक्षण:

  • पेट फूलना, अपच, भूख कम लगना।
  • मल त्याग में बदलाव और पेल्विस क्षेत्र में दर्द।

4. पित्ताशय का कैंसर:

  • पेट में सूजन, मिचली, उल्टी, और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)।

5. खाने की नली का कैंसर:

  • खाना खाने में दिक्कत, खट्टी डकारें, और सीने में जलन।

कैसे बचें?

कैंसर का जल्दी पता लगाना और समय पर इलाज शुरू करना ही जीवन को बचाने की कुंजी है। महिलाओं को अपनी जीवनशैली में बदलाव, सही खानपान, और नियमित मेडिकल चेकअप से इन खतरों से बचाव करना चाहिए। विश्व कैंसर दिवस पर यही संदेश है – कैंसर को हराया जा सकता है, अगर समय पर पहचान हो जाए।

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