ब्रेकिंग न्यूज़

प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे झुका UPPSC 'वन शिफ्ट वन डे' पर बनी सहमति आयोग के सचिव कुछ ही देर में करेंगे घोषणा परीक्षा की तिथियां नए सिरे से हो सकती है निर्धारित

शहरी क्षेत्रों में इस रोग की तेजी से बढ़ रही है रफ्तार...जानिए क्या हैं इसके बचाव

Blog Image

आज, 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) पर एक गंभीर चेतावनी सामने है – शहरी क्षेत्रों में मधुमेह की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। बदलते दौर की जीवनशैली, फास्ट-फूड का बढ़ता सेवन और शारीरिक गतिविधियों में कमी ने इस बीमारी को और भी अधिक भयावह बना दिया है। ऐसे में मधुमेह के कारणों और इससे बचाव के उपायों को समझना न केवल जरूरी, बल्कि जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अनिवार्य हो गया है।

शहरी क्षेत्र में बढ़ती डायबिटीज के मरीजों की संख्या-

रांची स्थित रिम्स अस्पताल में किए गए शोध से पता चलता है कि मधुमेह के नए मरीजों में से लगभग 60 प्रतिशत में पॉजिटिव रिजल्ट आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि गलत जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण टाइप-2 डायबिटीज के मामलों में वृद्धि हो रही है। रिम्स के मेडिसिन विभाग के पूर्व एचओडी डॉ. विद्यापति ने बताया कि डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है—टाइप-1 और टाइप-2। टाइप-1 डायबिटीज जेनेटिक होता है और यह 12 साल की आयु में भी हो सकता है, जो एक गंभीर समस्या है। वहीं, टाइप-2 डायबिटीज का संबंध अधिकतर जीवनशैली से होता है और यह अधिक उम्र में देखने को मिलता है।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डायबिटीज का अंतर-

विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी इलाकों में डायबिटीज के मरीज अधिक हैं। बदलते खानपान, फास्ट फूड का सेवन, और शारीरिक व्यायाम की कमी इस बीमारी के प्रमुख कारणों में से हैं। सदर अस्पताल के डॉ. ए.के. झा बताते हैं कि अगर डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जाए तो इससे हृदय, किडनी, और आंखों से जुड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है।

डायबिटीज के प्रभाव और इसके खतरे-

रिम्स के नेत्र विभाग के एचओडी डॉ. सुनील का कहना है कि अगर मधुमेह अनियंत्रित हो तो इसका सबसे पहला असर आंखों पर पड़ता है। इसमें आंखों के रेटिना प्रभावित हो सकते हैं, जिससे दृष्टि खोने का खतरा रहता है। लंबे समय तक मधुमेह को नियंत्रण में न रखने पर अंगों को नुकसान होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

ये हैं बचाव के उपाय-

मधुमेह से बचने और इसे नियंत्रित रखने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

  • नियमित स्वास्थ्य जांच: 35-40 वर्ष की उम्र में पूरी बॉडी चेकअप करवाना आवश्यक है। यह हर साल कराना चाहिए ताकि डायबिटीज का जल्दी पता चल सके।
  • शारीरिक गतिविधि: अगर बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 23 प्रतिशत से अधिक हो, तो किसी भी हाल में शारीरिक व्यायाम शुरू कर देना चाहिए। रोजाना एक घंटा तेज चलना या योग करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • संतुलित आहार: शहरी जीवनशैली में फास्ट फूड के सेवन को कम करने और ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
  • मधुमेह की नियमित जांच: मधुमेह के नियंत्रण और उपचार के लिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कराना महत्वपूर्ण है।

जागरूकता कार्यक्रम और निःशुल्क जांच का आयोजन-

विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें लोगों को मधुमेह के प्रति जागरूक किया जाएगा। कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू होगा, और इसमें निःशुल्क ब्लड शुगर टेस्ट भी करवाया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी पंचायत स्तर पर मधुमेह की जांच की व्यवस्था की गई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत, लोग नजदीकी आरोग्य केंद्र में भी निःशुल्क मधुमेह जांच का लाभ उठा सकते हैं।

सावधानी और जागरूकता की है जरूरत-

विश्व मधुमेह दिवस पर यह समझना जरूरी है कि मधुमेह केवल एक रोग नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जो हमारे पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। गलत जीवनशैली, असंतुलित खानपान, और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।

अन्य ख़बरें