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(Special Story) प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister's National Children's Award) 2024 की घोषणा कर दी गई है। यह घोषणा भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई है। इस वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के 19 बच्चों का चयन किया गया है। इन बच्चों में नौ लड़के और दस लड़कियां शामिल हैं। जिन्हें भारत की राष्ट्रपति द्वारा 22 जनवरी को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। तो आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार क्यों और किन क्षेत्रों में दिया जाता है। साथ ही इस पुरस्कार के लिए इस बार यूपी के कितने बच्चों का चयन किया गया है।
यूपी के दो बच्चों को मिलेगा पुरस्कार
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 की घोषणा कर दी गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से इसको लेकर जानकारी दी गई है, कि देश के सभी क्षेत्रों से 19 बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए चुना गया है। इन बच्चों को देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चयनित किया गया है। जिसमें 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं। खास बात यह है कि इन 19 बच्चों में यूपी के भी दो बच्चे हैं। जिसमें अनुष्का पाठक और आदित्य यादव का नाम शामिल है। अनुष्का पाठक (Anushka Pathak) गोरखपुर की रहने वाली हैं। जिन्हें कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जबकि यूपी के रहने वाले आदित्य यादव (Aditya Yadav) को खेल में जोरदार प्रदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
23 जनवरी को PM मोदी चनयित बच्चों से करेंगे मुलाकात
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 के लिए चयनित बच्चों को 22 जनवरी को समारोह पूर्वक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में 22 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चयनित बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। इसके बाद 23 जनवरी को पीएम मोदी पुरस्कार पाने वाले बच्चों से मुलाकात कर बातचीत करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चयनित बच्चे 26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेंगे। तो आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत कब हुई और इसे क्यों दिया जाता है? साथ ही इसे पाने वाले बच्चे गणतंत्र दिवस की परेड में क्यों शामिल होते हैं?
क्या है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?
केंद्र सरकार की ओर से साल 1996 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के मकसद से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया गया था। साल 1996 से ही पहली बार पुरस्कार पाने वाले बच्चे राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए थे तभी से हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चयनित बच्चे गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा बनते रहे हैं।
किन बच्चों को मिलता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से एक गाइडलाइन बनी हुई है। उसी के आधार पर बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुना जाता है। ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम है। जो भारत के नागरिक हैं और देश में ही रहते हैं। उन्हें ये पुरस्कार दिया जा सकता है।
पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के हर विजेता को एक पदक (Medal) और एक प्रमाणपत्र (Certificate) दिया जाता है। इसके साथ पुरस्कार विजेताओं को 1 लाख रुपये का नकद (1 Lakh Rupees Cash) भी पुरस्कार के तौर पर दिए जाते हैं।
किन श्रेणियों में दिया जाता है ये पुरस्कार?
केंद्रीय मंत्रालय की ओर से प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए बच्चों का चयन किया जाता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार असाधारण योग्यताओं और उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बच्चों को दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले बच्चों को बहादुरी, कला और संस्कृति, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल जैसी छह श्रेणियों में उनकी उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं। आइए इन श्रेणियों को विस्तार से समझते हैं.....
1. इनोवेशन: विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों। उनके इनोवेशन से इंसानों के साथ-साथ जीव-जंतु और पर्यावरण पर कोई प्रभाव पड़ा हो।
2. सामाजिक कार्य: बाल विवाह, यौन शोषण, शराब आदि जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ समाज को प्रेरित किया हो या संगठित किया हो।
3. शिक्षा: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार उपलब्धि हासिल की हो।
4. खेल: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में लगातार उपलब्धि हासिल की हो।
5. कला और संस्कृति: संगीत, डांस, पेंटिंग या आर्ट्स और कल्चर से जुड़ी अन्य विधाओं में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की हो।
6. बहादुरी: अपनी जान जोखिम में डालकर निस्वार्थ सेवा करने वाले बच्चों को शामिल किया जाता है। ऐसे बच्चे जो प्राकृतिक या मानव निर्मित किसी भी परिस्थितियों में साहस का काम करते हैं, या फिर ऐसे बच्चे जो किसी भी खतरे की स्थिति में अपनी बुद्धिमत्ता और मानसिक शक्ति का असाधारण इस्तेमाल करते हों।
-अनीता
Baten UP Ki Desk
Published : 20 January, 2024, 4:58 pm
Author Info : Baten UP Ki