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35 साल की उम्र वालों पर है इन गंभीर बीमारियों का जोखिम, जानिए बचाव के क्या हैं तरीके...

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हाल ही में एक चौंकाने वाले अध्ययन ने यह जाहिर किया है कि भारत में बच्चों और किशोरों के बीच मोटापे और गलत जीवनशैली के कारण डायबिटीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) की रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि 15 से 70 साल के आयु समूह के 70% युवा मोटापे से ग्रस्त हैं, जिनमें से 5% को मधुमेह का सामना करना पड़ा है। इस डेटा ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर इस चलन को रोका नहीं गया, तो आने वाले समय में 35 साल की उम्र तक इन बच्चों को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

बच्चों में मधुमेह के बढ़ते मामलों का कारण

डा. सुबोध जैन के अनुसार, 15 से 20 साल तक की उम्र के बच्चों में मधुमेह की समस्या बढ़ रही है। इन बच्चों का अधिकांश समय स्क्रीन पर ही बितता है, जिसमें खेल-कूद के लिए वक्त नहीं निकल पाता। इसके अलावा, इनके भोजन में हरी सब्जियों, दाल, फल और सलाद की बजाय फास्ट फूड की खपत अधिक है। इसके परिणामस्वरूप, इन बच्चों में हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, आंखों की रोशनी कम होना, नसों की समस्याएं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हो रही है।

तनाव और नींद की कमी का भी असर

मधुमेह के बढ़ने का एक अन्य प्रमुख कारण है तनाव और नींद की कमी। डॉक्टरों का कहना है कि हमारे जीवनशैली में हुए बदलावों के कारण अब मधुमेह के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज की दर भी 20-25% तक बढ़ चुकी है, जो एक चिंताजनक संकेत है।

क्या करें: स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाएं

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या से निपटने के लिए बच्चों और किशोरों में जागरूकता बढ़ानी होगी और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा।

  • व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें: रोजाना 30 मिनट की तेज़ गति से वॉक करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक शारीरिक गतिविधि करें।
  • फास्ट फूड से बचें: बच्चों में फास्ट फूड की लत को कम करने के लिए स्कूलों में प्रतिबंध लगाना और पौष्टिक आहार को बढ़ावा देना जरूरी है।
  • वजन नियंत्रण: अगर कोई व्यक्ति 14-15 किलो वजन कम कर सकता है तो दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है।
  • पैदल चलने और साइकिल का इस्तेमाल करें: छोटी दूरी के लिए पैदल चलें या साइकिल का उपयोग करें, ताकि शरीर को सक्रिय रखा जा सके।

सीढ़ियों का प्रयोग करें:

 लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें ताकि पैरों की मांसपेशियां मजबूत हों।

भारतीय जीवनशैली अपनाएं

इस बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए, भारतीय जीवनशैली और खानपान को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। ज्यादा हरी सब्जियां, दाल, मोटे अनाज और फल-सलाद खाना जरूरी है। शारीरिक गतिविधियों को बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा, ताकि आने वाले समय में मधुमेह और अन्य बीमारियों का खतरा कम हो सके।

क्या है विशेषज्ञों की राय? 

विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा और तनाव मधुमेह के मुख्य कारण हैं। इलाज के अलावा स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से बच्चों और किशोरों को पौष्टिक आहार और शारीरिक गतिविधियों के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए। यह जागरूकता और सही खानपान की आदतें अपनाकर हम मधुमेह और उससे जुड़ी अन्य बीमारियों को रोका जा सकता है।

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