ब्रेकिंग न्यूज़

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन 92 साल की उम्र में दिल्ली के AIIMS में ली अंतिम सांस देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे डॉ मनमोहन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से देशभर में शोक की लहर पीएम मोदी ने कहा- मनमोहन सिंह ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए

क्रिसमस ट्री के पीछे छिपी है एक दिलचस्प परंपरा की कहानी...जानिए क्या है इसका लॉजिक

Blog Image

क्रिसमस का त्योहार खुशियों, प्रेम और एकता का उत्सव है। हर साल जब दिसंबर की ठंडी हवाएं चलती हैं और आसमान में रोशनी की जगमगाहट होती है, तो एक छवि हमारे दिलों में जीवंत हो उठती है— क्रिसमस ट्री! हरियाली से लदा यह पेड़, रंग-बिरंगी लाइट्स और चमचमाती सजावट के साथ, क्रिसमस का सबसे पहचानने योग्य प्रतीक बन चुका है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इस मनमोहक परंपरा की शुरुआत कहां से हुई? आश्चर्यजनक रूप से, यह बाइबिल से नहीं, बल्कि जर्मनी की भूमि से आई एक कहानी है।

आज हम आपको क्रिसमस ट्री की इस रोचक यात्रा पर ले चलेंगे, जहां सदियों पुरानी परंपराओं ने इसे हमारे त्योहारों का एक अनमोल हिस्सा बना दिया। तो चलिए, इस ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कहानी को समझते हैं!

क्रिसमस ट्री का इतिहास-

क्रिसमस ट्री की परंपरा बाइबिल से नहीं, बल्कि 17वीं शताब्दी के जर्मनी से शुरू हुई थी। स्ट्रासबर्ग (Strasbourg), जो उस समय राइनलैंड का हिस्सा था और अब फ्रांस में है, इसे पहली बार क्रिसमस ट्री का उद्गम स्थल माना जाता है। एक मशहूर कहानी के अनुसार, 16वीं शताब्दी के प्रोटेस्टेंट सुधारक मार्टिन लूथर ने इसे पहली बार सजाया था। हालांकि, उनके जीवन से जुड़े किसी भी दस्तावेज़ में इस बात का उल्लेख नहीं मिलता।

बच्चों और क्रिसमस ट्री का संबंध-

असल में, जर्मनी में क्रिसमस ट्री की शुरुआत बच्चों के लिए एक परंपरा के रूप में हुई। उस समय क्रिसमस के दिन माता-पिता बच्चों के व्यवहार का मूल्यांकन करते थे। यदि बच्चे अच्छे होते, तो ट्री के नीचे उन्हें मिठाई मिलती। और यदि बुरे होते, तो उन्हें कुछ भी नहीं दिया जाता। यह प्रथा धीरे-धीरे पूरे जर्मनी में लोकप्रिय हो गई।

इंग्लैंड और शाही परिवार में क्रिसमस ट्री-

18वीं शताब्दी में, जर्मन व्यापारियों ने इस परंपरा को इंग्लैंड तक पहुंचाया। ब्रिटेन में यह परंपरा तब प्रसिद्ध हुई जब जर्मन मूल के राजा जॉर्ज III और विलियम IV के शासनकाल में इसे शाही परिवार ने अपनाया। हालांकि, इसका असली प्रचार रानी विक्टोरिया और उनके पति प्रिंस अल्बर्ट ने किया। 1840 में प्रिंस अल्बर्ट ने विंडसर कैसल में पहला क्रिसमस ट्री सजाया, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया।

अमेरिका में क्रिसमस ट्री का आगमन-

अमेरिका में क्रिसमस ट्री 19वीं शताब्दी की शुरुआत में पहुंचा। उस समय क्रिसमस वहां एक तरह के “कार्निवाल” का रूप ले चुका था, जिसमें शराबखोरी और तोड़फोड़ आम थी। इस स्थिति को बदलने के लिए “इनडोर, चाइल्ड-फ्रेंडली क्रिसमस” की परिकल्पना की गई। इस तरह, परिवार के साथ घर के अंदर क्रिसमस मनाने की परंपरा शुरू हुई।

गिफ्ट्स और क्रिसमस ट्री का संबंध-

1840 के दशक में अमेरिका में क्रिसमस ट्री के नीचे गिफ्ट्स रखने की परंपरा की शुरुआत हुई। यह जर्मन प्रवासियों की देन नहीं थी, बल्कि इसे बुक पब्लिशर्स ने बढ़ावा दिया। उन्होंने क्रिसमस के मौके पर किताबें बेचने के लिए कहानियों में गिफ्ट्स रखने की परंपरा को बाइबिल से जोड़कर प्रस्तुत किया। यह विचार धीरे-धीरे लोकप्रिय हुआ और आज यह क्रिसमस का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।

क्रिसमस ट्री का प्रतीकात्मक महत्व-

आज के समय में क्रिसमस ट्री न केवल एक सजावट का हिस्सा है, बल्कि यह जीवन, आशा और समृद्धि का प्रतीक भी है। हर साल लाखों लोग इसे सजाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। तो अगली बार जब आप अपने घर में क्रिसमस ट्री सजाएं, तो इस ऐतिहासिक परंपरा और इसकी दिलचस्प कहानी को याद जरूर करें। क्रिसमस का यह प्रतीक हमें अपने जीवन में खुशियां और आशा बनाए रखने की प्रेरणा देता है। आप सभी को क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें