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भारतीयों के लिए सऊदी अरब में नौकरी पाना हुआ मुश्किल, जानिए क्या है ब्लॉक वर्क वीजा...

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सऊदी अरब में नौकरी करने का सपना देख रहे भारतीयों के लिए एक बड़ी बाधा सामने आई है। खाड़ी देश ने 14 देशों के लिए 'ब्लॉक वर्क वीजा' जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी है। इस लिस्ट में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। सऊदी सरकार के इस फैसले से हजारों विदेशी वर्कर्स की योजना पर असर पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेंडिंग वर्क वीजा के लिए आवेदन स्थगित या अस्वीकृत किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, जिनके पास पहले से वैलिड वर्क वीजा है और वे अभी तक सऊदी अरब नहीं पहुंचे हैं, उन्हें भी प्रवेश से इनकार किया जा सकता है।

यह कदम मई 2025 में लागू हुआ है और जून के आखिर तक प्रभावी रहेगा। जानकारों के अनुसार, इस फैसले का असर दीर्घकालिक भी हो सकता है।

किन देशों पर लागू है रोक?

'अरब टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 14 देशों पर यह रोक लगाई गई है, उनमें शामिल हैं:

  • भारत

  • पाकिस्तान

  • बांग्लादेश

  • मिस्र

  • इंडोनेशिया

  • इराक

  • नाइजीरिया

  • जॉर्जिया

  • अल्जीरिया

  • सूडान

  • इथियोपिया

  • ट्यूनिशिया

  • यमन

  • मोरक्को

ब्लॉक वर्क वीजा क्या है?

खाड़ी देशों में काम करने के इच्छुक विदेशी वर्कर्स के लिए कंपनियां आमतौर पर ब्लॉक वर्क वीजा का इस्तेमाल करती हैं। यह एक प्री-अप्रूव्ड वीजा कैटेगरी है, जिसे सऊदी अधिकारी बड़ी संख्या में कंपनियों को जारी करते हैं।इस वीजा के जरिए कंपनियां विदेशों में हायरिंग करती हैं और वर्कर्स को सऊदी अरब लाकर नौकरी पर रखती हैं।
हाउसहोल्ड, हॉस्पिटैलिटी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में इसी माध्यम से अधिकतर वर्कर्स की नियुक्ति होती है।

रोक लगाने के पीछे क्या वजहें?

हालांकि सऊदी सरकार ने औपचारिक रूप से इस रोक की स्पष्ट वजह नहीं बताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कदम के पीछे सुरक्षा और प्रशासनिक चिंताएं अहम वजह मानी जा रही हैं। विशेष रूप से हज के दौरान तीर्थयात्रियों के प्रबंधन और इमिग्रेशन नियमों के कड़े अनुपालन के चलते यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, माना जा रहा है कि हज समाप्त होने के बाद भी यदि यह रोक जारी रहती है, तो सऊदी सरकार का उद्देश्य स्थानीय नागरिकों को नौकरी के अधिक अवसर देना भी हो सकता है। सऊदी सरकार 'सऊदीकरण' यानी 'स्थानीयकरण' नीति के तहत कई क्षेत्रों में अपने नागरिकों को रोजगार देने पर जोर दे रही है।

कंपनियों में बढ़ी चिंता

इस फैसले के चलते भारत समेत अन्य प्रभावित देशों के हजारों कामगारों की योजना अधर में लटक गई है। वहीं, सऊदी की कंपनियों में भी लेबर मार्केट की जरूरतों को लेकर चिंता बढ़ रही है।कंपनियों को अब यह समझ नहीं आ रहा है कि विदेशों से कुशल व अनस्किल्ड वर्कफोर्स की कमी को कैसे पूरा करेंगी। भारत से हर साल बड़ी संख्या में लोग ब्लॉक वर्क वीजा के जरिए सऊदी में रोजगार के लिए जाते हैं। इस रोक ने उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है।

आगे क्या?

फिलहाल यह रोक जून के अंत तक लागू रहेगी, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर इससे आगे भी जारी रह सकता है। अगर सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसकी समयसीमा बढ़ाई तो भारत समेत अन्य प्रभावित देशों के वर्कर्स और कंपनियों पर इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। सऊदी अरब में रोजगार के बड़े अवसर तलाश रहे भारतीयों के लिए यह फैसला निश्चित ही झटका है। अब यह देखना होगा कि जून के बाद सरकार इस नीति को जारी रखती है या इसमें कोई ढील दी जाती है।

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