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बिना UPSC की परीक्षा पास किए बन सकते हैं ब्यूरोक्रेट, इतने साल का अनुभव है जरूरी

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हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की कार्यप्रणाली को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया था। सोशल मीडिया पर कई भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चयनित अफसरों की योग्यता पर सवाल उठाए जाने लगे थे, और फर्जी प्रमाण-पत्रों के जरिए आईएएस की नौकरी पाने की खबरें भी सामने आई थीं। इस विवाद के बीच यूपीएससी के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि आयोग की फुलप्रूफ प्रणाली में घोटाले की कोशिश की जा रही है, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाब देना होगा। अब, उसी यूपीएससी ने बिना परीक्षा पास किए विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है, जिससे यह विवाद और गहराता जा रहा है।

लैटरल एंट्री योजना क्या है और कौन कर सकता है आवेदन?

लैटरल एंट्री योजना के तहत जारी अधिसूचना को 'लैटरल एंट्री नोटिफिकेशन' कहा जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और अंतरराष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वालों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करना है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत, योग्य उम्मीदवार सीधे संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त होकर किसी मंत्रालय में काम कर सकते हैं। यानी, उन्हें आईएएस बनने के लिए पारंपरिक परीक्षा प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा, बल्कि उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर उन्हें नियुक्त किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत आवेदन वे लोग कर सकते हैं जो निजी क्षेत्र या अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत हैं और जिनके पास संबंधित क्षेत्र में विशेषज्ञता और अनुभव है। इस योजना का उद्देश्य सरकार को विशेषज्ञता और निजी क्षेत्र की दक्षता का लाभ उठाने में मदद करना है, ताकि प्रशासनिक कार्यों में सुधार हो सके और नीतिगत निर्णयों में तेजी लाई जा सके। 

 कैसे और कितने पदों पर होगी भर्ती? 

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में लैटरल एंट्री के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों की सीधी भर्ती की जाएगी। यूपीएससी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के कुल 45 पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत आवेदकों को यूपीएससी की परीक्षा पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह नौकरी तीन वर्ष के अनुबंध पर उपलब्ध होगी। इच्छुक उम्मीदवार 17 सितंबर 2024 तक संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। चयनित आवेदकों को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के मुख्यालय में तैनात किया जाएगा।

कितना अनुभव जरूरी?
संयुक्त सचिव स्तर के पद के लिए 15 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। निदेशक के पद के लिए 10 और उप सचिव के पदों के लिए सात साल की नौकरी का अनुभव होना अनिवार्य है।

आवेदन के लिए पात्रता और असमर्थता की जानकारी:

केंद्र सरकार में कार्यरत कर्मचारी इस भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत कर्मचारी, जो समकक्ष पदों पर काम कर रहे हैं, वे आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्वायत्त निकाय, वैधानिक निकाय, विश्वविद्यालय, मान्यता प्राप्त शोध संस्थान, निजी कंपनियां, अंतरराष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत लोग भी लैटरल एंट्री के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

संयुक्त सचिव, निदेशक, और डिप्टी सेक्रेटरी पद के लिए आयु सीमा और वेतन की जानकारी

संयुक्त सचिव:

आयु सीमा: 40 वर्ष से 55 वर्ष

वेतन: सातवें वेतन आयोग के अनुसार पे लेवल 14 में रखा जाएगा, जिसमें डीए मिलाकर 2,70,000 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा। इसके अलावा, यात्रा भत्ता और मकान का किराया भी प्रदान किया जाएगा।

निदेशक:आयु सीमा: 35 वर्ष से 45 वर्ष

वेतन: पे लेवल 13 में रखा जाएगा, जिसमें डीए मिलाकर 2,32,000 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा।

डिप्टी सेक्रेटरी:

आयु सीमा: 32 वर्ष से 40 वर्ष

वेतन: पे लेवल 12 में रखा जाएगा, जिसमें डीए मिलाकर 1,52,000 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा।

 इन पदों पर होगी सीधी भर्ती-

  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (इमर्जिंग टेक्नोलॉजी)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (सेमीकंडक्टर्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (पर्यावरण नीति और पर्यावरण कानून)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (डिजिटल इकोनॉमी, फिन टेक और साइबर सिक्योरिटी)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (निवेश)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (नीति और योजना), एनडीएमए
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (शिपिंग)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (विज्ञान और तकनीक)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (आर्थिक/वाणिज्यिक/औद्योगिक)
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी (पुनर्नवीनीकरण ऊर्जा)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (जलवायु परिवर्तन और मिट्टी संरक्षण)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (क्रेडिट)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (वन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (प्राकृतिक खेती)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन / परिष्कृत खेती प्रणाली)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (कार्बनिक खेती)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (जल प्रबंधन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (एविएशन प्रबंधन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (रसायन और पेट्रोकेमिकल्स)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (कमोडिटी मूल्य निर्धारण)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (असंगति और दिवालियापन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (शिक्षा कानून)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (शिक्षा तकनीक)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (अंतर्राष्ट्रीय कानून)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (अर्थशास्त्री)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (कर नीति)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (निर्माण ऑटो)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (निर्माण-ऑटो सेक्टर एसीसी बैटरीज)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (तकनीकी)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (शहरी जल प्रबंधन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (डिजिटल मीडिया)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (समन्वय और प्रबंधन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (तकनीकी)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (जल स्वच्छता और हाइजीन (WASH) क्षेत्र)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (वित्तीय क्षेत्र कानून)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (अंतर्राष्ट्रीय कानून)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (सेवा कानून)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (सूचना तकनीक)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (कानूनी)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (ठेका प्रबंधन)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (कल्याण)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (सामाजिक कल्याण कार्यक्रम और गतिविधियाँ)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (सूचना तकनीक)
  • डायरेक्टर / डिप्टी सेक्रेटरी (आर्थिक/वाणिज्यिक/औद्योगिक)
 

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