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उत्तर प्रदेश में एचआईवी संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है। हाल ही में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में इलाज करा रहे संक्रमितों के आंकड़े चिंताजनक स्थिति दर्शाते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 17 साल से कम उम्र के किशोर-किशोरियां भी संक्रमित पाए जा रहे हैं।
कैसे पता चल रहा संक्रमण?
एचआईवी संक्रमितों में से अधिकांश को यह नहीं पता कि उन्हें यह संक्रमण कैसे हुआ। किसी अन्य बीमारी के इलाज के दौरान या सामान्य जांच में ही एचआईवी संक्रमण का खुलासा हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है क्योंकि पहले माना जाता था कि केवल ट्रक ड्राइवरों और कुछ विशेष पेशों से जुड़े लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है, लेकिन अब यह आम जनता में भी तेजी से फैल रहा है।
13 साल में 13,000 संक्रमित, 5000 ले रहे इलाज
संक्रामक रोग अस्पताल में वर्ष 2009 में एआरटी सेंटर की स्थापना के बाद से अब तक 13,000 से अधिक लोग पंजीकृत हो चुके हैं। इस समय करीब 5000 संक्रमित इलाज के लिए सेंटर पर आ रहे हैं।
एचआईवी संक्रमण के बढ़ते स्रोत
एचआईवी के बढ़ते मामलों के पीछे कई संभावित कारण सामने आए हैं:
इलाज में देरी से बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, एचआईवी संक्रमण का समय पर पता न चलने से यह तेजी से फैलता है। कई लोग अपनी स्थिति छिपाने की कोशिश करते हैं, जिससे वे न केवल खुद को बल्कि दूसरों को भी खतरे में डालते हैं।
समाधान क्या है?
जागरूकता ही बचाव है
एचआईवी संक्रमण की बढ़ती दर चिंता का विषय है, लेकिन सही जागरूकता और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर संक्रमण का समय पर पता लग जाए तो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सकते हैं। आवश्यकता है कि लोग खुलकर इस विषय पर बात करें और समय पर जांच करवाएं, ताकि इस गंभीर बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
Baten UP Ki Desk
Published : 17 March, 2025, 5:50 pm
Author Info : Baten UP Ki