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17 मुलाकातें, कई अहम मुद्दे, भारत के सुख-दुख का साथी, ऐसी है पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती..

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आज पीएम मोदी ने बड़ी तादाद में लोगों के हुजूम को संबोधित किया और उस हुजूम ने बहुत गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। ये हुजुम भारत का नहीं बल्कि यहां से लगभग 5 हजार किलोमीटर दूर रह रहे  रूस की राजधानी मॉस्को में हजारों भारतवंशियों का था। पीएम मोदी का आज रूस दौरे का दूसरा दिन है, यहां लोगों का अभिवादन करते उन्होंने कहा,"मैं अकेला नहीं आया हूं, मैं अपने साथ बहुत कुछ लेकर आया हूं। मैं अपने साथ हिंदुस्तान की मिट्टी की महक लेकर आया हूं। मैं अपने साथ 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं।" पीएम ने कहा- भारत-रूस के बीच अनोखा रिश्ता है। रूस का नाम सुनते ही भारतीयों के मन में आता है, हमारा सुख-दुख का साथी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में भारतीय लोगों के सामने कहा कि उनके लिए हर चुनौती को चुनौती देना उनके डीएनए में है। उन्होंने भारतीयों के संघर्ष, उनकी उपलब्धियों और उनके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की। अपने भावनात्मक संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच सदियों पुराना संबंध है और रूस हमेशा भारत के सुख-दुख का साथी रहा है।

भारतीयों की ताकत और चुनौतियों का सामना-

पीएम मोदी ने भारतीयों की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा, "चाहे वह सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक क्षेत्र हो, भारत ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है और उन्हें पार किया है। चुनौतियों का सामना करना और उन्हें हराना हमारे डीएनए में है।"

भारत-रूस के बीच अटूट मित्रता-

प्रधानमंत्री ने भारत और रूस के ऐतिहासिक संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। उन्होंने कहा, "रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है, चाहे वह युद्ध का समय हो या शांति का। दोनों देशों के बीच की मित्रता अटूट है और इसे किसी भी प्रकार की चुनौती नहीं तोड़ सकती।"

भारतीय संस्कृति और सभ्यता-

मोदी के इस संबोधन में भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों की भी झलक देखने को मिली। उन्होंने कहा, "भारतीय समुदाय चाहे दुनिया के किसी भी कोने में हो, वे हमेशा अपने मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखते हैं।" उन्होंने भारतीय मूल्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय अपने संस्कृति और सभ्यता को दुनिया भर में फैलाने में सफल रहे हैं।

भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया-

प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन को भारतीय समुदाय ने बहुत सराहा। मॉस्को में मौजूद भारतीयों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके साथ अपनी भावनाओं को साझा किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भारतीयों से बातचीत की और उनकी समस्याओं और उपलब्धियों के बारे में जाना।

भारत की एकजुटता और संस्कृति-

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के माध्यम से एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत की ताकत उसकी एकजुटता, संस्कृति और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता में है। उन्होंने कहा, "हम भारतीय अपने संस्कारों और मूल्यों के साथ जहां भी जाते हैं, वहां की धरती को समृद्ध करते हैं।"

वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका-

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, "भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति और प्रभाव यह दर्शाता है कि हमारी आर्थिक और राजनीतिक ताकत को विश्व मान्यता दे रहा है। हम आगे बढ़ रहे हैं और दुनिया के विभिन्न देशों के साथ मजबूत संबंध बना रहे हैं।"

रूस में भारतीयों की सफलता-

प्रधानमंत्री ने मॉस्को में भारतीय समुदाय की उपलब्धियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "आप सभी ने अपने परिश्रम और समर्पण से यहां अपनी पहचान बनाई है और भारत का नाम रोशन किया है।"

अब तक इतने बार मिले हैं पुतिन-मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस की दोस्ती के लिए मैं विशेष रूप से अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन की लीडरशिप की भी सराहना करूंगा। उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस पार्टनरशिप को मज़बूती देने के लिए शानदार काम किया है। बीते 10 सालों में मैं छठी बार रूस आया हूं और इन सालों मैं हम एक दूसरे से 17 बार मिल चुके हैं।

कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा-

पीएम मोदी, राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए सोमवार शाम रूस पहुंचे। फरवरी 2022 में मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी, जब उन्होंने सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था।

 

 

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