विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में तेजी से फैल रहे जीका वायरस पर चिंता जताई है। पिछले आठ वर्षों में यह वायरस कई राज्यों तक पहुंच चुका है। 2024 में 151 मामलों की पुष्टि हुई, जिनमें अकेले महाराष्ट्र में 140 मरीज मिले। इसके अलावा, कर्नाटक में 10 और गुजरात में एक मामला दर्ज हुआ।
2016 से अब तक: जीका वायरस का भारत में सफर
भारत में जीका वायरस का पहला मामला 2016 में गुजरात में सामने आया था। इसके बाद, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी इसके संक्रमण की पुष्टि हुई। 2021 में सर्वाधिक 234 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2022 में मात्र 2 और 2023 में 23 मामले मिले।
कैसे फैलता है जीका वायरस?
जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन और शाम के समय अधिक सक्रिय होते हैं। यह संक्रमण गर्भवती महिलाओं से उनके भ्रूण तक भी पहुंच सकता है, जिससे जन्म दोष जैसे माइक्रोसेफली (बच्चे के सिर का असामान्य रूप से छोटा होना) की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, भारत में अब तक माइक्रोसेफली का कोई मामला सामने नहीं आया है।
महाराष्ट्र में जीका का असामान्य ट्रेंड
WHO के अनुसार, महाराष्ट्र में जीका वायरस का प्रसार असामान्य तरीके से हो रहा है। देश के कुछ हिस्सों में मानसून के दौरान एडीज मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, जबकि अन्य राज्यों में बारिश के बाद इसका प्रभाव देखा जाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सतर्कता जरूरी
भारत सरकार ने गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य जांच के निर्देश दिए हैं, खासतौर पर प्रभावित जिलों में। इसके साथ ही, मच्छर उन्मूलन अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। पुणे में जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला कि वायरस का वर्तमान स्ट्रेन अपेक्षाकृत कम संक्रामक है, जिससे राहत की बात है।
जीका वायरस और गुइलिन-बैरी सिंड्रोम (GBS) का संबंध?
महाराष्ट्र के पुणे में गुइलिन-बैरी सिंड्रोम (GBS) के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन WHO ने स्पष्ट किया है कि अभी तक जीका वायरस और GBS के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। भारत के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) की रिपोर्ट के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में जीका संक्रमण की सटीक संख्या अज्ञात है, क्योंकि उन पर विशेष रिपोर्टिंग नहीं की जा रही है।
जीका वायरस से बचाव के उपाय
✔ दिन और शाम के समय मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
✔ घर और आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि एडीज मच्छर साफ पानी में पनपते हैं।
✔ मच्छरदानी और रिपेलेंट्स (मच्छर भगाने वाले उत्पाद) का उपयोग करें।
✔ गर्भवती महिलाएं विशेष सतर्कता बरतें और नियमित जांच कराएं।
जीका वायरस का अभी तक कोई निश्चित इलाज नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे कारगर उपाय है। सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है।