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जीभ का रंग देखकर जानें अपनी सेहत का हाल, कहीं आपको ये बीमारी तो नहीं?

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हमारे शरीर में स्वास्थ्य समस्याओं के शुरुआती संकेत अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं, जबकि समय पर ध्यान देने से बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जीभ का रंग और बनावट शरीर में होने वाली आंतरिक समस्याओं का प्रमुख संकेत हो सकता है। जीभ का सामान्य रंग हल्का गुलाबी-लाल होता है, लेकिन इसमें कोई असामान्य बदलाव आने पर इसे अनदेखा करना जोखिमभरा हो सकता है। आइए जानते हैं, जीभ के विभिन्न रंग कैसे आपके स्वास्थ्य की ओर इशारा कर सकते हैं।

1. पीली या नारंगी जीभ: संक्रमण या मधुमेह का संकेत?

यदि आपकी जीभ का रंग पीला हो गया है, तो यह आमतौर पर बैक्टीरिया के जमाव का संकेत हो सकता है। खराब मौखिक स्वच्छता या मुंह में नमी की कमी से जीभ पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं। 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, पीली जीभ मधुमेह जैसी बीमारी की ओर इशारा कर सकती है। साथ ही, पीलिया जैसी गंभीर स्थिति में भी जीभ का रंग पीला दिखाई देता है। जीभ के नारंगी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कुछ एंटीबायोटिक्स या विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन। कभी-कभी ओरल हाइजीन में कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है।

2. सफेद धब्बे: थ्रश या ल्यूकोप्लाकिया का खतरा

अगर आपकी जीभ पर सफेद धब्बे नजर आते हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह थ्रश फंगल संक्रमण का संकेत हो सकता है, जो मुंह में बैक्टीरिया के असंतुलन से उत्पन्न होता है। इसके अलावा, ल्यूकोप्लाकिया नामक समस्या में भी जीभ पर सफेद धब्बे या पैच नजर आ सकते हैं, जो मुंह के कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

3. नीली जीभ: ऑक्सीजन की कमी या गंभीर बीमारियों का इशारा

यदि जीभ का रंग नीला हो जाता है, तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है। यह रक्त में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है, जो रक्त वाहिकाओं या हृदय से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा करता है। किडनी से जुड़ी बीमारियों में भी जीभ का नीला होना आम बात है। कुछ मामलों में, यह एक्जिमा जैसी एलर्जी की प्रतिक्रिया का परिणाम हो सकता है।

4. काली जीभ: खराब स्वच्छता या दवाओं का असर

कभी-कभी जीभ का रंग काला हो सकता है, जो सामान्यतः मुंह की सफाई में लापरवाही, तंबाकू का सेवन, या कुछ दवाओं के असर से हो सकता है। इसे ‘ब्लैक हैरी टंग’ कहा जाता है। अगर आपकी जीभ पर ऐसा बदलाव नजर आए, तो ओरल हाइजीन का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।

5. लाल जीभ: विटामिन की कमी या संक्रमण

जीभ का गहरा लाल या स्ट्रॉबेरी जैसा रंग होना, शरीर में विटामिन बी12 या फोलिक एसिड की कमी का संकेत हो सकता है। स्कारलेट फीवर जैसी बीमारियों में भी जीभ का रंग लाल हो सकता है, इसलिए इसे हल्के में लेना सही नहीं है।

6. जीभ की बनावट में बदलाव: सूजन और दरारें

जीभ का केवल रंग ही नहीं, बल्कि उसकी बनावट भी आपकी सेहत का संकेत दे सकती है। अगर जीभ सूजी हुई है, तो यह एलर्जी या आंतरिक सूजन का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा, जीभ में दरारें होना कुछ त्वचा रोगों या पौष्टिक तत्वों की कमी का संकेत हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह जीभ का ऐसे रखें ध्यान-

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि जीभ में किसी भी असामान्य बदलाव को नजरअंदाज न करें। समय-समय पर जीभ की स्थिति पर नजर रखना और किसी भी बदलाव पर डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। अक्सर जीभ के रंग में छोटे बदलाव हानिरहित होते हैं, लेकिन अगर यह बदलाव लंबे समय तक बना रहता है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।जीभ की सही देखभाल और साफ-सफाई रखना भी आवश्यक है। इसके लिए नियमित रूप से ब्रश करने के अलावा, जीभ को भी साफ करें ताकि मुंह में बैक्टीरिया का जमाव न हो और आप बीमारियों से बचे रहें। जीभ के रंग और बनावट में आने वाले बदलाव हमारे स्वास्थ्य का आईना होते हैं। शरीर में होने वाली आंतरिक समस्याओं का यह एक सरल और प्रभावी संकेत हो सकता है। इसलिए, अपनी जीभ पर नजर रखें और किसी भी असामान्य बदलाव को गंभीरता से लें।

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