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अगले दो महीनों में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण हासिल करेगा देश, ऊर्जा नीति में होगा ऐतिहासिक बदलाव...

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक ऐतिहासिक कदम की घोषणा करते हुए बताया कि भारत अगले दो महीनों में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण (ई20) का मील का पत्थर हासिल करने जा रहा है। इस पहल को लागू करने से जहां प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी नई दिशा मिलेगी। इथेनॉल मिश्रण की शुरुआत 2001 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी, लेकिन आज यह कदम न सिर्फ पर्यावरणीय बदलाव का प्रतीक बन चुका है, बल्कि यह भारत के आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र में भी एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है।

ई20 से प्रदूषण नियंत्रण और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि ई20 के उपयोग से प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। भारत के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 42 शहर भारतीय हैं, और इस स्थिति को सुधारने के लिए ई20 एक मजबूत कदम साबित हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात होता है, जिससे प्रदूषण और आयात पर निर्भरता दोनों बढ़ती हैं।

नवीनतम तकनीक और वाहनों में बदलाव: बायो-एथेनॉल से दौड़ने वाली कारें

गडकरी ने यह भी बताया कि प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियाँ जैसे टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी और हुंडई ने ऐसे वाहन तैयार करना शुरू कर दिया है जो 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल पर चलते हैं। यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि भारत के स्वदेशी ईंधन स्रोतों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन: 2023 में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल लॉन्च किया था, और पहले चरण में 15 शहरों को कवर किया गया था। गन्ने, टूटे हुए चावल और अन्य कृषि उपज से निकाले गए इथेनॉल का उपयोग करके, भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अपनी विदेशी निर्भरता को कम करने की दिशा में अग्रसर है।

वातावरण पर प्रभाव: ई20 के उपयोग से उत्सर्जन में कमी

ई20 के उपयोग से, ई0 (साफ पेट्रोल) की तुलना में दोपहिया वाहनों में कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन में लगभग 50 प्रतिशत और चार पहिया वाहनों में 30 प्रतिशत की कमी आती है। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक अहम योगदान प्रदान करेगा।

अतीत से वर्तमान तक: 10 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य की सफलता

भारत ने पहले ही जून 2022 में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल कर लिया था, जो पहले निर्धारित लक्ष्य से काफी पहले था। अब अगले दो महीनों में 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करना भारत की ऊर्जा और पर्यावरणीय नीतियों में सफलता का प्रतीक होगा।

भारत की हरित ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ता हुआ कदम

भारत का 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य, न केवल प्रदूषण नियंत्रण और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक व्यापक हरित ऊर्जा नीति का हिस्सा है, जो देश के भविष्य को हरित और सस्टेनेबल बनाएगा।

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