केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में तीन प्रतिशत की वृद्धि की है। यह निर्णय केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसमें महंगाई भत्ते की दर को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी साझा की, जिससे लगभग 48 लाख कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनरों को सीधा लाभ मिलेगा।
कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि का असर-
डीए में हुई इस वृद्धि का असर विभिन्न वेतन श्रेणियों में अलग-अलग तरीके से देखा जाएगा। उदाहरण के लिए, जिन कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये है, उन्हें हर महीने लगभग 540 रुपये का फायदा होगा। वहीं, 25,000 रुपये की बेसिक सैलरी वाले कर्मियों को 750 रुपये, 35,000 रुपये की सैलरी वालों को 1050 रुपये, और 70,000 रुपये की सैलरी वालों को लगभग 2100 रुपये का इजाफा होगा। 85,500 रुपये की बेसिक सैलरी पर यह लाभ लगभग 2565 रुपये और 1 लाख रुपये पर 3000 रुपये से अधिक होगा।
देर से घोषित होने की परंपरा-
सामान्यतः सितंबर महीने में डीए/डीआर की दरों की घोषणा होती है, लेकिन इस बार सरकार ने इसमें देरी की। कई बार अक्तूबर के प्रारंभ में भी यह घोषणा होती है। केंद्रीय कर्मचारियों के संघों ने सरकार से समय पर घोषणा की मांग की थी, लेकिन नवरात्र, दुर्गा पूजा और दशहरे के त्योहारों के दौरान भी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।
कर्मचारियों में असंतोष का माहौल-
इस देरी के कारण केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों में असंतोष बढ़ गया था। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बिना किसी देरी के वृद्धि की मांग की थी। उनके अनुसार, यदि अक्तूबर में भत्तों और बोनस की घोषणा होती है, तो इसका भुगतान नवंबर में किया जा सकेगा।
सरकार की देरी का कारण-
केंद्र सरकार महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा में अक्सर तीन से चार महीने की देरी करती है। इसके पीछे का कारण यह है कि इस दौरान सरकार को पैसे का निवेश करने का मौका मिलता है, जिससे उसे अच्छा ब्याज प्राप्त होता है। जब डीए/डीआर की दरें पहली जनवरी और पहली जुलाई से बढ़ाई जाती हैं, तो सरकार को कई महीने की देरी से आर्थिक लाभ होता है।
कर्मचारियों की चिंता-
कर्मचारियों का मानना है कि यदि यह वृद्धि समय पर की जाए, तो उन्हें बेहतर आर्थिक स्थिति में मदद मिलेगी। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने भी इस मामले में समय पर कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। कुल मिलाकर, महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की वृद्धि से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, लेकिन समय पर घोषणाओं की आवश्यकता इस माहौल में और भी अधिक महसूस की जा रही है।