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भारत के ठंडे रेगिस्तान के रूप में मशहूर लेह-लद्दाख में तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और यहां इतनी गर्मी हो गई है कि कई भारतीय एयरलाइनों ने सामूहिक उड़ानें रद्द करने की घोषणा की है। पिछले तीन दिनों में लेह की लगभग 12 उड़ानें रद्द की गई हैं। फिलहाल यह तो बात हुई खबर की लेकिन लेह में इन फ्लाइट्स के कैंसिल होने की पीछे की वजह वहाँ के तापमान का बढ़ना बताया जा रहा है। ऐसे में यह सवाल यह उठता है कि दिल्ली में 40 डिग्री सेल्सियस का पारा चढ़ने पर भी हवाई सेवाएं सामान्य चलती हैं, लेकिन लेह में महज 36 डिग्री तापमान पर ही उड़ानें क्यों रद्द हो रही हैं?
उड़ानें रद्द होने की वजह-
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेह का एयरपोर्ट 11 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यहां हवा में उमस नहीं है। ऑक्सीजन भी कम होती है और मौसम सूखा रहता है और ऐसे में अब जब तापमान भी सामान्य से बढ़ने लगता है तो प्लेन को थ्रस्ट नहीं मिल पाता। दूसरी तरफ दिल्ली का मौसम लेह से बहुत अलग है। यहां उमस के कारण हवा भारी होती है। इसलिए फ्लाइट्स को टेक ऑफ होने में कोई दिक्कत नहीं होती।
कैसे उड़ती हैं फ्लाइट्स?
दरअसल कोई भी विमान जब उड़ान भरता है, तो उस पर चार फोर्स लगते हैं। वो हैं थ्रस्ट, ग्रैविटी, ड्रैग और लिफ्ट।
थ्रस्ट (Thrust):
एयरप्लेन का पंखा चलने से वो आगे की तरफ बढ़ता है। ऐसा थ्रस्ट की वजह से ही होता है।
ग्रैविटी (Gravity):
ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण बल, जो प्लेन के वजन की वजह से उस पर लगता है।
ड्रैग (Drag):
यह वह बल है, जो प्लेन को हवा के घर्षण यानि friction की वजह से पीछे की तरफ खींचता है।
लिफ्ट (Lift):
अब प्लेन को उड़ाने के लिए यही मेन चीज है। प्लेन के पंखों की वजह से हवा का दबाव बनता है, जो प्लेन को ऊपर की तरफ उठाता है। इसी की मदद से प्लेन उड़ पाता है।
ज्यादा ऊंचाई और बढ़ते तापमान का इसमें क्या रोल है?
जैसे-जैसे हम ऊंचाई पर जाते हैं। हवा का प्रेशर कम होता जाता है। जैसे लेह एयरपोर्ट को ही ले लीजिए। वहीं जब हवा गर्म होती है तब भी ऐसा ही होता है और यह गर्म हवा फैलती है। अब हवा जब फैलती है, तो इसकी डेंसिटी कम हो जाती है। जिसकी वजह से प्लेन उतना लिफ्ट नहीं जनरेट कर पाते, जितना की उड़ान भरने के लिए जरूरी होता है। 3 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर प्लेन 1% कम लिफ्ट पैदा कर पाते हैं। ज्यादा ऊंचाई पर हवा की डेंसिटी वैसे भी कम होती है। जिसकी वजह से इस काम में और दिक्कतें आती हैं और प्लेन उड़ाना मुश्किल हो जाता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 31 July, 2024, 8:26 pm
Author Info : Baten UP Ki