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राजधानी दिल्ली में आज से पहला बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में बिम्सटेक के सात सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना और आपसी संबंधों को बढ़ावा देना है। शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से विदेश मंत्रालय करेगा।
बिम्सटेक में ये 7 देश हैं शामिल
एशिया के सात देश बिम्सटेक के सदस्य हैं। शिखर सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल और भूटान के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। इन प्रतिनिधियों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों, आर्थिक सहयोग, व्यापार, सुरक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा होगी। समूह के सदस्यों के बीच मजबूत व्यापार और निवेश संबंध हैं।
क्या होता है बिम्सटेक?
बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसमें भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और थाईलैंड शामिल हैं। इसका उद्देश्य इन देशों के बीच आर्थिक विकास को गति देना, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करना है। बिम्सटेक की स्थापना 1997 में बैंकॉक डिक्लेरेशन के तहत की गई थी। इसका मकसद क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करके क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करना है।
सतत विकास में मजबूती लाने पर होगा विचार-
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बिम्सटेक बिजनेस शिखर सम्मेलन को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अन्य नेता संबोधित करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में बिम्सटेक सदस्य देशों के व्यापार, वाणिज्य, उद्योग और ऊर्जा क्षेत्रों के कई मंत्री, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, उद्यमी और उद्योग संघ भी भाग लेंगे। यह आयोजन आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और व्यापार सुविधा, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, ऊर्जा सुरक्षा, समावेशी विकास और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मजबूती लाने के तरीकों पर विचार करेगा।
सदस्य देशों के बीच बढ़ेगी आपसी समझ -
बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत व्यापार, निवेश, परिवहन, ऊर्जा, पर्यटन, और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। इस शिखर सम्मेलन से उम्मीद की जा रही है कि यह सदस्य देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 6 August, 2024, 1:44 pm
Author Info : Baten UP Ki